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आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते , खून और पानी भी एक साथ नहीं बह सकते : शाह

सुरक्षा बलों के मिशन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार : शाह

जम्मू : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को फिर से परिभाषित किया है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते तथा पानी और और खून भी एक साथ नहीं बह सकते।पुंछ में गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचे श्री शाह ने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि नागरिकों पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका अधिक प्रभावी और सटीक तरीके से जवाब दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद सीमावर्ती इलाकों में बंकर बनाने का फैसला लिया गया था। अब तक 9,500 से अधिक बंकर बनाए गए हैं और इन बंकरों के कारण सीमावर्ती इलाके में ज्यादा जनहानि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार सीमावर्ती इलाकों में और बंकर बनाएगी।

पुंछ में गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि राहत और नौकरियां आपके द्वारा झेले गए दर्द और क्षति की भरपाई नहीं कर सकती हैं। आपने अपने प्रियजनों को खो दिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार, भारत सरकार और राष्ट्र की भावनाएं इस सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों से जुड़ी हुई हैं। सरकार जल्द ही गोलाबारी से प्रभावित परिवारों के लिए एक अलग पैकेज की घोषणा करेगी।”उन्होंने कहा, “हम पहलगाम आतंकवादी हमले और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा नागरिक क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों, स्कूलों पर हमले की निंदा करते हैं, जिसमें पुंछ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पुंछ जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में जुड़वां बहनों समेत कम से कम 14 नागरिक मारे गए हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बावजूद जम्मू-कश्मीर में विकास कार्य नहीं रुकेंगे। मैं पुंछ के लोगों और उसके प्रशासन के साहस की प्रशंसा करता हूं; जिस तरह से उन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी का जवाब दिया।

”उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने बहुत ही रणनीतिक और सटीक तरीके से मुंहतोड़ जवाब दिया और सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैकड़ों आतंकवादी मारे गए। हमारे बलों ने आतंकवादियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे खुद पर हमला माना और दुनिया को दिखाया कि वे आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं।”केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान गोलाबारी से प्रभावित परिवारों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे।

सुरक्षा बलों के मिशन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार : शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के मिशन में उनका समर्थन करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।जम्मू क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर आये श्री शाह ने पुंछ में सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) जवानों से बातचीत करते हुए दोहराया कि सरकार राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के मिशन में उनका समर्थन करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जवानों की असाधारण बहादुरी और अटूट देशभक्ति की सराहना की।गृहमंत्री ने केवल तीन दिन की कार्रवाई में 118 से अधिक पाकिस्तानी चौकियों और निगरानी उपकरणों को नष्ट करने संबंधी सुरक्षा बलों के शौर्य को रेखांकित किया और कहा कि इसका परिणाम यह रहा कि पाकिस्तान को लंबे समय तक खुफिया जानकारी जुटाने में संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने जोर दिया कि ऐसा पराक्रम तभी संभव है जब कर्तव्य की गहरी भावना हो और सर्वोच्च बलिदान के लिए तत्परता हो।

इससे पहले श्री शाह ने पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित सीमावर्ती निवासियों से मुलाकात की और कहा कि सरकार जल्द ही प्रभावित लोगों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करेगी। उन्होंने सीमा पार से गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे।केंद्रीय गृह मंत्री गुरुवार शाम जम्मू पहुंचे तथा सेना, अर्धसैनिक बलों, खुफिया एजेंसियों और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में आगामी तीन जुलाई से शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा के संदर्भ में विचार-विमर्श किया गया।(वार्ता)

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