भारत के संतों, ऋषियों और मुनियों की तपस्या और ध्यान राष्ट्र के शाश्वत ज्ञान का आध्यात्मिक आधार है: उपराष्ट्रपति
भारत के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने गुरुग्राम स्थित ब्रह्म कुमारी ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओएसआरसी) के रजत जयंती वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संस्था आध्यात्म, ध्यान और अंतर्जागरण के माध्यम से मानवता को शांति, स्थिरता और पवित्रता की राह दिखा रही है। उपराष्ट्रपति ने पर्यावरण संरक्षण, 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन और वृक्षारोपण जैसी हरित पहलों की सराहना की। उन्होंने ‘नशा मुक्त भारत’, वरिष्ठ नागरिक सम्मान और सामाजिक सेवा अभियानों में ब्रह्म कुमारी के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम में हरियाणा मंत्री श्री राव नरबीर सिंह और संगठन के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
- राजयोग, ध्यान और पर्यावरणीय स्थिरता पर दिया जोर; अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण में आंतरिक शांति की भूमिका महत्वपूर्ण
भारत के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने आज गुरुग्राम में ब्रह्म कुमारी के ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओएसआरसी) के रजत जयंती वर्ष समारोह का शुभारंभ किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इस केंद्र के समारोह में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इसकी स्थापना 24 वर्ष पहले ब्रह्म कुमारी के आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हुई थी और अब यह अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने केंद्र के शांति और ध्यान के संदेश की ओर आकर्षित होने वाले वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, प्रशासकों, राजनेताओं जैसे पेशेवरों की विविधता की सराहना की। उन्होंने ब्रह्म कुमारी को दुनिया के सबसे बड़े महिला-नेतृत्व वाले आध्यात्मिक संगठन के रूप में उभरने के लिए बधाई दी।
उपराष्ट्रपति ने आध्यात्म, ध्यान और अंत: जागरण में निहित भारत की समृद्ध सभ्यतागत विरासत पर जोर दिया। उन्होंने संतों, ऋषियों और मुनियों के गहन योगदान को याद किया जिनकी तपस्या और ध्यान साधना ने भारत के शाश्वत ज्ञान को आकार दिया है। उन्होंने कहा कि राजयोग और विपश्यना जैसी परंपराएं इस बात के महत्व को इंगित करती है कि सच्ची शक्ति और स्पष्टता भीतर से ही उभरती है।
श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने इस आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने और भारत तथा विदेशों में लाखों लोगों को मन की शांति और पवित्रता की ओर मार्गदर्शन करने के लिए ब्रह्म कुमारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमृत काल में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक विकसित भारत @2047 की कल्पना की है, जहां आर्थिक विकास, आंतरिक स्थिरता, प्रसन्नता और शांति पूरक हो। उन्होंने कहा कि आज के तीव्र संसार में ध्यान को एक आवश्यक जीवन कौशल के रूप में अपनाया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति ओम शांति रिट्रीट सेंटर की दृढ़ प्रतिबद्धता और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल मिशन लाइफ के साथ तालमेल की भी सराहना की। यह मिशन लोगों को सचेतन जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने केंद्र की हरित पहलों की भी सराहना की जिनमें 1 मेगावाट का हाइब्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन प्रणालियां, बायोगैस और सीवेज शोधन संयंत्र, हरित रसोई, निःशुल्क पौध नर्सरी और कल्प तरु परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति ने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ और वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान तथा सभी क्षेत्रों में कर्मयोग को बढ़ावा देने वाली अन्य सामाजिक पहलों में ब्रह्म कुमारी के योगदान की सराहना की। हाल ही में लखनऊ में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा ब्रह्म कुमारी के वार्षिक अभियान ‘‘विश्व एकता और विश्वास के लिए राजयोग ध्यान’’ के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए, श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने विश्वास व्यक्त किया कि रजत जयंती वर्ष सेवा के नए मार्ग खोलेगा, सामाजिक साझेदारी को और गहरा करेगा और आध्यात्मिक पहुंच को बढ़ाएगा।
इस अवसर पर हरियाणा सरकार के पर्यावरण एवं वन तथा उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राव नरबीर सिंह तथा ब्रह्म कुमारी के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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