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भारत को वैकल्पिक वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए निवेश करें: मोदी

इंदौर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशकों एवं प्रवासी भारतीय कारोबारी जगत का बुधवार को आह्वान किया कि वे विश्व में वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना के लिए देश में कृषि, स्वास्थ्य, नवाचार और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में निवेश करें और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी प्रगति भी दो कदम आगे रहेगी।श्री मोदी ने यहां आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते किया। इस मौके पर गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति एवं कारोबारी उपस्थित थे। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी वर्चुअल ढंग से संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत के निर्माण में मध्य प्रदेश की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आस्था, अध्यात्म से लेकर पर्यटन तक, कृषि से लेकर शिक्षा और कौशल विकास तक, एमपी अजब भी है, गजब भी है और सजग भी है।”उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में ये कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब भारत की आज़ादी का अमृतकाल शुरु हो चुका है। हम सभी मिलकर विकसित भारत के निर्माण के लिए जुटे हुए हैं। विकसित भारत सिर्फ हमारी आकांक्षा नहीं, बल्कि ये हर भारतीय का संकल्प है। खुशी की बात है कि हम भारतीय ही नहीं, बल्कि दुनिया की हर संस्था, हर विशेषज्ञ इसको लेकर आश्वस्त दिख रहा है।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक जैसी संस्थाओं ने भारत को वैश्विक मंदी में एक जाज्वल्यमान बिन्दु के रूप में देखा है। ओईसीडी ने जी 20 समूह में भारत को सबसे तीव्र गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक बताया है। भारत अगले चार पांच साल में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। इसीलिए भारत में विदेशी पूंजी निवेश के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। भारत के प्रति आशा का कारण यहां सशक्त लोकतंत्र, युवा आबादी और राजनीतिक स्थिरता है। आत्मनिर्भर भारत अभियान ने इसे निवेश का सबसे आकर्षक स्थल बनाया है।

श्री मोदी ने कहा, “एक स्थिर सरकार, एक निर्णायक सरकार, सही नीयत से चलने वाली सरकार, विकास को अभूतपूर्व गति देकर दिखाती है। देश के लिए हर जरूरी फैसले, उतनी ही तेजी से लिए जाते हैं।” उन्होंने बीते 8 वर्षों में किए गए सुधारों की चर्चा करते कहा कि सुधारों की गति एवं पैमाने ने भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना दिया है। सुधारों के माध्यम से हमने निवेश के रास्ते से कई रोड़े हटाए हैं। आज का नया भारत, अपने निजी क्षेत्र की ताकत पर भी उतना ही भरोसा करते हुए आगे बढ़ रहा है। हमने रक्षा, खनन और अंतरिक्ष जैसे अनेक सामरिक क्षेत्रों को भी निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है।उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में करीब 40 हज़ार सरकारी नियमों को हटाया जा चुका है। हाल ही में हमने राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम शुरु किया है, जिससे मध्य प्रदेश भी जुड़ चुका है। इस सिस्टम के तहत अभी तक लगभग 50 हज़ार स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं।प्रधानमंत्री ने देश की आधारभूत अवसंरचना की प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि भारत का आधुनिक एवं मल्टीमोडल होती अवसंरचना भी निवेश की संभावनाओं को जन्म दे रही है। भारत दुनिया के सबसे प्रतिस्पर्धी लाजिस्टिक मार्केट के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रतिस्पर्धी है। इसी लक्ष्य के साथ हमने अपनी राष्ट्रीय लाॅजिस्टिक नीति लागू की है।

उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को बेहतरीन डिजीटल वित्तीय अवसंरचना के लिए विश्वास से देख रही है। भारत 5 जी और इंटरनेट आफ थिंग्स की ओर बढ़ रहा है। कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है।उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित पुरस्कार योजनाओं के तहत ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। ये स्कीम दुनियाभर के उत्पादकों में लोकप्रियता हो रही है। इस स्कीम के तहत अब तक अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए उत्पादन हो चुका है। मध्य प्रदेश में भी इस स्कीम की वजह से सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश आया है। राज्य को बड़ा फार्मा हब बनाने में, बड़ा टेक्सटाइल हब बनाने में इस योजना का भी महत्व है। उन्होंने कहा, “मेरा एमपी आ रहे निवेशकों से आग्रह है कि पीएलआई स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।”श्री मोदी ने कहा कि आप सभी को ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत की आकांक्षा से भी जुड़ना चाहिए। कुछ दिन पहले ही हमने मिशन ग्रीन हाइड्रोजन को स्वीकृति दी है। ये लगभग आठ लाख करोड़ रुपए के निवेश की संभावनाओं को लेकर आ रहा है। ये सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक मांग को पूरा करने का एक अवसर है। हज़ारों करोड़ रुपए के इंसेंटिव्स की व्यवस्था इस अभियान के तहत की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य, कृषि, पोषण हो या कौशल या नवाचार, ये भारत के साथ-साथ एक नई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण का समय है। मध्य प्रदेश का सामर्थ्य, मध्य प्रदेश के संकल्प आपकी प्रगति में दो कदम आगे चलेंगे ये मैं आपको विश्वास से कहता हूँ।”(वार्ता)

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