
पूर्वांचल के विकास का नया गेटवे बनेगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
स्पीडी, सुरक्षित आवागमन के साथ प्रगति को भी लगेंगे पंख.तीन एक्सप्रेसवे पर जारी है निर्माण कार्य, आठ और एक्सप्रेसवे प्रस्तावित.एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में भी सुदृढ़ हो रही उत्तर प्रदेश की पहचान.सात में से पांच योगी सरकार की देन,तीन निर्माणाधीन और आठ प्रस्तावित कई पाइपलाइन में.
- सीएम योगी शुक्रवार को आजमगढ़ और गोरखपुर में करेंगे लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण
गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोड कनेक्टिविटी की शानदार सौगात गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का शुक्रवार को लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण का समारोह करीब 92 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों छोरों आजमगढ़ के सलारपुर और गोरखपुर के भगवानपुर टोलप्लाजा के पास होगा। में आजमगढ़ वाले छोर पर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण और जनसभा करने के बाद मुख्यमंत्री एक्सप्रेसवे का भ्रमण करते हुए गोरखपुर वाले छोर पर आएंगे और यहां भी लोकार्पण की औपचारिकता के बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल के विकास के नए गेटवे के रूप में देखा जा रहा है।
विकास की असीम संभावनाओं को प्रशस्त करने वाले मार्ग के रूप में तैयार किए गए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किमी है। यह गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर के पास शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है। चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ में पड़ने वाला पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित यह एक्सप्रेसवे फोरलेन में निर्मित है और इसे भविष्य में सिक्सलेन तक विस्तारित किया जा सकता। एक्सप्रेसवे की इस परियोजना पर भूमि अधिग्रहण सहित 7283.28 करोड़ रुपये की लागत आई है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो पैकेज में गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकरनगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी) तथा फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक (43.035 किमी) किया गया है। पहले पैकेज का निर्माण कार्यदायी संस्था के रूप में एपको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और दूसरे पैकेज का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड ने कराया है।
आवागमन सुगमता की मिसाल बनेगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आवागमन सुगमता की मिसाल बनेगा। स्थानीय स्तर पर गोरखपुर के दक्षिणांचल (उरूवा, धुरियापार, खजनी, बेलघाट) जाने में स्थानीय लोगों को काफी कम समय लगेगा। अभी गोरखपुर मुख्यालय से उरूवा जाने में एक घंटे लग जाते हैं, लिंक एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरते हुए समीपस्थ चैनेज से उतरकर सिर्फ 20 से 25 मिनट लगेगा। यही नहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर से लखनऊ जाने के लिए भी एक बेहतरीन और कम समय व्यय वाला विकल्प है। प्रवेश नियंत्रित मार्ग होने से लिंक एक्सप्रेसवे से वाया पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर से लखनऊ की दूरी साढ़े तीन घंटे में तय हो सकेगी। इसके अलावा इसकी कनेक्टिविटी से लोग लखनऊ से होकर दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद ले सकेंगे। यह स्पीडी होने के साथ सुरक्षित भी होगा।
एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते हुए गोरखपुर पहुंचेंगे मुख्यमंत्री
शुक्रवार सुबह आजमगढ़ के सलारपुर में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने और जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने वाहनों के काफिले के साथ इस एक्सप्रेसवे की यात्रा शुरू करेंगे। मार्ग में वह घाघरा नदी पर कम्हरियाघाट में बने पुल पर उतरेंगे और करीब दस मिनट तक पुल का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद पुनः उनकी यात्रा शुरू होगी और एक्सप्रेसवे पर भ्रमण करते हुए वह भगवानपुर टोल प्लाजा पर बने गोरखपुर छोर के लोकार्पण स्थल पर आएंगे तथा लोकार्पण की औपचारिकता को पूर्ण कर जनसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री करीब 86 किमी की दूरी गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे मार्ग से तय करेंगे।
भगवानपुर टोल प्लाजा पर सुरक्षा फ्लीट को रवाना करेंगे मुख्यमंत्री
भगवानपुर टोल प्लाजा पर होने वाले कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपीडा की सुरक्षा फ्लीट को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस फ्लीट में 5 इनोवा, 5 कैम्पर, 4 एम्बुलेंस, 2 क्रेन और 1 हाइड्रा वाहन शामिल हैं। सुरक्षा फ्लीट का गुरुवार को भगवानपुर टोल प्लाजा पर रिहर्सल भी किया गया।
यूपीडा की फोटो गैलरी देखेंगे मुख्यमंत्री, निर्माण कार्मिकों संग खिंचाएंगे फोटो
