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रामोत्सव 2024 : एक और दीवाली के लिये तैयार देश

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या समेत पूरे देश में उत्सव का माहौल

अयोध्या : लगभग 500 वर्ष के इंतजार के बाद अयोध्या में सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि पर नवनिर्मित भव्य मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विराजमान का साक्षी बनने को देश दुनिया के करोड़ों रामभक्त तैयार हैं और इस प्रसन्नता को व्यक्त करने के लिये उन्होने अपने घरों,चौबाराें को रोशन करने के विशेष इंतजाम किये हैं।कल्पना करें तो यह कुछ ऐसा ही अवसर होगा जिसका वर्णन रामचरितमानस जैसे धार्मिक ग्रंथों में किया गया है जब त्रेता युग में भगवान राम अपना अर्धागिंनी मां जानकी और भ्राता लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे और अयोध्यावासियों ने उनके आने की खुशी में घी के दीपक जलाये थे।

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प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या समेत पूरे देश में उत्सव का माहौल है। लोगों ने अपने घर,मंदिर को रामनामी झंडों और बिजली की झालरों से सजाया है वहीं 22 जनवरी की शाम घी के दीपक जलाने की पूरी तैयारी कर रखी है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत संत समाज और अति विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में रामलला के श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक अनुष्ठान सोमवार दोपहर संपन्न होगा। इस अवसर पर पूरी अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या धाम समेत पूरे देश के मंदिरों में राम संकीर्तन और राम चरित मानस का पाठ हो रहा है।

Glimpses of preparations of the Ram Lalla Pran Pratishtha celebrations at Ayodhya, in Uttar Pradesh on January 21, 2024.

फूलों से सजी अयोध्या जी में जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है। सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है। हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं। सोमवार शाम को भव्य दीपोत्सव की तैयारी है। ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है। जनवरी में ही दीपावली का अहसान हो रहा है।प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर समेत पूरे अयोध्या धाम को फूलों से सजाया गया है। जन्मभूमि स्थान में अलग-अलग तरह के देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई है, जबकि जन्मभूमि पथ, राम पथ, धर्म पथ और लता चौक पर भी सुंदर फूलों की सजावट है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं। विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है।

लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है। पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है।राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है। अयोध्या धाम का ऐसा कोई स्थान नहीं जो फूलों से या एलईडी लाइटिंग से रौशन न किया गया हो। यही नहीं, अयोध्या आने वाले विभिन्न हाईवे भी फूलों और लाइट से सजाए गए हैं। कुल मिलाकर अयोध्या में स्वर्ग जैसा अहसास हो रहा है। इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद अयोध्या में दस लाख दीयों से दीपोत्सव की भी तैयारी की गई है। वहीं पूरे देश और दुनिया में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा।श्री मोदी और श्री योगी ने सूर्यास्त के बाद देशवासियों से कम से कम पांच दीप प्रज्ज्वलित करने का आग्रह किया है।

भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सीएम योगी एक दिन पहले ही अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं। वहीं पीएम मोदी सुबह 10.25 पर अयोध्या धाम के महर्षि बाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। 10.45 पर अयोध्या हैलीपैड पर उनका आगमन होगा। यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, जबकि दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। दोपहर एक बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे। यहां सीएम योगी भी अपना उद्बोधन देंगे।समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे।

वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। इसके अतिरिक्त प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थित रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से ही शुरू हो चुकी है। 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था, वहीं 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था। 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया। 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया।

प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आठ हजार से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसमें साधु संतों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों को बुलाया गया है। देर रात तक इनमें से कई लोग अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं, जबकि बाकी लोग भी 22 को सुबह तड़के पहुंचने वाले हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी। इसके साथ ही, भारत के इतिहास में पहली बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है।

प्राण प्रतिष्ठा में विभिन्न परंपराओं के लोगों को भी स्थान दिया गया है। शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी। गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा।

श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्​देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है। एसपीजी, एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ कोबरा, सीआईएसएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। चप्पे-चप्पे पर यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। घरों की छतों से लेकर अहम लोकेशंस पर स्नाइपर्स की भी तैनाती है। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ भी गतिविधियों पर नजर रख रही है। धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों को अतिरिक्त तैनात किया गया है।

वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है।श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड भी उपलब्ध है। योगी सरकार ने धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आईटीएमएस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी का भी सहारा ले रही है। एआई तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है।सरकार ने आने वाले मेहमानों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। पार्किंग के लिए 51 स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन पार्किंग में करीब 23 हजार वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। इतना ही नहीं पार्किंग के लिए किसी को भटकना न पड़े इसके लिए पार्किंग स्थलों को गूगल मैप पर अपलोड किया गया है। वहीं पार्किंग स्थलों को वीवीआईपी, वीआईपी और अन्य मेहमानों के लिए भी रिजर्व किया गया है। इन पार्किंग को वायरलेस और पीए सिस्टम से लैस किया गया है।प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी कमर कस ली है।

सीएमओ डॉ.संजय जैन ने बताया कि विभाग द्वारा आयोजन क्षेत्र के सोलह स्थानों पर श्रीराममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ मिलकर फर्स्ट एड यूनिट बनाई गई है। इस यूनिट में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट व एक वॉर्ड बॉय की मौजूदगी रहेगी। इनके अलावा दो अस्पताल भी बनाए गए हैं, जिसकी क्षमता 10 व 20 बेड की होगी। इसके अलावा 40 एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। मेडिकल कॉलेज, श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या, जिला अस्पताल अयोध्या, महिला जिला अस्पताल व कुमारगंज के चिकित्सालय मे 190 बेड आपातकालीन स्थिति के लिए आरक्षित रखे गए हैं।प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए अयोध्या-लखनऊ, अयोध्या-गोरखपुर, अयोध्या-प्रयागराज और अयोध्या-वाराणसी हाईवे को ग्रीन कॉरिडोर में बदला गया है। स्वयं के हेलिकॉप्टर व प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से आने वाले वीवीआईपी के लिए महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम के साथ-साथ 5 राज्यों के 12 शहरों के एयरपोर्ट्स में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्रिकेट जगत, फिल्म जगत, संत समाज, राजनीति, कला, साहित्य और संस्कृति समेत अन्य क्षेत्रों के अतिविशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। अयोध्या धाम में इन अतिथियों का आगमन शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 जनवरी को छुट्टी का ऐलान किया है, जबकि केंद्र सरकार ने दोपहर ढाई बजे तक हाफ डे छुट्टी घोषित की है। वहीं कई अन्य राज्य और प्रतिष्ठानों ने भी यूपी और केंद्र सरकार की तर्ज पर पहल करते हुए छुट्टी की घोषणा की है।(वार्ता)

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