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कोरोना से देश का यह राज्‍य अपने नन्‍हों को बचाने का अब इस तरह करेगा प्रयास

वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर का असर कुछ कम जरूर हुआ है, लेकिन यह बिलकुल भी न समझा जाए कि मुसीबत सिर से टल चुकी है। दरअसल, अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि अब देश में लोगों को कोरोना की तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। कहा यह भी जा रहा है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आई तो इसका असर सबसे अधिक बच्‍चों पर पड़ने वाला है।

जी हां, देश के वैज्ञानिकों द्वारा की गई इस भविष्यवाणी के बाद से हर राज्य अपने-अपने स्तर पर इस आने वाले संकट से निपटने की तैयारियों में जुट गया है। ऐसे में देश का हृदय प्रदेश यानि मध्य प्रदेश भी अपने राज्य के बच्‍चों का जीवन बचाने के लिए भरपूर कोशिशों में जुट गया है। इसके लिए राज्य में विशेष व्यवस्था की जा रही है।

हाल ही में मध्य प्रदेश में कराया गया ‘सीरो सर्वे’, 25 फीसदी बच्चे मिले कोरोना से प्रभावित
हाल के सीरो सर्वे में भी 25 फीसदी बच्चे कोविड-19 से प्रभावित मिले हैं। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को भी इससे संक्रमित होते पाया गया। बच्‍चों के कोरोना से संक्रमित हाने के राष्ट्रीय आंकड़े को देखें तो जहां इसकी पहली लहर में तीन से चार प्रतिशत बच्चे संक्रमित हुए थे, वहीं दूसरी लहर में संक्रमित होने का प्रतिशत पहले से कुछ अधिक ही देखने में आया, जिनमें कि पहले से जो बच्‍चे किसी न किसी बिमारी से ग्रसित थे, उसमें ये असर ज्‍यादा दिखाई दिया।

मध्‍य प्रदेश में हैं तीन करोड़ 19 लाख बच्‍चे
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दिए हलफनामे के आंकड़ों को देखें तो कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान 18 साल से कम उम्र के 54 हजार बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। बच्चों में संक्रमण दर 6.9 फीसदी रही। लिहाजा संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने पहले से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि राज्य में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या तीन करोड़ 19 लाख है।

समाज का अधिकतम वैक्सीनेशन बचाएगा बच्चों को कोरोना से
 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की अधिक से अधिक जनसंख्या को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का सुरक्षा चक्र प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है, इसके लिए सभी प्रयास जारी हैं। तीसरी लहर का सामना करने के लिए अस्पतालों के संसाधनों में लगातार वृद्धि की जा रही है। बच्चों के लिए बेड बढ़ा रहे हैं, आक्सीजन प्लांट लगा रहे हैं।

घर-घर जाकर सर्वे पर रहेगा जोर
मुख्यमंत्री यह भी कहते हैं कि मुझे पूरा विश्वास है कि सभी के सहयोग से जनता को सुरक्षा चक्र देकर जनता को तीसरी लहर से बचा लेंगे। प्रदेश में कोरोना टेस्ट और बढ़ाए जाएंगे। टेस्ट बढ़ाने से संक्रमितों का पता चलेगा और उन्हें अलग कर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा। घर-घर जाकर सर्वे भी जारी रहेगा। प्रदेश में एक दिन में 80 हजार टेस्ट किए जाएंगे।

सरकार ने दिए सभी आवश्‍यक उपकरण एवं सामग्री खरीदने के निर्देश
इसी के साथ प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि तीसरी लहर को लेकर राज्य के सभी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। अधिकारियों को बच्चों के इलाज के लिए अस्पतालों में सभी जरूरी दवाइयों, इंजेक्शन, कंज्यूमेंबल्स व स्वास्थ्य उपकरण को खरीदकर उपलब्ध कराने का निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने कहा है कि इस काम के लिए जो भी राशि लगेगी, वह सभी मेडिकल कॉलेजों को दी जाएगी।

सर्वसुविधायुक्त चाइल्‍ड आईसीयू वार्ड किए जा रहे तैयार
फिलहाल मध्‍य प्रदेश के सभी 13 मेडिकल महाविद्यालयों और कोविड अस्पतालों में 360 बिस्तरों के साथ सर्वसुविधायुक्त चाइल्‍ड आईसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। शुरुआत में मेडिकल कॉलेजों में 1,267 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। 767 आइसीयू और एचडीयू बेड बढ़ाए गए हैं। यह कुछ जगह पर तैयार भी हो चुके हैं और कुछ जगह अभी काम चल रहा है, जिसमें कि प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तर का बच्चों का आईसीयू लगभग तैयार हो चुका है। इन अस्पतालों में 1,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से 15 फीसद को बैकअप रखते हुए 850 ऑक्सीजन बेड को सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई से अलग करते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से संचालित किया जाएगा।

इसके साथ ही यहां गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग डॉ. राजेश टिक्कस का कहना यही है कि यदि कोरोना को लेकर हम अभी से पूरी सावधानी बरतते रहेंगे तो हो सकता है कि देश में अगली लहर आए ही नहीं। वास्तव में यह इसी बात पर निर्भर करता है कि स्थानीय स्तर पर किस स्तर से प्रभावी कोरोना गाइडेंस का सख्ती के साथ हम सभी पालन करते रहने में सफल रहते हैं।

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