National

बालासोर ट्रेन हादसे में शीर्ष न्यायालय में जनहित याचिका दायर

रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर वैष्णव का इस्तीफा लें मोदी : कांग्रेस

नयी दिल्ली : ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसा मामले में सर्वोच्च न्यायालय में वकील विशाल तिवारी ने एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें उन्होंने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है जिसमें 288 लोगों की मौत हो गई जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए।श्री तिवारी ने कहा कि उन्होंने बालासोर में हुए भयानक ट्रेन दुर्घटना को लेकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है।

उन्होंने कहा कि इस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए वह सोमवार या मंगलवार को शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले को रखेंगे।बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में श्री तिवारी ने शीर्ष अदालत से रेलवे के सुरक्षा मापदंडों की न्यायिक समीक्षा करने और ‘कवच’ को लागू करने मांग की गई है।उच्चतम न्यायालय के सामने 54 पन्नों की याचिका में उन्होंने कहा, “मैं सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में कवच सुरक्षा पद्धति नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली को लागू करने हेतु निर्देश देने की मांग करता हूं।

”याचिकाकर्ता तिवारी ने उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है और मांग किया है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया जाए और दो जून को हुए ट्रेन हादसे की जांच कराने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने मांग किया कि जांच आयोग को दुर्घटना के मूल कारणों का पता लगाना चाहिए और शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए।

रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर वैष्णव का इस्तीफा लें मोदी : कांग्रेस

कांग्रेस ने ओडिशा में हुई रेल दुर्घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पीड़ित परिजनों के प्रति रविवार को संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस दुघर्टना में करीब 300 निर्दोष यात्री मारे गए हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का इस्तीफा लेना चाहिए।कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा तथा पार्टी के राज्य सभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले बड़ी रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री, माधवराव सिंधिया तथा नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दिया था और इस बार श्री मोदी को नैतिक जिम्मेदारी के आधार पर रेल मंत्री से इस्तीफा मांगना चाहिए।उन्होंने कहा, “इस्तीफा देने का मतलब है नैतिक जिम्मेदारी लेना। इस सरकार में न जिम्मेदारी दिखती है, न नैतिकता।

प्रधानमंत्री जी, ये देश उम्मीद करता है कि जिस तरह लाल बहदुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी, माधव राव सिंधिया जी ने इस्तीफा दिया था… उस तरह आप भी अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लें।”कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार में रेलवे ट्रैक की मरम्मत और उनके नवीनीकरण का बजट हर साल कम होता जा रहा है। यही नहीं जो बजट है उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। कैग की रिपोर्ट बताती है कि 2017 से 2021 के बीच ट्रेनों के पटरी से उतरने की कुल 1,127 घटनाएं हुई हैं।केंद्र सरकार पर रेलवे को खोखला करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा,“ ‘हम हाई-स्पीड ट्रेन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन 10-15 चमकती ट्रेन दिखाकर आप पूरा ढांचा खोखला कर देंगे, ये मंजूर नहीं है। आप रेल मंत्री के ट्विटर टाइमलाइन पर जाएंगे तो रेलवे की हकीकत दिख जाएगी। रेल विभाग में 3.12 लाख पद खाली हैं। नौ फरवरी को रेल मंत्रालय में सर्कुलेट हुई आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया था कि सिग्नल इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामी है। ये सही नहीं हुई तो हादसे होते रहेंगे।

सवाल है कि इस रिपोर्ट को लेकर सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।”उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री सदी के सबसे भयावह रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेकर रेल मंत्री का इस्तीफा लेंगे। संसद की स्थाई समिति की इस संबंध में आई रिपोर्ट पर प्रधनमंत्री की तरफ से कौन जवाब देगा।उन्होंने कहा ,“आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार में रेलवे सुरक्षा के लिए अलग इंजीनियर्स की टीम होती थी, जो रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और उनकी मरम्मत का काम देखती थी। आजादी के बाद हमारी सरकारों ने तय किया कि रेलवे अपना मुनाफा देखेगा। ऐसे में यात्री तथा रेलवे सुरक्षा की चिंता करते हुए अलग से रेलवे सुरक्षा आयोग बनाया था जिसे नागरिक उड्डयन के अंतर्गत रखा गया था। रिपोर्ट में रेलवे बोर्ड की यह कहते हुए आलोचना की गई थी कि वह रेलवे सुरक्षा आयोग की सिफारिशों पर ध्यान नहीं दे रहा था।”(वार्ता)

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button