
रमजान मुबारक के मुकद्दस माह का दिखा चांद, रोजा शुरू
- आज पहला रोजा रख रोजेदार अदा करेंगे जुमा की नमाज
- हर एक नेकी के बदले अल्लाह पाक फरमाता है 700 नेकियां-नसीरे मिल्लत
- मस्जिदों में शुरू हुई रमजान में अदा की जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज
दुद्धी, सोनभद्र। रमजान शरीफ का मुबारक महीना वृहस्पतिवार को चांद दिखने के साथ ही शुरू हो गया। रमज़ान का चांद इस साल 29 का न होकर 30 तारीख को नजर आया। रमज़ान शरीफ का पहला रोजा जुमा यानी शुक्रवार को रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई। चाँद का दीदार होते ही सेहरी व इफ्तार के सामानों की खरीद-फरोख्त के लिए उमड़ी भीड़ से बाजारों की रौनक बढ़ गई।
दारुल उलूम कादरिया नूरिया अरबी महाविद्यालय बघाडू के संस्थापक हजरत नसीरे मिल्लत ने कहा कि ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का फरमान ए अलीशान है कि जब रमजान के महीने की पहली रात आती है तो जन्नत के रास्ते खोल दिए जाते हैं जो इस मुबारक माह की आखिरी रात तक खुले ही रहते हैं। इस माह की किसी भी रात में नमाज अदा करने वाले शख्स को हर नमाज के बदले 700 नेकियां अता फ़रमाया जाता है। खुदा पाक अपने ऐसे नेक बंदों के लिए जन्नत में सुर्ख याकूत का महल तैयार कराता है। जो आदमी रमज़ान का पहला रोजा रखता है उसके लिए रोजाना हजारों फरिश्ते उसकी मगफिरत के लिए दुआ मांगते हैं।
हजरत ने यह भी फरमाया कि मोमिनों तुम्हारे पास एक अजमत वाला महीना आया है। जिसकी एक रात हजार रातों से अफजल है। इस महीने का रोजा अल्लाह ने हर मोमिन के ऊपर फर्ज किया है। इस रातों में तरावीह की नमाज अदा करने वालों को सुन्नते मुवक्केदा का मुकाम हासिल होता है। इस महीने में नेकी का कोई काम करने वाले को फर्ज अदा करने जितना सवाब मिलता है। फर्ज ईबादतों का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। यह सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। यह गमख्वारी और भलाई का महीना है।
इस महीने में मोमिन की रोजी में बरकत अता कर दी जाती है। जो शख्स इस महीने में अपने किसी भाई को इफ्तार कराएगा उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे। रोजा इफ्तार कराने वालों को वैसा ही सवाब मिलेगा जैसा रोजा रखने पर मिलता है। हजरत ने अल्लाह पाक से हर मोमिन को रमजान का एहतराम करने, रोजा रखने, तरावीह की नमाज अदा करने, कुरान शरीफ की तिलावत करने, नफ्ली इबादत व सदका खैरात अदा करने की तौफीक नसीब फरमाने की रूहानी दुआख्वानी की। साथ ही अपने करम से हर मुसलमान की टूटी फूटी इबादतों को कबूल फरमाने की भी दुआ मांगी।
मस्जिदों में गूंजने लगी तरावीह की सदाएं
रमज़ान शरीफ के मुबारक महीने में अदा की जाने वाली तरावीह के विशेष नमाज की सदाएं वृहस्पतिवार की रात कस्बे सहित ग्रामीण अंचलों की मस्जिदों में सुनाई देने लगीं। स्थानीय जामा मस्जिद में तरावीह की नमाज जुमेरात की रात से हाफिज अब्दुल रज्जाक साहब की इमामत में रात्रि की नमाज एशा बाद अदा कराई जा रही है। इसके अलावा निमियाडीह, महुली, दीघुल, खजूरी, बघाडू, टेढ़ा आदि गांवों में भी की रात से तरावीह की नमाज अकीदतमंदों व रोजेदारों द्वारा पढ़ी जा रही है।