National

देशभर में मार्च तक शुरू हो जाएंगीं 75 फीसदी पैसेंजर ट्रेनें

जल्द ख़त्म होंगीं यात्रियों की परेशानी

नई दिल्ली । भारतीय रेल कोरोना काल में धीरे-धीरे अपनी यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ा रही है। इस वित्तीय वर्ष यानी मार्च के आखिर तक उसकी लगभग 75 फीसदी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। हालांकि, यह सभी स्पेशल श्रेणी की होंगी। इससे उसका यात्री राजस्व का घाटा कम होगा और यात्रियों की भी सुविधा बढ़ेगी। अभी रेलवे की 1100 से ज्यादा मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें ही चल रही हैं।
कोविड-19 प्रोटोकाल में रेलवे की सभी मेल-एक्सप्रेस आरक्षित श्रेणी की चल रही हैं। जब तक केंद्र सरकार के प्रोटोकाल जारी रहेंगे, यात्री ट्रेनें इसी तरह से चलेंगी।

हालांकि उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही हैं। कोरोना काल से पहले रेलवे 1768 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन कर रहा था। पहले लॉकडाउन में यह पूरी तरह बंद रहा और उसके बाद धीरे-धीरे यात्री सेवाओं की शुरुआत की गई। दिसंबर के आखिर तक रेलवे ने लगभग 1100 विशेष मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया था। अब कुंभ मेले और देश के विभिन्न भागों में अन्य धार्मिक आयोजनों को देखते हुए हर जोन से नई ट्रेनों की शुरुआत की जा रही है। यह मार्च के महीने तक जारी रहेगी। रेलवे के सूत्रों के अनुसार, यह ट्रेनें विशेष श्रेणी की होंगी, लेकिन यह बाद में भी जारी रहेंगी। कोरोना संक्रमण के कम हो रहे असर व टीकाकरण शुरू होने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में रेलवे को और ट्रेनों की शुरुआत भी करनी पड़ेगी। सभी ट्रेनें आरक्षित होने से ज्यादा यात्रियों के लिए ज्यादा ट्रेनों की जरूरत भी होगी।

गौरतलब है कि रेलवे इस साल में मालभाड़ा से आय को तो वित्त-वर्ष के आखिर तक बीते साल के बराबर या उससे भी ज्यादा कर लेगी, लेकिन यात्री राजस्व का घाटा बरकरार रहेगा। बीते साल रेलवे को यात्री किराए से 53 हजार करोड़ रुपये की आय हुई थी, जबकि इस साल 18 दिसंबर तक यह 4600 करोड़ रुपये ही थी। रेलवे का अनुमान है कि वित्त-वर्ष की समाप्ति तक यह लगभग 15 हजार करोड़ रुपये पहुंच जाएगी।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button