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों लोकार्पण स्थलों (आजमगढ़ व गोरखपुर) पर यूपीडा द्वारा लगाई गई फोटो गैलरी का अवलोकन करेंगे। इसके साथ ही वह दोनों जगहों पर अलग-अलग पैकेज में काम करने वाली फर्मों के निर्माण कार्मिकों के साथ फोटो खिंचाकर उनका उत्साह बढ़ाएंगे।
टोल प्लाजा के समीप पौधरोपण करेंगे मुख्यमंत्री
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्मृतियों को संजोने के लिए भगवानपुर टोल प्लाजा के समीप पौधरोपण करेंगे। वह हरिशंकरी लगाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ अन्य मंत्री और जनप्रतिनिधि भी पौधा लगाएंगे।
यूपी का सातवां संचालित एक्सप्रेसवे होगा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों लोकार्पित होने जा रहा उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) का गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सातवां संचालित एक्सप्रेसवे होगा। इन सात में से पांच का निर्माण योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते आठ सालों में हुआ है। वर्तमान में तीन एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन हैं जबकि आठ नए एक्सप्रेसवे का निर्माण होना प्रस्तावित है। योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की पहचान एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में भी सुदृढ़ हो रही है। 2017 के पहले तक यूपी में सिर्फ दो एक्सप्रेसवे संचालित थे। जबकि योगी सरकार ने अपने अब तक के आठ साल में पांच नए एक्सप्रेसवे संचालन योग्य बना दिए हैं। संचालन के लिए लोकार्पित होने वाले एक्सप्रेसवे की सूची में नया जुड़ा नाम गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का है। यूपी देश में सबसे लंबे एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन चुका है। ये एक्सप्रेसवे प्रदेश के विकास को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
यूपी में वर्तमान में यूपीडा द्वारा संचालित एक्सप्रेसवे
1- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : लखनऊ से गाजीपुर (341 किमी)
2- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : चित्रकूट से इटावा (296 किमी)
3- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे : आगरा से लखनऊ (302 किमी)
4- यमुना एक्सप्रेसवे : ग्रेटर नोएडा से आगरा (165 किमी)
5- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे : मेरठ से दिल्ली (82 किमी)
6- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (25 किमी)
7- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91 किमी), (शुक्रवार से संचालित होगा)
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे
1- गंगा एक्सप्रेसवे (591 किमी)
2- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे (35 किमी)
3- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (63 किमी)
प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
1- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
2- बुंदेलखंड एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को वाया फर्रुखाबाद गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे
3- जेवर एयरपोर्ट लिंक एक्सप्रेसवे (निर्माण हेतु प्रारम्भिक कार्य चल रहा है)
4- विन्ध एक्सप्रेसवेः- प्रयागराज-मिरजापुर-वाराणसी-चंदौली-सोनभद्र
5- चंदौली से गाजीपुर में पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए स्पर का निर्माण
6- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से प्रयागराज होते हुए रीवा मार्ग से जोड़ने हेतु एक्सप्रेसवे का निर्माण
7- गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से हरिद्वार को जोड़ने हेतु एक्सप्रेसवे का निर्माण
8- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बने इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से मिलेगा स्थानीय लोगों को रोजगार
गोरखपुर । रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कठिन माने जा रहे क्षेत्र में बने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को सीएम योगी के दृढ़ संकल्प का एक्सप्रेस भी कहा जा रहा है। आकार लेने के साथ ही यह एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की भी सौगात लाया। शानदार रोड कनेक्टिविटी मिलना सुनिश्चित होने से लिंक एक्सप्रेसवे का किनारा निवेशकों की खास पसंद बन गया। एक्सप्रेसवे का लोकार्पण होने के पहले ही यहां चार इंडस्ट्रियल यूनिट्स में उत्पादन हो रहा है। जबकि कुछ बड़ी यूनिट्स की स्थापना के लिए भूमि आवंटन हो चुका है और कई को जल्द उनकी मांग के अनुसार जमीन उपलब्ध हो जाएगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने अपने महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर्स विकसित किए हैं। लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे ही गीडा ने 88 एकड़ क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश का पहला प्लास्टिक पार्क बनाया है। इसमें प्लास्टिक उत्पाद की 92 इकाइयों हेतु विभिन्न क्षेत्रफल के आवंटन हेतु उपलब्ध भूखंडों में से करीब पांच दर्जन भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है। प्लास्टिक पार्क