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CAA-NRC के खिलाफ जारी रहे धरना, सच नहीं वायरल वीडियो: दारुल-उलूम

संसद में एनआरसी पर सरकार के जवाब से दारुल-उलूम संतुष्ट नहीं है. दारुल-उलूम के कासिम नोमानी ने कहा है कि ये देशव्यापी आंदोलन का ही असर है, जो सरकार एक इंच भी नहीं हटने की बात कहती थी, वो अब एनआरसी पर नरम नजर आ रही है.
संसद में गृह मंत्रालय की सफाई से दारुल-उलूम देवबंद संतुष्ट नहीं है और यहां के वाइस चांसलर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी रहना चाहिए.

दारुल-उलूम के वाइस चांसलर अबुल कासिम नोमानी ने एनआरसी और सीएए को राष्ट्रीय और सामुदायिक मुद्दा बताते हुए कहा कि इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए. नोमानी ने आंदोलन को असरदार बताते हुए कहा कि देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शन जारी रहने चाहिए.

संसद में एनआरसी पर फिलहाल कुछ नहीं वाली सरकार की सफाई को भी कासिम नोमानी ने आंदोलन से जोड़कर बताया. नोमानी ने कहा कि ये देशव्यापी आंदोलन का ही असर है, जो सरकार एक इंच भी नहीं हटने की बात कहती थी, वो अब एनआरसी पर नरम नजर आ रही है.

वीडियो पर भी दी सफाई
कासिम नोमानी ने उस वायरल वीडियो पर भी सफाई दी जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि दारुल-उलूम देवबंद की तरफ से सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की है. नोमानी ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर जो मेरा वीडियो वायरल हो रहा है वो जिला प्रशासन के साथ मीटिंग का है, जिसमें देवबंद शहर में शांति को लेकर बातचीत हुई. जबकि कहा ये जा रहा है कि दारुल-उलूम ने धरना खत्म करने के लिए कहा है. ये पूरी तरह से आधारहीन है और दुष्प्रचार है. दारुल-उलूम ने ऐसी कोई अपील जारी नहीं की है.’
दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से आंदोलन चल रहा है, जिसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में भी महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. देवबंद में भी महिलाएं नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं. इस बीच दारुल उलूम की तरफ से कहा गया है कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहा ये आंदोलन संविधान बचाने का है और आगे भी यह जारी रहना चाहिए.

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