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सारनाथ में धरती कांपने की जांच शुरू,एसडीएम सदर संग पहुंचे अधिकारी

प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर अधिकारियों ने कारणों की खोजबीन शुरू की, विशेषज्ञों की ली जा रही मदद

वाराणसी। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल वह तथागत बुद्ध के उपदेश स्थल सारनाथ के हेरिटेज क्षेत्र में सोमवार को दिन भर रह-रह कर हो रहे भूकंपीय कंपन को लेकर आज आखिरकार प्रशासनिक महकमा भी सक्रिय हो गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार की दोपहर बाद प्रशासनिक टीम ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया और जांच पड़ताल शुरू की। बताया गया कि एसडीएम सदर अमृता सिंह के साथ पहुंचे अधिकारियों ने कम्पन वाले स्थल का निरीक्षण करने के साथ सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का भी टीम ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य प्रभावित इलाके के लगभग पचास मीटर के दायरे में सारनाथ जापानी मंदिर के समीप कम्पन वाले स्थल का निरीक्षण के दौरान वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की टीम ने भी मौके का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने प्रभावित लोगों से उस दौरान हुए कम्पन के अनुभव को साझा किया व प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर धरती कांपने के मुख्य वजहों की पड़ताल की। फ़िलहाल सही कारणों का पता नहीं लग सका लेकिन भूमिगत पाइप लाइन पर सबकी निगाहें टिकी रही। इस बावत विभागीय इंजीनियरों व विशेषज्ञों से सलाह कर पूरा कारण खंगाला जा रहा है।

सारनाथ:अचानक धरती लगी कांपने तो इलाके में मचा हड़कम्प

वाराणसी। सारनाथ थाने से चन्द कदम पहले जापानी बौद्ध मंदिर के पास सोमवार को अचानक तिराहे के 50 मीटर के एरिया में ज़ोरदार कम्पन और अजीबो गरीब आवाज़ उभरने से लोग अचंभित हो उठे। आसपास के स्थानीय दुकानदारों के शटर भी हिलने लगे तो अनहोनी के डर से लोग दुकानों के बाहर निकल आये। इस दौरान कुछ देर तक पूरे क्षेत्र में भूकंप की अफवाह भी फ़ैल गयी। हालांकि बाद में स्थिति सामान्य हो गई लेकिन अचानक उभरी ऐसी परस्थिति से लोगों का कौतूहल बना रहा। मिली जानकारी के अनुसार सारनाथ के जापानी बौद्ध मंदिर के मोड़ के पास सोमवार सुबह से लेकर रात तक लोगों नेकम्पन संग अजीब घरघराहट की आवाज़ें महसूस की। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दौरान आसपास की ज़मीन, दुकानों का शटर, गाड़ियों एवं घर दुकान की कुर्सियों में भी तेज़ कम्पन महसूस हुआ। पूरे दिन सभी लोग भय के साये में रहे। कुछ लोगों ने बताया कि यहीं से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का पाइप गया है। उसमे लीकेज भी हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों ने भूकंप के झटकों को सिरे से खारिज किया है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि पानी के लीकेज से ज़मीन नहीं हिल सकती । इस सम्बन्ध में बीएचयू के भूकंप विज्ञानी डॉ संदीप गुप्ता ने बताया कि सारनाथ के जिस क्षेत्र में यह घटना हुई वहां टेक्टोनिक प्लेट जैसी कोई बात ही नहीं है। संभव है इस क्षेत्र में धरती के अंदर गैस की प्रचुर मात्रा हो और वह बाहर नहीं निकल पा रही हो। कुछ समय पहले बंगलूरू के छोटे से गाँव में भी ऐसी ही समस्या आयी थी और कुछ दिनों तक हलचल बनी हुई थी। हालांकि पानी की भारी भरकम पाइप से हुई सप्लाई के दौरान यह स्थिति बनी रही तो प्रथम दृष्टया लोग भूमिगत पाइप को ही असली वजह मान रहे थे।

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