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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच टीकों का आयात-उत्पादन बढ़ाने की तैयारी

आत्मनिर्भर भारत 3.0 मिशन कोविड-19 सुरक्षा प्रोग्राम के तहत तेजी से बढ़ाया जाएगा उत्पादन : केंद्र

नई दिल्ली । सरकारी आंकड़ों में कोरोना संक्रमण के दो लाख नए मामले रोजाना दर्ज होने के साथ भारत में इसके टीकों की मांग बढ़ गई है। साथ ही टीका लगाने के लिए लोग ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। इससे अब तक करीब 60 देशों को टीके निर्यात कर रहे भारत को विदेशों में बन रहे टीके आयात करने की स्थिति आ चुकी है।

बढ़ी जरूरत की वजह से आयात करने के नियमों में ढील
इसके लिए नियमों को भी ढीला किया गया है ताकि रूसी टीके स्पूतनिक-वी और फाइजर जैसे फार्मा कंपनियों के टीके आयात कि जा सकें। वहीं, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत 3.0 मिशन कोविड-19 सुरक्षा प्रोग्राम के तहत स्वदेशी वैक्सीन के उत्पादन और विकास को तेजी से बढ़ाया जाएगा। स्वदेशी वैक्सीन भारत बायोटेक की मौजूदा उत्पादन क्षमता को मई-जून 2021 तक दोगुना करने की है।

मई-जून तक दोगुना होगा कोवैक्सीन का उत्पादन
अकेले स्पूतनिक-वी करीब 12.5 करोड़ लोगों को लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हालात का अनुमान विदेश मंत्रालय के टीके के निर्यात के आंकड़ों से लग सकता है। भारत में जनवरी से मार्च के बीच करीब 6.40 करोड़ डोज निर्यात किए, वहीं इस महीने निर्यात हुआ 12 लाख।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 16 अप्रैल तक देश में बने कुल टीकों में से 36 प्रतिशत निर्यात हुए और बाकी देश में ही उपयोग हुए। निर्यात में कमी से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गरीब व संसाधनहीन देशों को टीके मुहैया करवाने के लिए कोवाक्स कार्यक्रम भी धीमा हो गया है। इसके तहत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से 100 करोड़ डोज खरीदे जाने हैं लेकिन इसका 2 प्रतिशत भी मुश्किल से मिल पा रहा है।

बायोटेक के नए केंद्र के लिए 65 करोड़
भारत बायोटेक के बंगलुरू स्थित नए केंद्र के लिए सरकार ने 65 करोड़ राशि जारी की है। इसका मकसद टीका उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना है। भारत बायोटेक की मौजूदा उत्पादन क्षमता को मई-जून 2021 तक दोगुना करने की है जबकि जुलाई तक इसी 6 से 7 गुना तक बढ़ाया जाएगा।

यानी अप्रैल 2021 में वैक्सीन की एक करोड़ उत्पादन क्षमता को जुलाई-अगस्त तक बढ़ाकर छह से सात करोड़ किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस तरह सितंबर 2021 तक प्रति महीने भारत बायोटेक वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को 10 करोड़ तक पहुंचाया जा सकता है।

यूरोप-अमेरिका ने रोका कच्चा माल, उत्पादन प्रभावित
एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि भारत में टीका का उत्पादन अमेरिका व यूरोप दौरा कच्चे माल का निर्यात रोकने से प्रभावित हुआ है। उनकी कंपनी में हर महीने करीब 6.5 करोड़ टीके बन रहे लेकिन उत्पादन की गति कच्चे माल पर रोक से धीमी हो गई है। इसका असर भारत सहित कई देशों में उत्पादन पर हुआ है।
उन्होंने बताया कि अगर उनके बस में होता तो वह खुद अमेरिका जाकर इसके खिलाफ प्रदर्शन करते। साथ ही बताया गया कि उनके संस्थान का लक्ष्य जून से हर महीने 10 से 11 करोड़ टीके के बनाने का है।

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