अखिलेश विवेक और याददाश्त दोनो से कमजोर हो गए हैं -सिद्धार्थ नाथ सिंह
कुशीनगर एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया 2010 में शुरू हुई थी जब प्रदेश में सपा सरकार नही थी . दूसरी सरकार के कार्य का क्रेडिट लेना शोभा नही देता है पूर्व मुख्यमंत्री को- सिद्धार्थ नाथ
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का मखौल उड़ाते हुए कहा है कि उनकी याददाश्त इतनी कमज़ोर हो गयी है कि उनको यह भी याद दिलाना पड़ेगा कि प्रदेश में 2010 में उनकी सरकार थी ही नहीं जब कुशीनगर एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
सिद्धार्थ नाथ सिंह यहां एक बयान में कहा कि अपने विवेक के साथ स्मरण शक्ति कमजोर हो ही जाती है अन्यथा अखिलेश को इतना उलजलूल बोलने की क्या जरूरत थी। अब देखिए, सपा के मुंगेरी लाल कह रहे हैं कि बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में प्रतिष्ठित कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की शुरुआत उनके कार्यकाल में हुई थी। उन्होंने कहा कि कुशीनगर में 101 एकड़ भूमि पर 1644X23 मीटर रनवे के साथ कसया राजकीय हवाई पट्टी वर्ष 2010 में नागरिक उड्डयन विभाग से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की गई।
सिद्धार्थ नाथ ने याद दिलाया कि बौद्ध पर्यटन के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों की बढ़ती अभिरूचि का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अप्रैल 2011 तक लगभग 488 एकड़ भूमि का क्रय / अधिग्रहण करके कसया राजकीय हवाई पट्टी की 101 एकड़ भूमि को सम्मिलित करते हुए कुल 589 एकड़ भूमि पर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की परिकल्पना की थी। अब बताने की आवश्यकता नहीं है कि 2011 में प्रदेश में सपा की सरकार नहीं थी।
उन्होंने बताया कि कुशीनगर एयरपोर्ट के संचालन एवं अग्रेतर विकास हेतु राज्य सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ दिनांक 05 मार्च, 2019 को एम0ओ0यू० का निष्पादन किया और इसके क्रम में दिनांक 04 अक्टूबर, 2019 को एयरपोर्ट का हस्तांतरण/भूमि का नामांतरण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को किया गया।
वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा कुशीनगर एयरपोर्ट को अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा प्रदान किया गया और कुशीनगर एयरपोर्ट से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के संचालन हेतु नागर विमानन महानिदेशालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 22 फरवरी, 2021 को एयरोड्रोम लाइसेन्स जारी किया गया।
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जब योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का बुधवार को प्रधानमंत्री के द्वारा शुभारंभ हो रहा , अखिलेश इस प्रोजेक्ट का क्रेडिट लेना चाह रहे हैं। वैसे भी गलत क्रेडिट लेना इस व्यक्ति पर शोभा नही देता है जो स्वयं मुख्यमंत्री रह चुका है।