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2019 में बड़ी घटनाओं का गवाह बना उत्तर प्रदेश

लखनऊ, दिसंबर| लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन और भाजपा का शानदार प्रदर्शन, दशकों पुराने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला तथा संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन जैसी कई बड़ी घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश वर्षभर सुर्खियों में रहा।

इसके अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार के आरोप और भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से बलात्कार करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी। कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवाल भी उठे।

प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया गया। जनवरी में मकर संक्रांति से शुरू होकर चार मार्च तक आयोजित कुंभ मेला शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान कई नयी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया ।

अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव में धुर विरोधी सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ। इसमें दो और दल कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हुए। धुआंधार प्रचार के बावजूद विपक्षी गठबंधन भाजपा की चुनावी रणनीति से पार पाने में सफल नहीं हुए। विपक्षी गठबंधन को राज्य में लोकसभा की 80 सीटों में से सिर्फ 15 सीटें हासिल हुईं । मायावती की बसपा को 10 तो सपा को पांच सीटें मिलीं । भाजपा ने 62 सीटें जीतीं हालांकि 2014 के चुनाव में उसने 71 सीटें जीती थीं ।

कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत पायी । सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट पर कब्जा बरकरार रखा । राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गये । इसी वर्ष प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया । उन्होंने प्रदेश भर में जबर्दस्त प्रचार किया लेकिन वह काम नहीं आया ।

भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद पर विधि की 23 वर्षीय एक छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का मामला चर्चा में रहा। महीने भर की जददोजहद के बाद स्वामी को गिरफ्तार किया गया । उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर छात्रा का यौन शोषण किया ।

छात्रा को भी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।

जुलाई में सोनभद्र के उम्भा गांव में दस गोंड आदिवासियों की गोली मारकर हत्या किये जाने से सनसनी फैल गयी । उन पर एक ग्राम प्रधान और उसके लोगों ने भूमि कब्जा करने की नीयत से हमला किया । हमले में 30 अन्य लोग घायल हो गये थे ।

अगस्त-सितंबर में मिड डे मील प्रकरण ने भी सुर्खियां बटोरीं। इसमें मिर्जापुर के एक स्कूल का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें बच्चो को मिड डे मील में नमक रोटी खिलायी जा रही है ।

पुलिस ने इस पर खबर देने वाले पत्रकार को शुरूआत में गिरफ्तार किया था लेकिन कुछ सप्ताह बाद सोनभद्र के एक स्कूल पर भी ऐसे आरोप लगे । कहा गया कि 80 बच्चों को पिलाने के लिए एक लीटर दूध में पानी मिलाया जा रहा है ।

नवंबर में उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अयोध्या में रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया।

दिसंबर में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कैद की सजा सुनाई गई।

सेंगर प्रकरण के अलावा उन्नाव की एक अन्य खबर काफी सुर्खियों में रही । एक युवती को पांच लोगों ने जिन्दा जला दिया । पांच में से दो आरोपियों ने उसके साथ पूर्व में बलात्कार भी किया था ।

राज्य में बढते अपराध को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार विपक्ष के निशाने पर रही । भाजपा ने हालांकि दावा किया कि उसके कार्यकाल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ ।

दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदेश भर में हिंसक प्रदर्शन हुए । प्रदर्शन की शुरूआत अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर से हुई । कुछ ही दिन में हिंसा प्रदेश के कई हिस्सों में फैल गयी । जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए ।

पुलिस पर पथराव किया गया । पुलिस ने उपद्रवियों को खदेडने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया । हिंसा में लगभग 20 लोगों की मौत हो गयी ।

प्रियंका ने प्रदेश का दौरा किया और प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की । (एएनएस)

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