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पाकिस्तान दुनिया के खतरनाक देशों में से एक: बाइडेन

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है।श्री बाइडन ने डेमोक्रेटिक कांग्रेस की अभियान समिति के स्वागत समारोह मेंयह बात कही है। व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर प्रकाशित बयान में श्री बाइडेन के हवाले से कहा गया, “मुझे लगता है कि पाकिस्तान शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार तो हैं, लेकिन बिखराव है।उन्होंने कहा कि बहुत कुछ दांव पर लगा है।

उन्होंने ने इस बात पर बल दिया कि अमेरिका के पास दुनिया को उस स्थान पर ले जाने की क्षमता है जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “दुनिया तेजी से बदल रही है, यहां तक कि यह नियंत्रण से बाहर है, हालांकि किसी एक व्यक्ति या एक राष्ट्र के कारण नहीं।”उन्होंने कहा, “क्या आप में से किसी ने कभी सोचा था कि क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से आपके पास एक रूसी नेता होगा, जो सामरिक परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी दे सकता है और तीन, चार हजार लोगों को मार सकता है एक जगह पाने के लिए।”(वार्ता)

अमेरिकी संसद में मांग: 1971 का पाकिस्तानी अत्याचार घोषित हो ‘नरसंहार’

अमेरिका के भीतर पाकिस्तान को लेकर विरोध के स्वर गंभीर होते जा रहे हैं। अमेरिकी संसद में मांग उठी है कि 1971 में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों को ‘नरसंहार’ घोषित किया जाए।अमेरिका के दो प्रभावशाली सांसदों रो खन्ना और सांसद सीव चाबोट ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव पेश कर पाकिस्तान सरकार से ऐसे नरसंहार में उसकी भूमिका के लिए बांग्लादेश के लोगों से माफी मांगने के लिए भी कहा है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि बांग्लादेश में 1971 में नरसंहार हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे। इन लाखों मृतकों में से अस्सी प्रतिशत हिंदू थे। प्रस्ताव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पाकिस्तानी सेना द्वारा 1971 में बंगाल के लोगों पर किये गए अत्याचार को ‘नरसंहार’ करार देने का अनुरोध किया गया है।

रिपब्लिकन पार्टी के सांसद चाबोट ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमें वर्षों बाद भी उन लाखों लोगों को नहीं भूलना चाहिए, जो नरसंहार में मारे गए थे। नरसंहार की बात स्वीकारने से ऐतिहासिक रिकॉर्ड मजबूत होता है, हमारे साथी अमेरिकी जागरूक होते हैं और साथ ही भविष्य के साजिशकर्ताओं को यह पता चलता है कि ऐसे अपराधों को बख्शा या भुलाया नहीं जाएगा। (हि.स.)।

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