‘विकसित यूपी @2047’ : निवेश और रक्षा उद्योग से 6 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की राह पर उत्तर प्रदेश
2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य, निवेश और रक्षा उद्योग होंगे मुख्य स्तंभ
- 2017 से पहले पिछड़ेपन से जूझता यूपी अब निवेश और उद्योग का नया केंद्र बना
- 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 60 लाख युवाओं को मिला रोजगार
- डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से यूपी बन रहा सामरिक मजबूती का आधार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश अगले 22 वर्षों में औद्योगिक और सामरिक शक्ति के नए स्वरूप में ढलने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘विकसित यूपी @2047’ विजन के तहत प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें निवेश और रक्षा उद्योग ऐसे दो स्तंभ होंगे, जो न केवल प्रदेश की समृद्धि बल्कि पूरे देश की आत्मनिर्भरता का आधार बनेंगे।
2017 से पहले की स्थिति
2017 से पहले उत्तर प्रदेश निवेश और उद्योग के मामले में पिछड़े राज्यों में गिना जाता था। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नगण्य था और रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी लगभग न के बराबर थी। निवेशकों को सुरक्षित माहौल और नीतिगत समर्थन का अभाव था।
निवेश की धार : बदली तस्वीर
बीते साढ़े आठ वर्षों में यूपी ने निवेश के क्षेत्र में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। प्रदेश को अब तक 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक ज़मीन पर उतर चुके हैं। इससे 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार और लाखों परिवारों को स्वरोजगार मिला है।
फरवरी 2024 में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में ही 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रोजेक्ट शुरू हुए। यूपी ने उद्यमियों के लिए 33 सेक्टरल नीतियां लागू कीं और ‘निवेश मित्र’ जैसा डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जिसे देश का सबसे कुशल सिंगल विंडो पोर्टल माना जा रहा है।
टेक्सटाइल, लेदर, प्लास्टिक, परफ्यूम, केमिकल और फार्मा पार्क तेजी से विकसित हो रहे हैं। हरदोई-कानपुर का लेदर क्लस्टर , गोरखपुर का प्लास्टिक पार्क और कन्नौज का परफ्यूम पार्क यूपी को नए औद्योगिक हब में बदल रहे हैं। आज प्रदेश देश का सबसे बड़ा MSME केंद्र है, जहां 96 लाख से अधिक इकाइयां सक्रिय हैं।
रक्षा की दीवार : आत्मनिर्भर भारत का आधार
2018 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ने यूपी को सामरिक मजबूती का केंद्र बना दिया है। आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट में छह नोड्स पर तेजी से काम हो रहा है।
अब तक 170 से अधिक MoU साइन हो चुके हैं, जिनसे 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश और 4600 से अधिक रोजगार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अदाणी, एआर पॉलिमर, वैरिविन डिफेंस, एमिटेक इंडस्ट्रीज़ और ब्रह्मोस जैसी कंपनियां उत्पादन शुरू कर चुकी हैं।
- कानपुर: बुलेटप्रूफ जैकेट व आधुनिक सैन्य सामग्री
- अलीगढ़: स्मॉल आर्म्स और राडार तकनीक
- लखनऊ: ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन, जो यूपी को वैश्विक रक्षा हब बना रहा है।
मिशन 2047 : लक्ष्य और रणनीति
सरकार ने रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए IIT कानपुर और IIT BHU से समझौते किए हैं, जो रक्षा निवेशकों को अनुसंधान, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और नई तकनीक उपलब्ध कराएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य है कि यूपी को मैन्युफैक्चरिंग, एक्सपोर्ट और FDI में देश में पहले स्थान पर लाया जाए। 2047 तक यूपी में Fortune Global 500 की कम से कम 5 कंपनियों का मुख्यालय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए एयरोस्पेस, डिफेंस प्रोडक्शन, अपैरल, ईवी और सेमीकंडक्टर सेक्टर को प्राथमिकता दी जा रही है।
6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर
फिलहाल यूपी की GSDP लगभग 353 बिलियन डॉलर है। लक्ष्य है कि इसे 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर, 2036 तक 2 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाया जाए। इसके लिए राज्य को लगातार 16% वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी।
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