सात रक्षा कंपनियों ने 2022-23 के लिए 17 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा
ओएफबी के 41 कारखानों को पिछले साल कॉरपोरेट कल्चर की 07 कंपनियों में बदला गया था.एक साल पूरा होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सातों कंपनियों के कामकाज की समीक्षा की.
नई दिल्ली । आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के 41 कारखानों को कॉरपोरेट कल्चर के सात उपक्रमों (डीपीएसयू) में बदलने का एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इनके कामकाज की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की। इन सातों कंपनियों ने पिछले साल 01 अक्टूबर से परिचालन शुरू किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विजयादशमी’ के अवसर पर 15 अक्टूबर को राष्ट्र को समर्पित करने की औपचारिकता पूरी की थी। सातों कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 17 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है।
बैठक के दौरान रक्षा मंत्री को रक्षा उत्पादन विभाग के अधिकारियों ने एक साल में इन नए डीपीएसयू की प्रगति के बारे में जानकारी दी। सभी कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्चुअली संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ओएफबी का निगमीकरण इन संस्थाओं की वास्तविक क्षमता को उजागर करके देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार था। उन्होंने सराहना की कि ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के हितों की रक्षा करते हुए पूर्ण स्वायत्तता, दक्षता और जवाबदेही के साथ आगे बढ़ रही हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की रणनीतिक संपत्ति ओएफबी ने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा में बहुमूल्य योगदान दिया है। सरकार शुरू से ही इस बोर्ड को संभाल रही थी, लेकिन सरकारी विभाग होने के कारण ओएफबी के पास लाभ दिखाने की बहुत कम जवाबदेही थी। सदियों पुरानी प्रक्रियाएं, प्रथाएं, कागजी कार्य प्रासंगिकता खो चुके थे। इन प्रथाओं से छुटकारा पाना समय की मांग थी और आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका निगमीकरण था। इसीलिए सरकार ने बोर्ड के अधीन कार्य कर रहे 41 कारखानों को कॉरपोरेट कल्चर की सात रक्षा कंपनियों में बदलने का फैसला लिया।
उन्होंने बताया कि इन कंपनियों को वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान आधुनिकीकरण के लिए 2,953 करोड़ रुपये की राशि इक्विटी के रूप में जारी की गई है। 2026 तक इन कंपनियों को 6,270 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की योजना है। इसके अलावा इन कंपनियों को आपातकालीन प्राधिकरण कोष के रूप में 3,750 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इन कंपनियों ने संचालन के छह महीने के भीतर 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भी सात नए डीपीएसयू ने संचयी बिक्री लक्ष्य लगभग 17 हजार करोड़ रुपये अनुमानित किया है, जो पूर्ववर्ती ओएफबी की पिछली उपलब्धियों की तुलना में काफी अधिक है।
रक्षा मंत्री ने दुनियाभर में भारत की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसे इन कंपनियों की जिम्मेदारी बताया। वर्तमान युग को प्रौद्योगिकी संचालित बताते हुए उन्होंने कंपनियों को नवीनतम तकनीक विकसित करने या उनसे परिचित होने का आह्वान किया, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए रक्षा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस बैठक में नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक साल के भीतर कंपनियों की प्रगति
1. मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद के लिए 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात ऑर्डर प्राप्त किए।
2. ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) को भी पैराशूट निर्यात करने के ऑर्डर मिले।
3. यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) ने भारतीय रेलवे जैसे गैर-रक्षा बाजार से 300 करोड़ से अधिक के ऑर्डर हासिल किये।
4. ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड ने बुलेट प्रूफ जैकेट, बैलिस्टिक हेलमेट, ईसीडब्ल्यूसीएस आदि जैसी वस्तुओं का विकास किया।
5. बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड ने सीआरपीएफ के लिए माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल का नया संस्करण विकसित किया।
6. एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड को दिल्ली पुलिस से जेवीपीसी कार्बाइन की आपूर्ति का ऑर्डर मिला।
7. मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने 40 मिमी.यूबीजीएल गोला-बारूद, 500 किलो का बम भी सफलतापूर्वक विकसित किया।
8. इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड ने फ्यूजन इमेजिंग तकनीक से टैंकों के लिए ड्राइवर नाइट साइट विकसित की।(हि.स.)