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एनएचआरसी ने दो दिनों में तीन कैदियों की कथित मौत पर स्वतः संज्ञाऩ लिया

एनएचआरसी ने दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र में एक सरकारी किशोर गृह में साथी कैदियों की मारपीट से चोटों के कारण एक लड़के की कथित मौत पर स्वतः संज्ञान लिया है

  • राज्य के जेल महानिदेशक और वाराणसी के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 15 और 16 जून, 2025 को एक के बाद एक तीन कैदियों की मौत संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित तौर पर, जिला जेल में बंद एक पुरुष डॉक्टर और एक महिला कैदी की बीमार होने से मृत्यु हो गई, जबकि वाराणसी के केंद्रीय कारागार में बंद एक अन्य बंदी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

आयोग ने कहा है कि यदि रिपोर्ट सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का मामला है। इसी सिलसिले में आयोग ने उत्तर प्रदेश के कारागार महानिदेशक और वाराणसी पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में तीनों मृत कैदियों की प्रारंभिक स्वास्थ्य रिपोर्ट के साथ ही कानूनी जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

  • दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई

देश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें दिल्ली के मजनू का टीला क्षेत्र में सरकारी किशोर सुधार गृह में बंद 17 वर्षीय एक किशोर की उसके दो साथी कैदियों से मारपीट में चोटों के कारण मौत हो गई। कथित तौर पर, शारीरिक हमला 17 जून, 2025 को हुआ था। घायल पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।आयोग ने कहा है कि अगर समाचार रिपोर्ट सच है, तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इसलिए आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में मौत के असल कारण और मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट के साथ-साथ जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के भी शामिल होने की उम्मीद है।

  • एनएचआरसी ने रायगढ़ में एक एससी के साथ विवाह को लेकर ग्रामीणों द्वारा एक एसटी युवती के परिवार के कथित सामाजिक बहिष्कार का स्वत: संज्ञान लिया

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें ओडिशा के रायगढ़ जिले में अनुसूचित जनजाति (एससी) समुदाय की एक युवती के अनुसूचित जाति (एसटी) के व्यक्ति से विवाह के बाद उसके परिवार को ग्रामीणों द्वारा सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने मांग की कि अगर महिला का परिवार समुदाय में उसे वापस पाना चाहता है तो एक शुद्धिकरण अनुष्ठान से गुजरना होगा। ग्रामीणों ने धमकी दी कि अगर उन्होंने अनुष्ठान का पालन नहीं किया तो उन्हें अनिश्चितकालीन बहिष्कार का सामना करना होगा।

आयोग ने पाया है कि अगर समाचार रिपोर्ट की सामग्री सच है तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मामला है। इसलिए आयोग ने ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अभी हाल ही में 21 जून, 2025 को मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार महिला के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर ग्रामीणों के सामने घुटने टेक दिए और अनुष्ठान के तहत उसके परिवार के 40 सदस्यों के सिर मुंडवा दिए गए।

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