
विकासशील देशों को साथ लेकर चले बिना दुनिया में प्रगति नहीं हो सकती : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से किया सम्मानित.भारत-घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बदलती परिस्थितियों में वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए हुए कहा है कि विकासशील देशों को साथ लेकर चले बिना दुनिया में प्रगति नहीं हो सकती।श्री मोदी ने गुरूवार को यहां घाना की संसद को संबोधित करते हुए कहा, “ द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है, प्रौद्योगिकी में क्रांति, ग्लोबल साउथ का उदय और बदलती जनसांख्यिकी इसकी गति और पैमाने में योगदान दे रही है। ”उन्होंने कहा कि बदलती परिस्थितियों में वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है और विकासशील देशों को साथ लिए बिना प्रगति नहीं हो सकती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंध स्वतंत्रता के साझा संघर्षों , लोकतंत्र और समावेशी विकास के लिए साझा प्रतिबद्धता पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि भारत और घाना के इतिहास में औपनिवेशिक शासन के निशान हैं लेकिन हमारी आत्मा हमेशा स्वतंत्र और निडर रही है।उन्होंने कहा , “ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में,मैं अपने साथ 140 करोड़ भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं। सच्चा लोकतंत्र चर्चा और बहस को बढ़ावा देता है। यह लोगों को एकजुट करता है, सम्मान और मानवाधिकारों को बढ़ावा देता है। ”श्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है बल्कि हमारे मौलिक मूल्यों का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था , नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि मजबूत भारत एक अधिक स्थिर और समृद्ध दुनिया में योगदान देगा।
उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा और घाना के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें दिये गये राष्ट्रीय सम्मान को स्थायी मित्रता का प्रतीक बताया। महान घानाई नेता – डॉ. क्वामे नक्रूमा के योगदान का हवाला देते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि एकता, शांति और न्याय के आदर्श मजबूत तथा स्थायी साझेदारी की नींव हैं। डॉ. नक्रूमा को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, “ जो ताकतें हमें एकजुट करती हैं वे अंतर्निहित हैं और उन प्रभावों से बड़ी हैं जो हमें अलग रखती हैं।”श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, महामारी और साइबर खतरों जैसी वैश्विक चुनौतियों का भी जिक्र किया और वैश्विक शासन में विकासशील देशों के महत्व को रेखांकित किया।इस संदर्भ में उन्होंने भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 समूह में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को भी महत्वपूर्ण करार दिया।
प्रधानमंत्री ने घाना की जीवंत संसदीय प्रणाली की सराहना की और दोनों देशों की विधायिकाओं के बीच बढ़ते आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने घाना-भारत संसदीय मैत्री सोसायटी की स्थापना का स्वागत किया।प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के देशवासियों के संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत घाना की प्रगति और समृद्धि की यात्रा में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से किया सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को घाना के सर्वोच्च सम्मान, ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति जॉन महामा ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।श्री मोदी ने बुधवार को इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे ‘अत्यंत गर्व का विषय’ बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति महामा से द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, कौशल विकास और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से पुरस्कार स्वीकार करते हुए इस सम्मान को भारत के युवाओं की आकांक्षाओं, इसकी सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता तथा घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।
श्री मोदी ने इस विशेष सम्मान के लिए घाना के लोगों और सरकार को धन्यवाद दिया।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुरस्कार दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करता है तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की उन पर नई जिम्मेदारी डालता है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि घाना की उनकी ऐतिहासिक राजकीय यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।श्री मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।”
भारत-घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अक्कारा में राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा से बातचीत के बाद कहा कि भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ भागीदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है।प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद अक्कारा में जुबली हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि तीन दशकों के अंतराल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री घाना का दौरा कर रहा है और यह उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि उन्हें घाना आने का यह अवसर दिया गया है।उन्होंने राष्ट्रपति महामा को दिसंबर 2024 के आम चुनावों में जीत के लिए बधाई दी, जो दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत घाना के लोगों के उनके नेतृत्व और विजन में गहरे भरोसे को दर्शाती है।
श्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महामा और मैंने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को ‘व्यापक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में भारत न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भव्य जुबली हाउस, विदेश सेवा संस्थान, कोमेंडा शुगर फैक्ट्री, भारत-घाना कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर और टेमा-पकाडन रेलवे लाइन द्विपक्षीय साझेदारी के प्रतीक हैं। द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। भारतीय कंपनियों ने लगभग 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है।
