
केन्द्र, असम और नेशनल लिबरेशन आर्मी के बीच त्रिपक्षीय समझौता
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गुरुवार को यहां केन्द्र सरकार, असम सरकार और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी/दिमासा पीपुल्स सुप्रीम काउंसिल (डीएनएलए/डीपीएससी) के प्रतिनिधियों के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा और केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री शाह ने कहा कि यह समझौता अगले वर्ष तक उत्तर-पूर्व को उग्रवाद-मुक्त बनाने तथा एक शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के केन्द्र सरकार के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के साथ ही असम में हिंसा में लिप्त सभी संगठनों का अंत हो गया है और अब असम में एक भी उग्रवादी समूह नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अब सारे जनजातीय समूह मुख्यधारा में आ गए हैं और भारत के विकास की प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं।
श्री शाह ने कहा कि केन्द्र ने आतंकमुक्त, हिंसामुक्त और विकासयुक्त पूर्वोत्तर की कल्पना देश के सामने रखी है और गृह मंत्रालय इस दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है।उन्होंने कहा कि समझौते के तहत डीएनएलए के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने, हथियार और गोला-बारूद सहित आत्मसमर्पण करने, अपने सशस्त्र संगठन को भंग करने, कैडरों के कब्जे वाले सभी शिविरों को खाली करने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति जताई है। इस समझौते के परिणामस्वरूप डीएनएलए के 168 से अधिक सशस्त्र कैडर अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि इस समझौते से असम के दीमा हसाओ जिले से उग्रवाद और हिंसा पूर्ण रूप से समाप्त हो गए हैं। आज के समझौते के तहत असम सरकार द्वारा दिमासा कल्याण परिषद की स्थापना की जाएगी, जो राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई पहचान आदि की रक्षा, संरक्षण और प्रचार करते हुए स्वायत्त परिषद के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले दिमासा लोगों का त्वरित और केंद्रित विकास सुनिश्चित करेगी।
इसके अलावा समझौते में मुख्य रूप से संविधान की छठी अनुसूची के अनुच्छेद 14 के तहत उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) से सटे अतिरिक्त गांवों को परिषद में शामिल करने की मांग की जांच करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
केन्द्र सरकार और असम सरकार डीएनएलए के आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों का पुनर्वास सुनिश्चित करेंगे और इस उद्देश्य के लिए, एनसीएचएसी के साथ-साथ अन्य भागों में रहने वाले दिमासा लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए केन्द्र सरकार और असम सरकार द्वारा पांच साल की अवधि में 500-500 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज भी प्रदान किया जाएगा।(वार्ता)
In the MoU, the representatives of DNLA have agreed to renounce the path of militancy for good, surrender all arms and ammunition, disband their armed organization, vacate all camps occupied by DNLA caders, and join a peaceful democratic process as established by the law. pic.twitter.com/T6bMfLBiaL
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) April 27, 2023
Another momentous day for Northeast. Government of Assam and Dimasa National Liberation Army signed a peace accord today for permanent peace. The DNLA has laid down arms expressing trust in the way PM @narendramodi Ji has established peace and ensured development in the region. pic.twitter.com/pB6XMr1UcX
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) April 27, 2023