
मंडल एवं जनपद में धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 71 वां गणतंत्र दिवस

मंत्री अनिल राजभर ने पुलिस लाइन में गणतंत्र दिवस पर रितिक परेड की सलामी ली कमिश्नर की पहल पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री पुष्पा रानी ने मंडलीय कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया खुशी से ओतप्रोत थी पुष्पा व सरिता
जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट के प्राचीर पर राष्ट्रीय झंडारोहण करने के पश्चात स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का किया सम्मान गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में दिखी “काशी की सांस्कृतिक विरासत”

वाराणसी , जनवरी । जनपद में गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जगह-जगह प्रभात फेरी, सरकारी एवं अर्ध सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण, स्कूलों में भाषण प्रतियोगिताएं, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संविधान में उल्लिखित संकल्प को दोहराने आदि देशभक्ति परक कार्यक्रम संपन्न हुए। पुलिस लाइन में भव्य रितिक परेड का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर ने राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। अपने संबोधन में मंत्री अनिल राजभर ने देश के के अमर शहीदों को याद एवं नमन करते हुए प्रदेशवासियों को गणतंत्र की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। पुलिस परेड की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि फोर्स का यह जोश, एकता का तारतम्य भारत की शक्ति को प्रदर्शित करता है। भारत की बढ़ती ताकत से दुनिया चकाचौंध है। आज देश का बच्चा-बच्चा राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत है। वर्तमान में देश-प्रदेश मैं विकास की नई ऊंचाइयां छू जा रही है। उत्कृष्ट, स्मृद्धि, नए भारत का वातावरण निर्माण हो रहा है। हम तेजी से बढ़ रहे हैं और जल्दी विकसित राष्ट्र में शामिल होंगे। देश की आजादी दिलाने वाले अमर शहीदों के सपने पूरे करने में योगदान करें। राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं। देश को आगे बढ़ाने में भागीदार बने। दुनिया में भारत की उभरती मजबूत पहचान से हम सभी गौरवान्वित महसूस करते हैं। मंत्री अनिल राजभर ने वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी बी0के0 बनर्जी का माल्यार्पण कर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी गई।
मंडलीय कार्यालय में कमिश्नर दीपक अग्रवाल की पहल पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री पुष्पा रानी एवं सहायिका सरिता पटेल ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा कमिश्नर के साथ सभी ने संविधान में उल्लिखित संकल्प को दोहराया। अपने संबोधन में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि हम सभी को मजबूत देश बनाने के लिए अधिकार के साथ कर्तव्यों को करना है। कुपोषण व शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने पूरे मंडल से कुपोषण मुक्त एवं हर 6 वर्ष के बच्चे का स्कूल में दाखिला अनिवार्य रूप से कराने का संकल्प लेने पर जोर दिया। इसके लिए हर गांव की इकाई सक्रिय हो। कमिश्नर ने कहा कि जिस देश की मानव संपदा सबल होती है, वही देश मजबूत होता है। इसके लिए बच्चों को तन-मन से स्वस्थ एवं मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि पुष्पा व सरिता को राष्ट्रीय ध्वजारोहण का अवसर देना व उनका सम्मान करना भारत के संविधान का सम्मान है। अपने कर्तव्य को करने वाले लोगों का सम्मान राष्ट्र सम्मान है। इस अवसर पर पुष्पा देवी ने कहा कि कमिश्नरी पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर उन्हें जो सम्मान मिला इससे उनमें और कार्य करने की प्रेरणा बढ़ गई है। वह अपने को बहुत गौरवान्वित महसूस करती हैं। कमिश्नर की यह पहल प्रेरणा स्रोत बनेगी। इस अवसर पर मंडल के अन्य जनपद यथा- चंदौली के नियमताबाद की आंगनवाड़ी कार्यकत्री सरिता देवी एवं