
26/11 के दोषियों को सजा दिलाने का काम अधूरा, उन्हें मिल रहा है संरक्षण : विदेश मंत्री
नई दिल्ली । विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि 26/11 हमले के दोषियों को सजा दिलाने के काम अब भी अधूरा है। चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि मानवता के खिलाफ इस जघन्य अपराध के दोषी अभी भी संरक्षण पा रहे हैं और उन्हें कोई सजा नहीं मिली है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की विशेष बैठक आज मुंबई में हुई। ताज होटल में दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मुंबई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी पंद्रह सदस्य देशों के राजदूतों ने आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान स्थानीय और क्षेत्रीय संदर्भों में आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने पर अनौपचारिक ब्रीफिंग में विदेश मंत्री ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने कहा कि अगले महीने नवंबर में 2008 में मुंबई पर हुए भयानक हमलों की 14 वीं वर्षगांठ है। इस हमले में एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया, मुकदमा चलाया गया, और भारत की सर्वोच्च अदालत ने उसे दोषी ठहराया। लेकिन 26/11 के हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता और योजनाकार अब भी संरक्षण पा रहे हैं और उन्हें कोई सजा नहीं हुई है।
चीन का नाम लिए बिना विदेश मंत्री ने कहा कि जब इन आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है, तो अफसोस की बात है कि सुरक्षा परिषद कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है। यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हमारे सामूहिक हितों को कमजोर करता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी संगठनों को अपने संगठनात्मक कार्यों को बनाए रखने और गतिविधियों को चलाने के लिए धन और संसाधनों की आवश्यकता होती है। ऐसे में आतंकवाद इसलिए फल-फूल रहा है कि उसे आवश्यक वित्तीय संसाधन मिल रहे हैं। विदेश मंत्री ने इस संदर्भ में पांच सूत्रीय नीति बताई।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए और वास्तव में पूरी मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। आतंक के पीड़ितों के नुकसान अतुलनीय है और इसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार सदस्यों के रूप में यह हम पर निर्भर है कि हम उनके आघात को याद रखें और आतंकवाद के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के अपने प्रयासों में लगे रहें। हम दुनिया भर में आतंकवाद के हर पीड़ित के लिए इसके ऋणी हैं।
विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 26/11 स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद एक मिनट का मौन रखा। इसके अगले दिन की बैठक राजधानी दिल्ली में होगी जिनमें चीन के राजनयिक भी भाग लेंगे।(हि.स.)