
वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था एक साथ कई तरह की चुनौतियों से जुझ रही है और इसके खतरों से निपटने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के इतर जी 20 वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के समापन को संबोधित करते हुये कहा कि जी 20 वित्त मंत्रियों ने जोखिम भरी वैश्विक स्थिति से निपटने के लिए अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर हमेशा साथ आये हैं तथा लोगों की समृद्धि के एक लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम किया है।
उन्होंने जी 20 वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों से इस दिशा में काम जारी रखने की भी अपील की।वित्त मंत्री ने कहा “भारत का मनना है कि जी 20 की मेजबानी करना एक अवसर होने के साथ ही जिम्मेदारी भी है। बहुलतावादी के प्रति विश्वास को पुन: स्थापित करना भारत की सोच का मुख्य धेय है। भारत की पहल से अंतर निर्भरता को मानने को बढ़वा देना है। हम सभी की एक ही चाहत सुरक्षित, शांत और समृद्ध विश्व की है।”
सीतारमण ने की कई देशो के वित्त मंत्रियों से भेंट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के अगल आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जर्मनी सहित कई देशों के वित्त मंत्रियों के साथ अलग अलग द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की है और अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में हो रही जी 20 बैठक को सफल बनाने मदद की अपील की।श्रीमती सीतारमण ने आज जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिस्टिन लिंडर के साथ चर्चा की। उन्होंने कई क्षेत्राें में संभावित सहयोग पर भी विचार विमर्श किया।
उन्होंने जर्मनी से भारत को जी 20 की अध्यक्षता में सहयोग करने की भी अपील की।श्रीमती सीतारमण ने न्यूीजलैंड के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ग्रांट रोर्बटशन से भी भेंट की और फिनटेक तथा इंडिया स्टेक सिस्टम इंटरपोर्टेराबिलिटी में सहयोग करने की अपील की।उन्होंने आस्ट्रेलिया के वित्त मंत्री जिम चार्ल्मस से भी भेंट की और भारत की अध्यक्षता में अगले वर्ष हो रही जी 20 बैठक में उठाये जाने वाले संभावित मुद्दों पर चर्चा की।(वार्ता)