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महिला उद्यमियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, प्रदेश व जिला स्‍तर पर गठित होंगी समितियां

– मुख्‍यमंत्री महिला सामर्थ्‍य योजना से सक्षम बनेंगीं महिलाएं
– मुख्‍यमंत्री महिला सामर्थ्‍य योजना से समर्थ बनेंगी उत्‍तर प्रदेश की महिलाएं
– योगी सरकार 100 करोड़ की राशि से संवारेगी उद्यमी महिलाओं की जिन्‍दगी
– योगी सरकार आधी आबादी को सक्षम व आत्मनिर्भर बनाने के लिए है प्रतिबद्ध
– प्रथम चरण में विकसित किए जाएंगें महिला सामान्य सुविधा केन्द्र

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ प्रदेश में महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा, सम्‍मान और स्‍वावलंबन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका अंदाजा उनके द्वारा शुरू किए गए वृहद मिशन शक्ति अभियान की अद्भुत सफलता और आधी आबादी को सशक्‍त बनाने वाले योगी सरकार के पांचवें स्‍वर्णिम बजट से लगाया जा सकता है। बेटियों व महिलाओं के कदमों को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने उनके उत्‍थान, सशक्‍तीकरण व उनको रोजगार की मुख्‍यधारा से जोड़ने के लिए कई अहम कदम उठाएं हैं। योगी सरकार ने आत्‍मनिर्भर उत्‍तर प्रदेश की ओर महिलाओं व बेटियों के कदमों को रफ्तार देते हुए दो बड़ी योजनाओं ‘मुख्‍यमंत्री महिला सामर्थ्‍य योजना’ व ‘मुख्‍यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना’ को शुरू किया है।

प्रदेश की महिलाओं को स्‍वावलंबी बनाने के उद्देश्‍य से शुरू गई ‘मुख्‍यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना’ से महिला उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना का उद्देश्‍य प्रदेश की महिलाओं को सक्षम व आत्मनिर्भर बनाना है। इसके साथ ही उनके जीवन स्तर को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए स्थानीय संसाधनों पर आधारित गृह व कुटीर उद्योगों के जरिए महिलाओं को रोजगार की दिशा में प्रेरित कर उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। प्रदेश में लगभग 90 लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम कार्यरत हैं। इनमें 90 से अधिक अति सूक्ष्म उद्योग गृह व कुटीर उद्योग के रूप में संचालित है। इन गृह व कुटीर उद्योगों में महिला प्रधान उद्यमों की महत्वूर्ण भूमिका है। मुख्‍यमंत्री महिला सामर्थ्‍य योजना से महिला प्रधान उद्यमों को नई दिशा व उड़ान मिलेगी। इस नई योजना के क्रियान्‍वन के लिए 100 करोड़ की राशि की व्‍यवस्‍था बजट में की गई है।

प्रथम चरण में विकसित किए जाएंगें महिला सामान्य सुविधा केन्द्र

प्रदेश के सभी 800 विकास खंडों में स्थानीय आर्थिक गतिविधियों के आधार पर संचालित गृह व कुटीर उद्योगों की समस्याओं को चिन्हित करते हुए क्‍लस्‍टर अप्रोच के आधार पर योजना का संचालन किया जाएगा। कॉमन सुविधाओं से जुड़े कार्यों जैसे कच्चा माल बैंक, प्रशिक्षण केन्द्र, कॉमन प्रोडक्शन व प्रोसेसिंग सेंटर, तकनीकी अनुसंधान व विकास केन्द्र, पैकेजिंग, लेबलिंग, बारकोडिंग सुविधाएं व अन्य ऐसी स्थानीय स्तर पर चिन्हित कोमन गैप्स पर आधारित गतिविधियों के चित्र में महिला सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में 200 विकास खण्‍डों में महिला सामान्य सुविधा केन्द्र विकसित किए जाएंगे।

प्रदेश व जिला स्‍तर पर समितियों का होगा गठन

इस योजना के तहत द्विस्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा। जनपदीय स्‍तर पर गठन होने वाली जिला स्तरीय समिति जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित होंगी। इसके साथ ही प्रदेश स्‍तर पर राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर गठित ये समिति जनपद स्तर पर पात्र महिला समूहों व संगठनों को चिन्हित करेगी। इसके साथ ही उनका मार्गदर्शन करेंगीं। इस योजना के तहत जिला स्तरीय समिति राज्य स्तरीय संचालन समिति के साथ समन्‍वय स्‍थापित कर प्रदेश में महिलाओं को रोजगार की दिशा में प्रोत्‍साहित करने के लिए कार्य करेंगीं।

महिला उद्यमियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

प्रदेश की महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत सॉफ्ट इन्टरवेन्शन के जरिए सामान्य जागरूकता, परामर्श कार्यक्रम, एक्सपोजर विजिट, सेमिनार, कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। योजना के तहत प्रदेश के 200 विकास खंडों में महिला कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में स्‍थापित किए जाने वाले इस सेंटर में प्रति कॉमन फैसिलिटी सेंटर में प्रदेश सरकार द्वारा 90 प्रतिशत का व्यय भार वहन किया जाएगा।

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