जीएसटी विलम्ब शुल्क के मुद्दे पर जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विचार होगा
नई दिल्ली । हाल के दौर में भारत सरकार ने जीएसटी आर 3 बी रिटर्न नहीं भरने पर लागू विलम्ब शुल्क से छूट के मुद्दे पर हुए ट्वीट्स को संज्ञान में लिया है। व्यापक स्तर पर रिटर्न पर लागू विलम्ब शुल्क से छूट देने की मांग हो रही है, जिन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की तारीख अगस्त, 2017 से भरा जाना था। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के बाद बने वर्तमान हालात में 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले लघु उद्यमों को सहायता के लिए वित्त मंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण पहले ही फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई, 2020 के जीएसटी रिटर्न की तारीख बढ़ाकर जून, 2020 तक करने की घोषणा कर चुकी हैं। इस अवधि के लिए कोई विलम्ब शुल्क नहीं देना होगा।
माफी के वर्तमान अनुरोध पुरानी अवधि (अगस्त 2017 से जनवरी 2020) से संबंधित हैं। समझा जा सकता है कि विलम्ब शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है कि करदाता समय से रिटर्न भरें और खरीदारों से संग्रहित कर और बकाया कर का सरकार को भुगतान करें। यह कदम अनुपालन के संबंध में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। ईमानदार और नियमों का पालन करने वाले करदाताओं को ऐसे प्रावधान के अभाव में नकारात्मक रूप से भेदभाव का सामना करना पड़ेगा। जीएसटी में केन्द्र और राज्य द्वारा लिए गए सभी फैसले जीएसटी परिषद की स्वीकृति से लिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर एकतरफा विचार रखना संभव या वांछनीय नहीं है और इसलिए उद्योग जगत को सूचित किया गया है कि विलम्ब शुल्क के मसले को विचार के लिए जीएसटी परिषद की अगली बैठक में रखा जाएगा।