नई दिल्ली । इस साल पहली बार राष्ट्रीय राजधानी के बाहर नौसेना दिवस समारोह मनाया जाएगा। विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर होने वाले कार्यक्रम में ‘ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन’ होगा। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के नेतृत्व में नौसेना के जहाज, पनडुब्बियां और विमान भारत की समुद्री क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की गवाह बनेंगी।
पाकिस्तान के साथ 1971 में युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ में भारतीय नौसेना की भूमिका और उपलब्धियों को याद करने के लिए भारत हर साल 04 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाता है। इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘अमृत काल’ की शुरुआत कर रहा है। अब तक परंपरागत रूप से नौसेना दिवस समारोह नई दिल्ली में राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया जाता रहा है। इस साल पहली बार नौसेना दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित किया जा रहा है।
नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि नौसेना 04 दिसंबर को विशाखापत्तनम में ‘ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन’ के माध्यम से भारत की लड़ाकू शक्ति और क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की गवाह बनेंगी। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की मेजबानी में होने वाले इस कार्यक्रम में केंद्र और राज्य सरकारों के कई गणमान्य लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि नौसेना के जहाज, पनडुब्बियां और विमान भारत की समुद्री क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम में नौसेना की पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी कमान के विशेष बल भी हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम का समापन सूर्यास्त समारोह और लंगरगाह में जहाजों को रोशन करने के साथ होगा। उन्होंने बताया कि नौसेना दिवस समारोह का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति नौसेना के योगदान को उजागर करना है।(हि.स.)