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अंतरिम बजट में भविष्य का सपना दिखाया वित्त मंत्री ने, पूंजीगत व्यय में 11 प्रतिशत की वृद्धि

नयी दिल्ली : सरकार ने आम चुनाव के ठीक पहले अंतरिम बजट 2024-25 में आयकर और अप्रत्यक्ष करों को यथावत रखते हुये महिला, युवा, गरीब और किसानों को लुभाने की कई पहलों की घोषणा की और आर्थिक वृद्धि को तेजी बनाये रखने के लिए बुनियादी ढांचे पर 11.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय के प्रावधान वाले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुये कहा कि सरकार ने 10 साल के काम से जनता का विश्वास और भरोसा अर्जित किया है और जुलाई 2024 में हम ही अगला पूर्ण बजट भी पेश करेंगे।

उन्होंने कहा कि अगला बजट विकसित भारत का रोडमैप होगा। अंतरिम बजट में चालू वित्त वर्ष के व्यय का संशोधित अनुमान 44.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इस वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्तियां 30.30 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो बजट अनुमान से अधिक है। उधारी को छोड़कर सरकार की कुल प्राप्तियां 27.56 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जिसमें कर प्राप्तियां 23.24 लाख करोड़ रुपये होंगे। अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने और उधारी को छोड़कर कुल प्राप्तियां 30.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2024-25 में कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने की है।

वित्त मंत्री ने राजकोषीय मजबूती की राह पर कायम रहते हुये अगले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 4.5 प्रतिशत तक रखा जायेगा।उन्होंने लोकसभा में बजट भाषण में कहा, “परंपरा को बनाये रखते हुये मैं कराधान संबंधी किसी प्रस्ताव का बदलाव नहीं कर रही हूं और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करों की दरों को वर्तमान स्तर पर बनाये रखने का प्रस्ताव करती हूं जिसमें आयात शुल्क की दरें भी शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि नयी कर व्यवस्था में सात लाख रुपये तक कोई कर नहीं देना है।

वित्त मंत्री ने अपने लगातार छठे बजट भाषण में कहा कि भारत चालू वित्त वर्ष में लगातार तीसरे साल सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ जी-20 देशों में सबसे तीव्र बढ़ोतरी दर्ज करने वाला देश होगा।श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, “ हमने बजट को पारदर्शी को बनाया है। हमने आमदनी और खर्च के मासिक रिपोर्ट जारी करने की व्यवस्था की है फिर भी बजट में हम सब कुछ शामिल करते हैं तथा कुछ छिपाते नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि पूंजीगत निवेश में वृद्धि में कमी होने के एक सवाल के जबाव में कहा कि हम लगातार चार साल से इसमें बढोतरी कर रहे हैं और इसबार 11,11,111 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो ऊंचे तुलनात्मक आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि है यह कम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी देखा जाना चाहिए कि निजी निवेश शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि बजट में वर्तमान मूल्य पर 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी और कर राजस्व में वृद्धि 11.5 प्रतिशत रहेगी। चालू वित्त वर्ष में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी वृद्धि 8.9 प्रतिशत और कर राजस्व में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुमान है। अधिकारियों ने कहा कि बजट के आंकड़े व्यावहारिक एवं विश्वसनीय है।अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री योजना के तहत दो करोड़ और मकान बनाने तथा मलिनबस्तियों, किराये के मकान में रखने वाले मध्यवर्ग के लोगों के लिए अपना मकान बनाने की नयी योजना तथा अर्थव्यवस्था की आगे की जरूरतों के लिए राज्यों की सहमति के साथ नयी पीढ़ी के सुधार करने सहित 12 प्रमुख पहलों की घोषणा की गयी है।

अधिकारियों ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए मकान योजना में ब्याज सब्सिडी जैसी पहल हो सकती है।इन पहलों में रुफटॉप सोलर योजना के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। लखपति दीदी योजना के तहत लक्ष्य को दो करोड़ महिलाओं से बढ़ा कर तीन करोड़ करने, लघु, सूक्ष्म एवं मझोले उद्यमों को वैश्विक स्टार पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और उन्हें नियमों के अनुपालन के साथ काम करने में समर्थ करने की घोषणा भी शामिल है।अंतरिम बजट में बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को अमृत काल में विकास के नये इंजन के रूप में खड़ा करने, रेलवे में सुधार के लिए कई पहल की घोषणा की गयी है। शहरीकरण को गति देने के लिए मेट्रो और नमो भारत को गति देने के उपाय किये गये हैं। निजी क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ाने के लिये दीर्घकालिक क़र्ज़ देने के वास्ते एक लाख करोड़ रुपये का एक नया कोष बनाने की घोषणा की गयी है।

पर्यटन के विकास के लिये राज्यों को ब्याज मुक्त कर सुविधा देने की घोषणा की गयी है जिसमें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। मोदी सरकार के दस साल के काम की इससे पिछली सरकार के 10 साल के काम की तुलना करते हुये श्वेत पत्र लाया जायेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट को समावेशी तथा नवान्वेषी करार दिया है और कहा है कि बजट में 2047 के विकसित भारत की गारंटी है। श्री मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आज का ये अंतरिम बजट समावेशी और नवान्वेषी बजट है। इस बजट में निरंतरता का विश्वास है। ये बजट विकसित भारत के चार स्तंभ- युवा, गरीब, महिला और किसान, सभी को सशक्त करेगा। ये बजट, देश के भविष्य के निर्माण का बजट है। इस बजट में 2047 के विकसित भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है। इस बजट में, युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का, भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। बजट में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। अनुसंधान एवं नवान्वेषण पर एक लाख करोड़ रुपए का फंड बनाने की घोषणा की गई है।

बजट में स्टार्टअप्स को मिलने वाली टैक्स छूट के विस्तार का एलान भी किया गया है।कांग्रेस सहित अधिकांश विपक्षी दलों ने बजट को निराशाजनक बताया है। कांग्रेस ने बजट को अमीरों के पक्ष में बताते हुए कहा है कि इसमें बेरोजगार युवाओं के लिए कुछ नहीं हैं और इसमें शब्दों के जाल में फंसा कर सिर्फ खोखले दावे किए गये हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि वित्त मंत्री ने पूरे बजट भाषण में किसानों के बारे में बात की, लेकिन किसान की नाखुशी को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गये हैं। वित्त मंत्री ने कृषि श्रमिकों सहित किसानों की आत्महत्या की संख्या का खुलासा नहीं किया है।पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा कि वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट, राष्ट्रपति के अभिभाषण तथा वित्त मंत्री के भाषण में पिछले तीन दिनों से वही संख्याएं गिना रही हैं और इन संख्याओं पर अर्थशास्त्रियों और विषय के जानकार लोगों ने सवाल उठाये हैं।

उद्योग जगत ने इसकाे देश के विस्तृत और समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराने वाला अंतरिम बजट बताया है और उसका मानना है कि बजट की दिशा आर्थिक वृद्धि के आधार को मजबूत करने वाली और दीर्घकालिक समृद्धि को बढ़ाने वाली है। अंतरिम बजट का हालांकि शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव दिखा और बीएसई का सेंसेक्स 107 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 28 अंक उतर गया।(वार्ता)

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