बंगलादेश के चार सौ पुलिस स्टेशनों में तोड़फोड़, 50 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की आशंका
बंगलादेशी पत्रकार श्यामल दत्ता को देश छोड़ने की नहीं दी गयी अनुमति
ढाका : अशांत चल रहे बगलादेश में सत्ता परिवर्तन के कारण कानून प्रवर्तन और पुलिस व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गयी है। पिछले दो दिनों में हिंसक भीड़ ने लगभग 400 पुलिस स्टेशनों पर हमला किया है और कम से कम 50 कानून लागू करने वालों की हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को यह बात कही गई है।देश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अधिकांश पुलिसकर्मी सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके है। जिसके चलते देश के कई पुलिस स्टेशनों में एक भी पुलिसकर्मी नहीं है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार पिछली अवामी लीग सरकार के करीबी माने जाने वाले अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी भूमिगत हो गए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लगभग 400 पुलिस स्टेशनों को हिंसक भीड़ के हमलों का सामना करना पड़ा। जिसमें हथियार और गोला-बारूद लूट लिया गया और इमारतों में आग लगा दी गई।मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि पुलिस स्टेशनों पर हमले सोमवार दोपहर से रात तक बड्डा, जात्राबारी, वतारा, अबाडोर, मीरपुर, उत्तर पूर्व, मुहम्मदपुर, शाह अली और पलटन सहित विभिन्न पुलिस स्टेशनों पर शुरू हुए।कई स्थानों पर सुरक्षा बलों और हिंसक भीड़ के बीच टकराव हुआ जिससे कई पुलिस स्टेशन तबाह हो गए। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियां, पंखे, मेज और अन्य सामान चुरा लिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘कोई भी अपने पुलिस स्टेशनों और कार्यालयों में सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहा है क्योंकि सोमवार को शुरू हुए हिंसक विरोध और सार्वजनिक आक्रोश में पचास से अधिक पुलिस कर्मियों की जान चली गई।”ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण हताहतों की सटीक संख्या अनिश्चित बनी हुई है।ढाका के बाहर स्थित एक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि व्यापक विनाश के कारण इसे पुनः स्थापित करने में समय लगेगा। उन्होंने आगे कहा कि 1971 के बाद हमें कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।पुलिस अधिकारियों ने पुलिस के राजनीतिकरण और उन्हें स्वतंत्र रूप से कानून-व्यवस्था लागू करने के अपने कर्तव्य को निभाने से रोकने पर असंतोष व्यक्त किया।
अवामी लीग के दो सांसदों , 100 समर्थकों के घरों में तोड़फोड़
बंगलादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों ने देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी के लोगों को निशाना बनाना जारी रखा है। रिपोर्टों में लालमोनिरहाट जिले में दो संसद सदस्यों (एमपी) और 100 से अधिक अवामी लीग समर्थकों के घरों पर हमले की ओर इशारा किया गया है।मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गयी।लालमोनिरहाट अग्निशमन सेवा ने बताया कि जिला एएल के संयुक्त सचिव सुमन खान के आवास से छह जले हुए शव बरामद किए गए। ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘डेली ऑब्जर्वर’ ने बताया कि अज्ञात शव सोमवार सुबह करीब 4.30 बजे घर की चौथी मंजिल से बरामद किए गए।
रिपोर्टो में कहा गया कि आरक्षण विरोधी प्रदर्शन में शामिल छात्र प्रदर्शनकारियों के परिवारों ने चिंता व्यक्त की है कि शव उनके बच्चों के हो सकते हैं और अधिकारी शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कराने की योजना बना रहे हैं।मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हसीना के निष्कासन के बाद आरक्षण विरोधी आंदोलनकारियों द्वारा जश्न मनाने के जुलूस के परिणामस्वरूप अवामी लीग के सांसद नेताओं के घरों पर भी तोड़फोड़ की गई, जिनमें लालमोनिरहाट -1 के सांसद और जिला अवामी लीग के अध्यक्ष मोताहर हुसैन और लालमोनिरहाट -3 के सांसद और जिला अवामी लीग महासचिव मोतिहार रहमान शामिल है।
नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस होंगे अंतरिम बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस बंगलादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे।बंगलादेश के राष्ट्रपति के कार्यालय बंगभवन से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति यह जानकारी दी गयी है।विद्यार्थियों के खिलाफ भेदभाव आंदोलन के आयोजकों और राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के बीच अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा के लिए हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बंगलादेशी पत्रकार श्यामल दत्ता को देश छोड़ने की नहीं दी गयी अनुमति
बंगलादेश में अवामी लीग के समर्थक पत्रकार के रूप में जाने जाने वाले श्यामल दत्ता को परिवार के साथ देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी गयी है।अखौरा सीमा चौकी पर बंगलादेशी आव्रजन अधिकारियों ने पत्रकार श्यामल दत्ता को उनके परिवार के साथ वापस भेज दिया, क्योंकि उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।ऑब्जर्वर.बीडी ने बताया कि श्री दत्ता मंगलवार को शाम 4:00 बजे अखौरा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन चौकी के माध्यम से अपनी पत्नी और बेटी के साथ बंगलादेश छोड़ने का प्रयास कर रहे थे।
आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें वापस भेज दिया, क्योंकि पुलिस की विशेष शाखा ने उन्हें देश छोड़ने की अनुमति देने पर प्रतिबंध लगा दिया था।उस समय, उन्होंने आव्रजन अधिकारियों से उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को भारत जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई। अखौरा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन पुलिस प्रभारी मोहम्मद खैरुल आलम ने बताया कि श्री दत्ता दोपहर बाद पत्नी संचिता दत्ता और बेटी सुनंदा दत्ता के साथ आव्रजन के लिए आए थे। श्री दत्ता और परिवार के सदस्यों को लगभग 4:30 बजे वापस भेज दिया गया।श्री दत्ता को अवामी लीग के समर्थक पत्रकार के रूप में जाना जाता है। वे भोरेर कागोज के संपादक एवं जातीय प्रेस क्लब के महासचिव हैं।
बंगलादेश के अटॉर्नी जनरल ने दिया इस्तीफा
बंगलादेश में कुछ दिनों से जारी उथलपुथल के बीच बुधवार को देश के अटॉर्नी जनरल ए एम अमीनुद्दीन ने इस्तीफा दे दिया।मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को बताया गया कि यह संकटग्रस्त देश हिंसक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में शासन परिवर्तन की तैयारी कर रहा है, जिसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर जाना पड़ा है।डेली स्टार ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
बंगलादेश के पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद हिरासत में
बंगलादेश के पूर्व विदेश मंत्री एवं अवामी लीग के संयुक्त महासचिव हसन महमूद को ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में लेने के बाद सेना को सौंप दिया गया।ऑब्जर्वर.बीडी ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।बिमान बंगलादेश एयरलाइंस के एक अधिकारी ने बताया कि श्री हसन मंगलवार दोपहर को उस समय हिरासत में लिया गया जब वह देश छोड़ने के लिए हवाई अड्डा पहुंचे थे।बाद में रात 20:30 बजे उन्हें सेना को सौंप दिया गया।इससे पहले पूर्व डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जुनैद अहमद पलक को हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। हवाई अड्डे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें उस समय हिरासत में लिया जब वे हवाई अड्डे पर वीआईपी लाउंज का उपयोग करके भारत जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें विमान में चढ़ने की अनुमति देने के बजाय आव्रजन हिरासत में ले जाया गया।
रिपोर्टों के अनुसार पुलिस की जासूसी शाखा (डीबी) के पूर्व प्रमुख और ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के अतिरिक्त आयुक्त (अपराध और ऑप्स) मोहम्मद हारुन अर राशिद को भी ढाका हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया है। हारुन ने हालांकि दावा किया है कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है और वह अपने घर पर हैं।गौरतलब है कि सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपने के बाद देश छोड़ दिया था और भारत में शरण ली है। उनके देश छोड़ने से पहले सत्तारुढ़ अवामी लीग पार्टी के कई मंत्री और शीर्ष नेता भी देश छोड़कर भाग गये थे और अन्य भी अब ऐसा करने की माक में हैं।(वार्ता)
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