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कर्तव्य पथ पर दिखी सांस्कृतिक विरासत और नारी शक्ति की झलक

नयी दिल्ली : पचहत्तरवें गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता की अनोखी झलक देखने को मिली ।

  • इस वर्ष कर्तव्य पथ पर 16 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों और नौ मंत्रालयों की झांकियां निकाली गयीं .
  • इस वर्ष की झांकी और परेड में नारी को विशेष महत्व दिया गया था.
  • सबसे पहले झांकी अरुणाचल प्रदेश की निकाली गयी। विकसित भारत थीम पर आधारित बहुगुन सामुदायिक रिजर्व को दर्शाती अरुणाचल प्रदेश की झांकी जब कर्तव्य पथ से गुजरी तो दर्शकों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजायी की .
  • हरियाणा सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान’ को दर्शाती हरियाणा की झांकी जब कर्तव्य पथ पर निकली तो लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजायी की।
  • मणिपुर की झांकी थम्बालगी लंगा-कमल के धागे पर आधारित थी। इसमें एक महिला लोकटाक झील से कमल की इंडिया एकत्र करती हुयी नजर आयी
  • मध्य प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर और प्रगतिशील नारी शक्ति पर केंद्रित थी। मध्य प्रदेश की झांकी जब कर्तव्य पथ से गुजरी तो लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों का अभिवादन किया
  • ओडिशा की झांकी में देश के आर्थिक विकास में महिलाओं को समान अवसर दिये जाने पर जोर दिया गया गया था, जिसकी महिला दर्शकों ने जमकर तारीफ की
  • छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर की ‘आदिम जनसंसद’ मुरिया दरबार को दर्शाया गया और इसके तहत जनजातीय समाज में आदि काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दिखाया गया
  • आंध्र प्रदेश की झांकी में शिक्षा क्षेत्र में किये जा रहे सुधारों और विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के विषय पर आधारित की, जिसकी लोगों ने खूब तारीफ की और तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजायी की
  • लद्दाख की झांकी में रोजगार के माध्यम से किये जा रहे महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाया गया
  • तमिलनाडु की झांकी में राज्य में 10वीं शताब्दी के चोल युग में कुदावेलायी यानी ताड़ के पत्तों के जरिये मतदात की प्रक्रिया को दर्शाया गया
  • गुजरात के सीमा पर्यटन की वैश्विक पहचान धोरड़ो को दर्शाती हुयी गुजरात की झांकी जब कर्तव्य पथ से गुजरी लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों का अभिवादन किया। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित उनके साथ दीर्घा में बैठे तमाम नेताओं ने तालिया बजाकर कलाकारों की हौसला अफजायी की। कई नेता तो खड़े होकर तालिया बजा रहे थे
  • मेघालय की झांकी में राज्य में फलते-फूलते पर्यटन को दर्शाया गया। इसमें चेरी ब्लासम फूलों का मोहे प्रदर्शन किया गया
  • झारखंड की झांकी में तसर सिल, जिसे कोसा अथवा वन्य सिल्क कहा जाता था और अब इसे अहिंसा सिल्क के नाम से जाना जाता है, को दर्शाया गया
  • विकसित भारत: समृद्ध विरासत विषय पर आधारित उत्तर प्रदेश की झांकी में राम लला की सुंदर प्रतिमा को दर्शाया गया। साथ ही ट्रेलर पर कलश के प्रतीक के साथ दो साधुओं को दिखाया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी जब कर्तव्य पथ से गुजरी तो लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाये और तालियां बजाकर कलाकारों का अभिवादन किया।
  • जमीनी स्तर पर लोकतंत्र: तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत पर आधारित तेलंगाना की झांकी में कोमाराम भीम, रामजी गौंड तथा चित्याला इलमा द्वारा ब्रिटिश काल में लोक कथाओं को जीवित रखने के लिये उठाये गये कदमों को दर्शाया गया, जिसकी दर्शकों ने दिल खोल कर तारीफ की.

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