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सरकार उद्योग जगत पर पूरी तरह और व्यापक रूप से भरोसा करती है-वित्त मंत्री

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशेष जोर देते हुए कहा है कि सरकार उद्योग जगत पर पूरी तरह और व्यापक रूप से भरोसा करती है। उन्‍होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वह अब और भी अधिक प्रोफेशनल नजरिए से श्रम या कामगारों को काम पर लगाने की योजना बनाए तथा इसके साथ ही उनका कौशल बढ़ाने में भी जुटे। वित्त मंत्री ने कहा, ‘उद्योग जगत में विचार मंथन करने वालों को इस तरह से कामगारों को काम पर लगाने की मिसाल पेश करने की जरूरत है जो सभी को स्वीकार्य हो।’

वित्त मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ बातचीत में ये बातें कहीं, जिसकी स्‍थापना के 125 वर्ष 2020 में पूरे हो रहे हैं। इस उत्‍कृष्‍ट उपलब्धि के लिए सीआईआई को बधाई देते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सीआईआई ने देश में अत्‍यंत अहम भूमिका निभाई है और इसके सदस्यों ने भी अपने-अपने सेक्‍टरों में मजबूत भूमिका निभाई है। उन्‍होंने सीआईआई से नीति निर्माण प्रक्रिया में एक प्रतिमान या आदर्श बनने का आह्वान किया।

इस संवाद में  अजय भूषण पांडेय, वित्त सचिव, वित्त मंत्रालय;  इंजेती श्रीनिवास, सचिव, एमसीए,  देबाशीष पांडा, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, डॉ. टी.वी. सोमनाथन, सचिव, व्यय विभाग,  तुहिन कांता पांडेय, सचिव, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग,  तरुण बजाज, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग और डॉ.कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन, मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भाग लिया।

वित्त मंत्री ने कहा कि उद्योग जगत को कामगारों के साथ अपने संबंधों को नए सिरे से तय करने और अकुशल कामगारों सहित सभी कामगारों के लिए योजना बनाने की जरूरत है। उन्‍होंने उद्योग जगत से अकुशल श्रमि‍कों को काम पर लगाने के लिए प्रोफेशनल नजरिए से विचार करने और सभी स्‍तरों पर कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

एमएसएमई सेक्‍टर के संबंध में एक सवाल पर श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यहां तक कि कोविड-19 से पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों की सहायता हेतु एमएसएमई और एनबीएफसी के लिए स्पष्ट रूप से मार्गदर्शन करने की घोषणा की गई थी। उन्‍होंने कहा कि अतिरिक्त सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी ऋण के लिए ऋण उपलब्धता का उद्देश्‍य सभी एमएसएमई तक पहुंचना है, इसलिए सरकार ने ऋण देने में हिचकिचाहट या संकोच को दूर करने के लिए बैंकों को गारंटी प्रदान की है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार लॉकडाउन के बाद विशेष उद्देश्‍य कंपनी के साथ पूर्ण और आंशिक गारंटी प्रदान कर रही है, इसलिए बैंकों का संकोच दूर कर दिया गया है।’

कृषि से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि व्यापक सुधारों की घोषणा कर दी गई है। तीन मॉडल अधिनियम राज्य सरकारों के साथ साझा किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने भूमि सुधारों पर काम शुरू कर दिया है। वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि मांग व्‍यापक रूप से बढ़ सके। उन्‍होंने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को सामने लाया जाएगा और इनसे सकारात्मक ऊर्जा और भावनाएं आएंगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी पर निष्पक्ष और खुली चर्चा हुई है जो अंतर्प्रवाह या आवक के मामले में निचले स्तर पर आ गया है। इस पर चर्चा चल रही है।  उन्‍होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बिजली क्षेत्र में 90,000 करोड़ रुपये की तरलता को जल्‍द सुनिश्चित किया जाएगा। सीआईआई के महानिदेशक  चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि उद्यमियों ने एमएसएमई की नई परिभाषा का स्‍वागत किया है, जैसा कि सीआईआई के सर्वेक्षण से पता चला है।

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