श्री मोदी ने कहा, “आज, हमने अगले पांच वर्षों में अपने आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा कि फिनटेक के क्षेत्र में भारत घाना के साथ अपने यूपीआई डिजिटल भुगतान अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है। इस बात पर जोर देते हुए कि विकास साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक आधारभूत स्तंभ है, उन्होंने आर्थिक पुनर्गठन की दिशा में राष्ट्रपति महामा के प्रयासों के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। भारत ने घाना के लिए आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्ति को दोगुना करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, हम एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए काम करेंगे। हम राष्ट्रपति महामा के ‘फीड घाना’ कृषि कार्यक्रम में सहयोग करके खुशी महसूस कर रहे हैं। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से, भारत-घाना के नागरिकों को सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का प्रस्ताव करता है,”श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने वैक्सीन उत्पादन में सहयोग पर भी चर्चा की।
उन्होंने कि हम रक्षा और सुरक्षा में ‘एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे। सैन्य प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा में सहयोग को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी। भारत और घाना पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे प्लेटफार्मों में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाना के नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों, विशेष रूप से स्वच्छ रसोई गैस में समर्थन करने के लिए, हमने उन्हें वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम दोनों ही ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं।” श्री मोदी ने कहा कि भारत को गर्व है कि हमारे जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्यता प्रदान की गई। दोनों पक्षों ने साहेल क्षेत्र सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी चर्चा की।प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर हमारे विचार एक जैसे हैं। हमने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हमारा मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए।
जीवंत भारतीय समुदाय के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमारे लोगों के बीच संबंधों में एक विशेष कड़ी हैं। भारतीय शिक्षक, डॉक्टर और इंजीनियर लंबे समय से घाना में सेवा कर रहे हैं और उन्होंने इसकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सकारात्मक योगदान दिया है। श्री मोदी ने कहा, “मैं कल भारतीय समुदाय से मिलने के लिए उत्सुक हूँ।”प्रधानमंत्री ने कहा, “आप भारत के प्रिय मित्र हैं और हमारे देश से अच्छी तरह परिचित हैं। मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूँ, और मुझे आशा है कि आप हमें वहाँ आपका स्वागत करने का अवसर देंगे।”इससे पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत-घाना मैत्री के मूल में हमारे साझा मूल्य, संघर्ष और समावेशी भविष्य के सपने निहित हैं। हमारे देशों के स्वतंत्रता संग्राम ने कई अन्य लोगों को प्रेरित किया है। आज भी, घाना पश्चिम अफ्रीका में एक जीवंत लोकतंत्र और अन्य देशों के लिए ‘आशा की किरण’ के रूप में खड़ा है।
”प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति महामा प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए कोटोका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आए थे। श्री मोदी का हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई।
मोदी त्रिनिदाद एवं टोबैगो रवाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घाना की दो दिन की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर गुरुवार को यहां से कैरेबियाई क्षेत्र के देश त्रिनिदाद एवं टोबैगाे के लिए प्रस्थान किया।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार श्री मोदी तीन और चार जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो में रहेंगे।प्रधानमंत्री ने कहा है कि त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक संबंध हैं। वह वहां राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मिलेंगे, जो इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस की मुख्य अतिथि थीं। श्री मोदी प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर से भी मिलेंगे, जिन्होंने हाल ही में दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभाला है।
उन्होंने कहा कि भारतीय पहली बार 180 साल पहले त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे थे। श्री मोदी ने बुधवार को नयी दिल्ली से पांच देशों की आठ दिन की यात्रा के पहले चरण में घाना के लिये प्रस्थान करने से पहले अपने वक्तव्य में कहा था कि त्रिनिदाद और टोबैगो की उनकी यह यात्रा पूर्वजों और रिश्तेदारों के विशेष बंधनों को फिर से जीवंत करने का अवसर प्रदान करेगी।श्री मोदी यात्रा के अगले चरण में पोर्ट ऑफ स्पेन से ब्यूनस आयर्स (अर्जेटीना) जाएंगे। पिछले 57 वर्षों में अर्जेंटीना की किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी20 में एक करीबी सहयोगी है।
श्री मोदी वहां राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ कृषि, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर केंद्रित चर्चा करेंगे। वहां से प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये ब्राजील की राजधानी रियो डि जेनेरियो जायेंगे। उनका ब्राजील के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए ब्राजीलिया जाने का भी कार्यक्रम है।(वार्ता)