NationalUP Live

महाकुम्भ में उमड़ा ‘आस्था का महासागर’, स्नानार्थियों की संख्या 40 करोड़ के पार

महाकुम्भ की शुरुआत से लेकर शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में किया पावन स्नान.तीनों अमृत स्नान के बाद भी कम नहीं हुआ उत्साह, साधु-संत, श्रद्धालु, कल्पवासी और गृहस्थ कर रहे संगम स्नान.महाकुम्भ भ्रमण के दौरान बिहार के राज्यपाल बोले - सनातन संस्कृति की मूल भावना एकात्मता है.

  • महाकुम्भ में बसंत पंचमी के बाद भी नहीं कम हो रही जन आस्था, स्नान को देशभर से आ रहे लोग
  • आम और खास, अमीर और गरीब, उच्च और निम्न सभी वर्ग एक साथ कर रहे स्नान

महाकुम्भ नगर । मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार सुबह तक महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या ने 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक 42.07 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगा ली है। इसके साथ ही महाकुम्भ में स्नानार्थियों की कुल संख्या 40 करोड़ पार हो गई। अभी महाकुम्भ को 19 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।

महाकुम्भ में देखने को मिल रही विविध संस्कृतियों की झलक

प्रयागराज में तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं/स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर्व के बाद भी करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान को पहुंच रहे हैं। शुक्रवार, 7 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 42.07 लाख लोगों ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसके बाद कुल स्नानार्थियों की संख्या 40 करोड़ के ऊपर पहुंच गई है। स्नानार्थियों में 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे।

उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी।

ये प्रमुख लोग अब तक लगा चुके हैं पावन डुबकी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (मंत्रिमंडल समेत) संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नाइक, बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्य सभा सांसद सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, हेमा मालिनी, पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, बॉलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री, अनुपम खेर, मिलिंद सोमण, ओलम्पिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल, एक्ट्रेस से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, प्रख्यात कवि कुमार विश्वास, क्रिकेटर सुरेश रैना, अन्तरराष्ट्रीय रेसलर खली, कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा, बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी संगम में स्नान कर चुके हैं। आगामी 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संगम में पावन डुबकी लगाने आएंगी।

महाकुम्भ में दिख रही सनातन संस्कृति की एकता: आरिफ मो. खान

महाकुम्भ नगर : महाकुम्भ पहुंचे बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को संगम भ्रमण के दौरान भारत की सनातन संस्कृति को महान बताया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में सनातन संस्कृति की एकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

अपने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन आरिफ मो. खान ने कहा, भारत की सनातन संस्कृति का मूल आदर्श एकात्मता है, जहां सभी भेद समाप्त हो जाते हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि यदि हम किसी भी मानव को उनके दिव्य रूप में देखें, तो हमें यह अहसास होगा कि “मानव ही माधव का स्वरूप है”। राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि महाकुम्भ में आकर यह स्पष्ट होता है कि भारत की संस्कृति और परंपरा मानवता को जोड़ने का कार्य करती है। यहां मौजूद लोग एक-दूसरे को भले ही न जानते हों, लेकिन फिर भी सब एकजुट होकर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।

संस्कृति की पहचान को बनाए रखना जरूरी

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विरासत, आदर्श और मूल्यों को जीवंत रखना आवश्यक है। यही वे मूल्य हैं, जो हमारे समाज को एकसूत्र में बांधते हैं और समरसता की भावना को मजबूत करते हैं।

महाकुंभ में भारी भीड़ को देखते हुए सभी स्कूलों की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित होंगी

आदेश के मुताबिक, सभी छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी और सभी अध्यापक समय के अनुसार विद्यालय पहुंचकर वर्तमान में जारी प्रयोगात्मक परीक्षा और गृह परीक्षा निर्धारित समय के अनुसार संपादित कराएंगे। महाकुंभ में माघ पूर्णिमा से पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, प्रयागराज में समस्त बोर्ड के सभी माध्यमिक स्कूलों की कक्षाएं शुक्रवार (सात फरवरी) से 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा) तक ऑनलाइन तरीके से संचालित होंगी।

अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रयागराज जिलाधिकारी की ओर जिला विद्यालय निरीक्षक को जारी आदेश के मुताबिक, विद्यार्थियों के आवागमन में असुविधा और छात्र हित में सात फरवरी से 12 फरवरी तक समस्त बोर्ड के माध्यमिक विद्यालयों की कक्षाएं ऑनलाइन तरीके से संचालित होंगी। आदेश के मुताबिक, सभी छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी और सभी अध्यापक समय के अनुसार विद्यालय पहुंचकर वर्तमान में जारी प्रयोगात्मक परीक्षा और गृह परीक्षा निर्धारित समय के अनुसार संपादित कराएंगे। बृहस्पतिवार को शाम आठ बजे तक 77.20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया और 13 जनवरी से अब तक महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।(वीएनएस)।

पांच वर्षाें के बाद नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती

कामेश्वर चौपाल के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button