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रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली भेजी गई महाकुम्भ की 10 हजार अमिट निशानी

सीएम योगी के भागीरथ प्रयास और विजन को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत समस्त महामण्डलेश्वरों ने सराहा

  • आने वाली पीढ़ियां ले सकेंगी प्रयाग के अमरुद के साथ बेल और केले का भी स्वाद
  • बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को दिया गया महाप्रसाद

महाकुम्भनगर : पवित्र त्रिवेणी के किनारे संगम की रेती पर महाकुम्भ को यादगार बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की गई है। रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली तक महाकुम्भ की 10 हजार से अधिक अमिट निशानियां भेजी गई हैं। जिनमें प्रयागराज के प्रसिद्ध अमरूद के साथ बेल और केले के पौधे भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हरित और सांस्कृतिक महाकुम्भ के विजन को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत समस्त महामंडलेश्वरों ने सराहा है। महाकुम्भनगर में देश विदेश से आए बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ की ओर से श्रद्धालुओं को महाप्रसाद के रूप में फलदार पौधों के साथ नीम और तुलसी के पौधे भी वितरित किए गए।

श्रद्धालुओं समेत साधु-संतों को मिला विशेष महाप्रसाद

बड़े हनुमान मंदिर, संगम तट, प्रयागराज के महंत एवं श्रीमठ बाघम्बरी पीठाधीश्वर पूज्य बलवीर गिरि जी महराज के संयोजन में श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में अचला सप्तमी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें महाप्रसाद के रूप में साधु-संतों और श्रद्धालुओं को पौधों के साथ एक थैला और एक थाली भी प्रदान की गई। श्रीमहंत बलवीर गिरि ने कहा कि एक थैला और एक थाली के साथ ही प्रयाग में पौधा पाने वाला बहुत भाग्यशाली है। वहीं, सीएम योगी द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा हम अपने मुख्यमंत्री योगी के साथ श्रीमठ बाघम्बरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरि के आशीर्वाद से हरित महाकुम्भ की संकल्पना को पूरा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कर रहे संत समाज का सम्मान : महामंडलेश्वर सती गिरि

इस अवसर पर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर सती गिरि जी महाराज ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही वे महापुरुष हैं जो संत समाज का सम्मान कर रहे हैं। इनमें महादेव की शक्ति और आदियोगी गोरखनाथ जी की कृपा कार्य कर रही है, जिसकी वजह से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए यह महाकुम्भ एक ऐतिहासिक अवसर बना। उन्होंने कहा कि संगम की रेती पर श्रद्धालुओं का ऐसा उत्साह उमड़ा कि विशाल स्थान भी कम पड़ गया। उन्होंने महाकुम्भ को हरित क्षेत्र बनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत इन संतों ने सीएम योगी के विजन को सराहा

वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्म के रक्षक और संतों के सेवक के रूप में सराहा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व मां मनसा देवी मन्दिर के श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत राम रतन गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, महंत ओमकार गिरि, महंत राधे गिरि ने महाकुम्भ के अद्भुत आयोजन को लेकर सीएम योगी के विजन को सराहा है।

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