
सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अब्बास अंसारी को दी अंतरिम जमानत
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मऊ निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अब्बास अंसारी को राज्य के गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी।न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अंसारी की याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने अंसारी को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ने और अदालत में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा है।इसके अलावा पीठ ने उन्हें लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास में रहने और मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेने का भी निर्देश दिया।अदालत ने पुलिस से छह सप्ताह में अंसारी द्वारा जमानत शर्तों के अनुपालन पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उन्हें मौजूदा मामले को छोड़कर सभी मामलों में जमानत दी गई है, जिसमें केवल पुलिस अधिकारियों को गवाह के रूप में नामित किया गया है।उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली व्यक्ति है, जो अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर भी गवाहों को धमका सकता है। इस पर पीठ ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट मामले को छोड़कर सभी आपराधिक मामलों में उन्हें जमानत दी गई थी।याचिकाकर्ता को 04 नवंबर, 2022 को एक अन्य आपराधिक मामले में हिरासत में लिया गया था, लेकिन पिछले साल 06 सितंबर को उसे गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर, 2024 को इस मामले में अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ यूपी गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2, 3 के तहत चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी पुलिस थाने में 31 अगस्त, 2024 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप लगाया गया था।(वार्ता)
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