जीएसटी कानून में संशोधन के दो विधेयकों पर संसद की मुहर
नयी दिल्ली : देश में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाये जाने से संबंधित केन्द्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) संशोधन विधेयक 2023 और एकीक़ृत माल एवं सेवा कर (एजीएसटी) संशोधन विधेयक 2023 को शुक्रवार को संसद की मंजूरी मिल गयी।मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के हंगामे के कारण स्थगन के बाद 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन दोनों विधेयकों को सदन में पेश किया।
इस दौरान विपक्ष हंगामा करता रहा, इस पर पीठासीन अधिकारी किरीटभाई सोलंकी कार्यवाही 1230 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।सदन समवेत होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय दंड संहिता, अपराध प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेने वाले तीन विधेयक पेश किए और उन्हें स्थायी समिति को भेजने की घोषणा की। गृह मंत्री ने सदन को विस्तार से अपने विधेयकों के बारे में जानकारी दी। उस समय भी विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये थे।इसके बाद जीएसटी संबंधी दोनों विधेयकों को लोकसभा में जीएसटी संबंधी दोनों विधेयकों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारित करने के लिए प्रस्तुत किया।
सदन ने दोनों विधेयकों को बिना चर्चा के स्वीकृति प्रदान कर दी। ये विधेयक पारित करते समय विपक्षी सदस्य सदन में नहीं थे।राज्य सभा में दो बार के स्थगन और भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होने पर सदन को लोकसभा द्वारा केन्द्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) संशोधन विधेयक 2023 और एकीक़ृत माल एवं सेवा कर (एजीएसटी) संशोधन विधेयक 2023 को पारित किये जाने की सूचना दी गयी।सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ये दोनों विधेयक धन विधेयक की सूची में रखे गये हैं। उन्होंने वित्त मंत्री सीतारमण को इन्हें सदन के समक्ष रखने के लिए कहा।
श्रीमती सीतारमण दोनों विधेयकों की जानकारी देने के लिए सदन में खड़ी हुईं तो विपक्षी सदस्य मणिपुर मुद्दे को लेकर भारी नारेबाजी करने लगे और सदन से उठकर चले गये। सदन ने इन विधेयकों पर बिना कोई चर्चा किये , उन्हें लोकसभा को लौटाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकृत प्रदान कर दी।जीएसटी अधिनियमों में संशोधन संबंधी दोनों विधेयक धन विधेयक हैं। ऐसे विधेयकों पर राज्यसभा में संशोधन नहीं हो सकता है और वहां चर्चा के बाद यथावत इन्हें लोकसभा को लौटा दिया जाता है।ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में मंजूरी दी गयी थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उसी के अनुसार सीजीएसटी और एजीएसटी अधिनियम में संशोधन के विधेयक के मसौदों को इसी सप्ताह मंजूरी दी थी। (वार्ता)