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देश की प्रत्येक पंचायत में पैक्स स्थापित किये जायेंगे

अहेरिया जाति को अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल करने की मांग

नयी दिल्ली : केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा ने मंगलवार को कहा कि देश में केन्द्र स्तर पर पहली बार सहकारिता मंत्रालय का गठन मोदी सरकार ने किया है जिसके जरिये ग्रामीणों, विशेषकर छोटे किसानों काे अनेक सुविधायें उपलब्ध करवाकर उन्हें आर्थिक शोषण से बचाने का काम किया जा रहा है।

श्री वर्मा ने लोकसभा में मंगलवार को प्रश्न काल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राम शंकर कठेरिया के प्रश्न के उत्तर में बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए बहुराज्यीय आर्गनिक सोसाइटी का गठन किया है जिससे किसानों को अनेक लाभ हो रहे हैं। आर्गनिक बीज सोसाइटी का गठन करके किसानों को बीज और अन्य सुविधायें दिलायी जा रही हैं।उन्होंने बताया कि सरकार ने सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया हैऔर इस पर काम हो रहा है।

उन्होंने बताया कि देश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पैक्स) स्थापित की जायेंगी। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों को सशक्त करने का कामचल रहा है। देश में 98 हजार पैक्स हैं, इनके अधिकतर कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण कर दिया गया है। पैक्स के माध्यम से 25 तरह की सेवायें किसानों को दी जा रही हैं। पैक्स के जरिये फुटकर डीजल और पेट्रोल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आम जनता को सस्ती दवायें उपलब्ध कराने के लिये पैक्स कार्यालयों में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र भी स्थापित किये जा रहे हैं।

अहेरिया जाति को अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल करने की मांग

समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने मंगलवार को राज्यसभा में उत्तर प्रदेश की अहेरिया जाति को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग की।श्री यादव ने सदन में शून्य काल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा था जिसे सामान्य प्रक्रिया से अस्वीकार कर दिया गया।

श्री यादव ने कहा कि यह अहेरिया जाति अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल होने की पूरी पात्रता रखती है। राज्य सरकार ने संबंध में सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक का अध्ययन कराया है। केंद्र सरकार इसे संज्ञान में लेना चाहिए और अहेरिया जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले यह जाति अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल थी।तृणमूल कांग्रेस के समीरुल इस्लाम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा का धन नहीं दिया जा रहा है।

राज्य में मनरेगा पर 20 लाख लोग आश्रित है। मनरेगा का धन उपलब्ध नहीं होने के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है। केंद्र सरकार को इस संबंध में ध्यान देना चाहिए और मनरेगा का धन जारी करना चाहिए।भारतीय जनता पार्टी के राधा मोहन दास अग्रवाल ने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों को मानदेय देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों को मानदेय देने के लिए संविधान में व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने इसके लिए संविधान में संशोधन करने की मांग की।(वार्ता)

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