National

सीतरणम ने जाति, को नयी परिभाषा दी, धर्मनिर्पेक्षता को नया जामा पहनाया

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लेक सभा में अपने बजट भाषणा में “गरीब, महिलाएं, यूवा और अन्नदाता (किसान) को चार जाति बताया और कहा कि‘इनकी आवश्यकताओं, आकांक्षाओं, इनके कल्याण’ को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।श्रीमती सीतारमण ने योजनाओं के लाभ को हर नागरिक तक बिना भेदभाव तक पहुंचा जाने को सच्चा सामाजिक न्याय और जीती जागती धर्मनिर्पेक्षता बताया। उन्होंने वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए अपने 56 मिनट के भाषणा में कहा, “जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। वे हैं, ‘गरीब’ (गरीब), ‘महिलाएं’ (महिलाएं), ‘युवा’ (युवा) और ‘अन्नदाता’ (किसान)। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे आगे बढ़ते हैं तो देश आगे बढ़ता है।

”उन्होंने ने अपने छठे बजट भाषणा में विश्वास जताया कि 2024 के आम चुनाव के बाद यही सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी और वह बजट ‘विकसित भारत का रोडमैप’ होगा। उन्होंने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले दस वर्षों में गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है। भारत के लोग आशा और आशावाद के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं।’उन्होंने कहा कि हमारे विकास दर्शन में समावेशिता के सभी तत्व – अर्थात् समाज के सभी वर्गों के कवरेज के माध्यम से सामाजिक समावेशिता, और देश के सभी क्षेत्रों के विकास के माध्यम से भौगोलिक समावेशिता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ‘सर्वांगीण, सर्वस्पर्शीद्व तथा सर्व-समावेशी’ दृष्टिकोण से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 2047 तक ‘विकसित भातर’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश के “लोगों के सामर्थ्य बनाना होगा, उन्हें अधिकार सम्पन्न बना होगा।

’श्रीमती सीतारमण ने कहा, “‘पिछली सरकारों के लिए सामाजिक न्याय ज्यादातर एक राजनीतिक नारा था। हमारी सरकार के लिए सामाजिक न्याय शासन का एक प्रभावी और आवश्यक मॉडल है।”उन्होंने ने कहा, “ हर पात्र व्यक्ति को को योजना में शामिल करना ही सामाजिक न्याय की सच्ची उपलब्धि और व्यापक उपलब्धि है। यही धर्मनिर्पेक्षा का वास्तविक क्रियान्वयन है, इससे भ्रष्टाचार कम होता है, और भाई-भतीजावाद पर रोक लगती है।”श्रीमती सीतारमण ने कहा कि 2014 में जब मोदी सरकार आयी, तो देश बड़ी चुनौतियों में फंसा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का ‘मंत्र’ अपनाते हुए उन चुनौतियों पर सही ढंग से काबू पाया। बुनियादी सुधार किये गये। जन-हितैषी कार्यक्रम तैयार किये गये और उन्हें तत्परता के साथ लागू किया गया। रोजगार और उद्यमिता के अधिक अवसरों के लिए परिस्थितियाँ बनाई गईं। अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिली।

”वित्त मंत्री ने कहा कि सबका प्रयास’ के ‘संपूर्ण राष्ट्र’ दृष्टिकोण के साथ, देश ने सदी में एक बार आने वाली महामारी (कोविड19) की चुनौती पर काबू पाया, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में लंबे कदम उठाए, ‘पंच प्रण’ के लिए प्रतिबद्ध हुए और ‘अमृत काल’ की ठोस नींव रखी।श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार “सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में देश को उच्च वृद्धि दर के रास्ते पर रखने के साथ साथ दूसरे ‘जीडीपी’ यानी ‘ गवर्नेश (शासन), डेवलपमेंट (विकास) और पर्फारमेंश (कार्य-प्रदर्शन) पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रही है जो अधिक व्यापक जीडपी है।”वित्त मंत्री ने कहा, “पिछले दस वर्षों में बहुआयामी आर्थिक प्रबंधन ने जन-केंद्रित समावेशी विकास को पूरक बनाया है।” उन्होंने इसमें मुद्रास्फीति प्रबंध, वित्तीय क्षेत्र की मजबूती, वैश्विक पूंजी की सुलभता के लिए गिफ्ट- आईएफएससी, एक देश एक कर व्यवस्था के लिए जीएसटी प्रणाली, सभी प्रकार के बुनियादी ढांचे जिसमें भौतिक, सामाजिक, डिजिटल ढांचे का विकास तथा देश के हर भाग में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने जैसे प्रबंधन का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि ‘सबका विश्वास’ अर्जित करते हुए प्रदर्शन और प्रगति के मजबूत और अनुकरणीय ट्रैक-रिकॉर्ड से उत्पन्न आत्मविश्वास के साथ, अगले पांच साल देश के लिए अभूतपूर्व वृद्धि के वर्ष होंगे, और विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने के लिए ये सुनहरे क्षण होंगे। युवा आबादी, लोकतंत्र और विविधा इनकी तिकड़ी तथा ‘सबके प्रयास’ का साथ हर भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है।श्रीमती सीतारणम ने बजट को सदन के विचार के लिए प्रस्तुत करते हुए अंत में कहा , “सुशासन, विकास और कम दिखाने , प्रभावी वितरण और ‘जन कल्याण’ के अनुकरणीय ट्रैक रिकॉर्ड को देखते लोगोंने सरकार को आने वाले वर्षों और दशकों में सच्ची समर्पण और कड़ी मेहनत और अच्छे इरादों के साथ ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए हर जरूरी प्रयास करने के लिए विश्वास, भरोसा और आशीर्वाद दिया है।”(वार्ता)

भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर रणनीतिक और आर्थिक परिवर्तनकारी पहल

सौर प्रणाली लगाने वाले एक करोड़ परिवारों को हर माह मिलेगी 300 यूनिट बिजली मुफ्त : सीतारमण

अंतरिम बजट में भविष्य का सपना दिखाया वित्त मंत्री ने, पूंजीगत व्यय में 11 प्रतिशत की वृद्धि

वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में नयी पीढ़ी के सुधार, दो करोड़ मकान सहित 12 बड़ी योजनायें घोषित की

वित्तमंत्री ने 3 नए कॉरिडोर के साथ रेलवे के लिए बजट में किया ये ऐलान

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button