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हम शांति चाहते हैं लेकिन भारत के आत्मसम्मान पर चोट बर्दाश्त नहीं करेंगे : राजनाथ सिंह

हैदराबाद : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ सीमा गतिरोध से भारत जिस तरह से निपटा है, उसने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है। सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है।

राजनाथ सिंह डुंडीगल वायु सेना अकादमी, हैदराबाद में संयुक्त स्नातक परेड में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्रशिक्षण पूरा करने वाले कैडेटों ने परेड में हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री ने डुंडीगल वायु सेना अकादमी का दौरा किया और प्रशिक्षित कैडेटों द्वारा आयोजित परेड में भाग लिया। वायु सेना ने अकादमी में आने पर रक्षा मंत्री का जोरदार स्वागत किया। उनसे सलामी लेने वाले राजनाथ सिंह ने पासिंग आउट परेड में प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना की। सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा दिखाने वालों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सात महीने से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है।

रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान “चीन के रवैये ने उसके इरादों को जाहिर कर दिया। लेकिन हमने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है। यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। भारत को कई देशों का समर्थन मिला है और उसकी सराहना भी हुई है।

गतिरोध का हल निकालने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर हुई कई दौर की वार्ता का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं दोहराना चाहता हूं कि हम संघर्ष नहीं, शांति चाहते हैं, लेकिन देश के आत्मसम्मान पर किसी भी तरह की चोट को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।

मौजूदा समय के अनुसार युद्ध की रणनीतियों को बदलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, सिंह ने कहा कि देश को न केवल सीमाओं और समुद्रों, बल्कि अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके लिए उसे तैयार रहने की आवश्यकता है। इसलिए आपको खुद को लगातार अपडेट रखने की आवश्यकता है। भविष्य के युद्ध और बेहतरी के लिए यह आवश्यक है कि एक सैनिक के अलावा आपके अंदर एक विद्वान भी होना चाहिए।

रक्षा मंत्री ने नये सैन्य अधिकारियों को खुद को सैन्य रणनीति और तकनीक के बारे में `अपडेट` रखने के लिए कहा। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भी ध्यान केन्द्रित करने को कहा। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में सशस्त्र बलों में स्वदेशीकरण को सशक्त बनाने और बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ हल्के लड़ाकू विमान (एसीए) तेजस को शामिल किया गया जबकि दूसरी ओर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान राफेल को भी शामिल किया गया है। सिंह ने कहा कि सुधारों के रूप में रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को बढ़ाने, रक्षा विनिर्माण पर नई नीति और आयुध कारखानों के निगमीकरण समेत कई कदम उठाये गये हैं। इस कार्यक्रम में वायु सेना के प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया और अन्य लोगों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री किशन रेड्डी ने भी भाग लिया है।

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