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सदन नियमों से चलता है और सदस्य उसका पालन करें : लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा में बैकफुट पर आया विपक्ष

नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदन में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह अत्यंत अशोभनीय है। सदन नियमों से चलता है और सदस्यों को उन नियमों का पालन करना चाहिए। सदन में बुधवार को हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो पाई। बैठक शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर नहीं लौटे और नारेबाजी करते रहे।

सदस्यों के आचरण से नाराज अध्यक्ष बिरला ने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सदन की नियम-प्रक्रियाएं सदस्यों ने ही बनाई हैं। नियमों में लिखा है कि सदस्य वेल में तख्तियां लेकर नहीं आएं।उन्होंने कहा कि सदस्य अपने ही बनाए नियमों का पालना नहीं कर रहे। बिरला ने सदस्यों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे नहीं माने तो विवश हो उन्हें नियमों का पालना कराना पड़ेगा।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चर्चा करें। प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय करें। सदस्यों का हंगामा जनप्रतिनिधि के तौर पर उचित नहीं है।वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।

लोकसभा में बैकफुट पर आया विपक्ष

लोकसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को वापस लेने की अपील करते कहा कि अब वे आसन के सम्मुख नहीं आयेंगे।एक बार के स्थगन के बाद दो बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने नियम 377 के तहत मामले उठाने के लिए सदस्यों के नाम पुकारना शुरू कर दिया। राकांपा की सुप्रिया सुले ने अपील की कि कांग्रेस के चार सदस्यों को सत्रावधि के लिए निलंबित किया है। उनका निलंबन समाप्त करके सदन में वापस बुलाना चाहिए।

सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार है तो हम भी चर्चा में भाग लेना चाहते हैं।तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय ने और द्रमुक के ए राजा ने भी कहा कि उन्हें खेद है कि कांग्रेस के सदस्यों ने आसन के सम्मुख आ कर अमर्यादित आचरण किया लेकिन उनका निलंबन समाप्त करके सदन में वापस लिया जाना चाहिए।इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि निलंबन समाप्त करने का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष लेंगे लेकिन श्रीमती सुले, श्री राजा और श्री बंद्योपाध्याय इस बात की गारंटी लेंगे कि उक्त सदस्य दोबारा ऐसा आचरण नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से कह रही है कि वह महंगाई समेत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।लेकिन विपक्ष की ओर से गारंटी वाले मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी और सदन में नियम 377 और फिर शून्य काल में लोक महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों काे उठाया गया।

विपक्ष से डरी सरकार ने 23 सांसदों को किया निलंबित : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा कि केन्द्र सरकार महंगाई,बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा से बचने के लिए 23 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर चुकी है।राहुल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सिलेंडर के दाम 1053 रुपये तक पहुंच गए हैं। जरूरी सामान और अनाज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगा दी गई है। सरसो का तेल 200 रुपये पर पहुंचा गया है। राहुल गांधी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल पूछने के अपराध में 57 सांसदों को गिरफ्तार और 23 को निलंबित कर दिया गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 23-24 सांसदों को संसद सत्र से निष्कासित कर दिया गया। कांग्रेस को सड़क पर प्रदर्शन करने तक की अनुमति नहीं है।वहीं संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन के दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष जनता के मुद्दों को उठाती रहेगी। केन्द्र सरकार जानबूझ कर बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटका रही है। उल्लेखनीय है कि आज कांग्रेस सांसदों के साथ राहुल गांधी ने संसद परिसर में महंगाई बेरोजगारी के मुद्दों पर प्रदर्शन कर इन मुद्दों पर संसद में चर्चा की मांग की।

विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण राज्यसभा में गतिरोध दूर नहीं हो पा रहा और बुधवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।विपक्ष के 19 सदस्यों को मंगलवार को इस सप्ताह के लिए सदन से निलंबित किए जाने के बाद आज आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को भी सप्ताह की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।इससे विपक्षी दलों के तेवर और तीखे हो गए और उन्होंने सदन में जमकर हंगामा किया तथा कार्यवाही में लगातार बाधा पहुंचाई।

सदन की कार्यवाही जब चौथी बार शुरू हुई तो विपक्षी दलों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया पीठासीन उपसभापति भुवनेश्वर कलिता ने विपक्षी सदस्यों से अपनी जगह पर लौटने तथा सदन को सुचारू ढंग से चलने देने की कई बार अपील की, लेकिन इसका असर न होते देख उन्होंने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।सदन में आसन की ओर कागज फाड़कर फेंकने और कार्यवाही में बाधा उत्पन्न करने को लेकर आप पार्टी के संजय सिंह को राज्यसभा की इस सप्ताह की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।

शून्यकाल के दौरान स्थगन के बाद कार्यवाही शुरू होने पर उप सभापति हरिवंश ने सदन को सूचित किया कि श्री सिंह ने कल सभापति के आसान की ओर कागज फाड़कर फेंके थे।उप सभापति ने कहा कि श्री सिंह का यह आचरण सदन के मान्य नियमों के अनूकूल नहीं पाया गया है। इसलिए उनके विरूद्ध नियम 256 के तहत कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने श्री सिंह को सदन की इस सप्ताह की शेष कार्यावधि के लिए निलंबित किये जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित करदिया।

मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच उत्पन्न गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है और इसके कारण कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है जिससे पिछले आठ दिनों में कोई खास विधायाई कामकाज नहीं हो सका हो है।(वार्ता) (हि.स.)

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