में कुछ यूनिट्स में उत्पादन शुरू हो चुका है। इसमें 96 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली प्लास्टिक पैकेंजिंग की प्रमुख कंपनी टेक्नोप्लास्ट पैकेंजिंग प्राइवेट लिमिटेड, 17 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली ओम फ्लैक्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और 7 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली गजानन पॉलीप्लास्ट शामिल हैं। प्लास्टिक पार्क में केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं तकनीक संस्थान (सीपेट) का स्किल ट्रेनिंग सेंटर और सीएफसी कामन फसिलिटी सेंटर) भी बनने जा रहा है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप ही मल्टी नेशनल कंपनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण ब्रेवरजेज 1100 करोड़ रुपये के निवेश से बॉटलिंग प्लांट लगा चुकी है। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के पास गीडा ने तीन प्रमुख निजी कंपनियों एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, ग्रीनटेक भारत प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएमजी ग्रुप) और कपिला कृषि उद्योग को भूमि आवंटित की है। इससे 640 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक बताती हैं कि कनेक्टिविटी के विकल्प का असर निवेश पर पड़ता है। गीडा की तरफ से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा गीडा की धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को भी लिंक एक्सप्रेस की कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा।
गोरखपुर के अलावा एक और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंबेडकर नगर में बनेगा। चूंकि पूर्वांचल में खेतीबाड़ी ही रोजगार का प्रमुख जरिया है। लिहाजा दोनों कॉरिडोर में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर फोकस है। इससे आने वाले समय में यहां के खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प हो सकेगा। विश्व बैंक की मदद से चलने वाली यूपी एग्रीज योजना इसमें खासी मददगार होंगी। मालूम हो कि इस महत्वाकांक्षी योजना में पूर्वांचल के सभी जिले शामिल हैं।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर रहेगी पैट्रोलिंग वाहनों और जीपीएस लगे एम्बुलेंस की व्यवस्था
गोरखपुर । गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के लिए यातायात सुगमता के साथ सुरक्षा और संकट में सहायता के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। मदद के लिए यात्रियों को बस कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नम्बर 14449 पर फोन करना ही पर्याप्त होगा। फोन करते ही यूपीडा के जीपीएस लगे वाहन/एम्बुलेंस मौके पर मदद के लिए पहुंच जाएंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए कुल 15 वाहनों का सुरक्षा फ्लीट होगा जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को लोकार्पण समारोह के दौरान भगवानपुर टोल प्लाजा से रवाना करेंगे। यह एक्सप्रेसवे दो पैकेज में है। 45 किमी के प्रति पैकेज में यूपीडा के दो पैट्रोलियम वाहन (इनोवा), कार्यदायी संस्था द्वारा प्रदत्त सुरक्षा उपकरणों सहित दो पैट्रोलियम कैम्पर, दुर्घटना की स्थिति में तत्काल चिकित्सकीय सहायता के लिए दो एम्बुलेंस, दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को तत्काल मुख्य मार्ग से हटाने के लिए एक क्रेन तथा संपूर्ण लिंक एक्सप्रेसवे के लिए एक हायड्रा वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इस प्रकार दोनों पैकेज मिलाकर कुल 15 वाहन यातायात को सुगम बनाने के ‘राउंड ओ क्लॉक’ उपलब्ध रहेंगे।
यूपीडा के नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर, सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक राजेश पांडेय बताते हैं कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना की सूचना देने के लिए यूपीडा के एकीकृत कंट्रोल रूम के नम्बर 14449 का प्रयोग किया जाएगा। जब तक लिंक एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस (ऑटोमेटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) की स्थापना नहीं हो जाती, तब तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्थित के एटीएमएस कंट्रोल रूम से ही सूचनाओं का आदान प्रदान संबंधित अधिकारी, पैट्रोलिंग वाहन, एम्बुलेंस और क्रेन तक प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस व अन्य वाहन जीपीएस युक्त होंगे और कंट्रोल रूम सूचना मिलते ही सबसे नजदीक के वाहन, एम्बुलेंस को ट्रेस कर उसे मौके पर भेज दिया जाएगा। इससे न्यूनतम समय में मदद पहुंच जाएगी।
आने वाले दिनों में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत एक्सप्रेसवे पर एक निर्धारित दूरी पर सीसी कैमरे लगाए जाते हैं। इसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जाती है। इसके अलावा एटीएमएस में रफ्तार सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर नजर रखने के स्पीड कैमरे और एनपीआर (नम्बर प्लेट रीडर) की व्यवस्था भी होती है।
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