धर्मावती देवी, जनपद गाजीपुर के सैदपुर की आंगनवाड़ी कार्यकत्री श्यामा देवी एवं देवकली की आंगनवाड़ी कार्यकत्री सोनी देवी तथा जनपद जौनपुर के सिरकोनी की आंगनवाडी कार्यकत्री नीरज मिश्रा एवं जलालपुर की आंगनवाड़ी कार्यकत्री सुनीता देवी को भी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने प्रशस्ति पत्र एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपने कैंप कार्यालय एवं कलेक्ट्रेट में राष्ट्रीय ध्वजारोहण के पश्चात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 71वें गणतंत्र दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत के संविधान को लागू हुए आज 71 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। देश को चलाने के लिये खाका खींचना एक बहुत ही कठिन कार्य है। आजादी मिली तो उस समय देश की आबादी 36 करोड़ रही। बहुत ही रियासतों में देश बटा हुआ था। साढे पांच सौ छोटे-छोटे राजा- रजवाडे थे। इन सबको मिला कर एक देश बनाना एवं व्यवस्था लागू करके एक कड़ी में पिरो के उसे चलाना बहुत कठिन कार्य था। जबकि इतनी विविधता बाले देश में उस समय न हवाई जहाज और न ही मोबाइल-इंटरनेट का युग था। कितने दूरदर्शी थे वे लोग जिन्होंने संविधान की रचना की। कई देशो का संविधान की अध्ययन कर भारत के परिप्रेक्ष्य में उसे समावेश व संशोधित कर लगभग 2.5 साल में संविधान की रचना करके संविधान सभा द्वारा आज के दिन इसको लागू किया गया । ऐसे दूरदर्शी लोगो की कार्यप्रणाली को अपने जीवन में उतारना चाहिये कि कैसे सभी आर्थिक स्थिति, सामाजिक स्थिति, राजनीतिक स्थिति को एक संवधिन के माध्यम से जोड़ने का काम किया गया। पिछले 70 सालों में देश को अनेकों सरकार ने चलाया और विपरीत एवं कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी एक मजबूत संविधान के बल पर देश और परिपक्व होकर आगे बढ रहा है। चाहे जितने भी बड़े राजनीतिक दल हों, शासन हो या ज्यूडिशियली हो संविधान के आगे सभी झुकते हैं। इसी की शपथ लेकर संवैधानिक पद ग्रहण किया जाता है। उन्होंने चीन का उदाहरण देकर कहा कि वहां कोई संविधान नहीं है, वहां डिक्टेटरसिप से एक ही पार्टी का राज चलता है। नागरिकों के मौलिक अधिकार कुचल दिये गये हैं। परन्तु यहां पर संविधान के द्वारा सभी धर्म, सम्प्रदाय वर्ग एवं जाति के लोगों को समान अधिकार दिये गये हैं। जो मजबूत लोकतंत्र की पहचान है। संविधान के लिए जो मेहनत की गयी, दूरदर्शिता दिखाई गयी उसे ध्यान में रखकर देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए हमेशा हमसब मिलकर प्रयासरत रहें। लोगों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनितिक न्याय दिलाने के लिए आगे आयें। गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्वतंत्रता सेनानियों को अंगवस्त्रम, नारियल इत्यादि देकर तथा माला पहनाकर उनका सम्मान किया।

71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के अलावा कमिश्नर के मंडलीय कार्यालय एवं कलेक्ट्रेट के प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण करने के पश्चात मौके पर मौजूद लोगों ने “हम भारत के लोग, भारत को एक, संपूर्ण-प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता सुनिश्चित कराने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए, दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं” का संकल्प लिया।गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी में दिखी “काशी की सांस्कृतिक विरासत”

71 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम मे प्रस्तुत उत्तर प्रदेश की झांकी में विश्व की सांस्कृतिक राजधानी काशी के सांस्कृतिक विरासत का दृश्य देख काशीवासी ही नहीं पूरा देश आत्म विभोर हो गया। उत्तर प्रदेश प्रस्तुत इस झांकी में काशी के कबीर मठ की भित्ति चित्र के साथ-साथ शहनाई वादक भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान, तबला वादक गुदई महराज, शास्त्रीय एवं ठुमरी गायिका गिरिजा देवी को वादन एवं गायन मुद्रा में प्रदर्शित किया गया था।