अब किसान को ऊर्जादाता, बिटुमिनदाता एवं हाईड्रोजनदाता भी बनना होगा-गडकरी
राजस्थान : केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज का समय तकनीक का समय बताते हुए कहा है कि किसानों का भला पुराने ढर्रे पर चलने से नहीं होने वाला और अब किसान को अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता, बिटुमिन दाता और हाईड्रोजनदाता बनने की जरुरत है।श्री गडकरी मंगलवार को राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चौथी परिवर्तन संकल्प यात्रा की शुरुआत के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा “ राजस्थान में किसान कपास उगाता है लेकिन कपास सस्ती, कपड़ा महंगा, संतरा सस्ता, ज्यूस मंहगा है। इसलिए मै कहना चाहूंगा कि आज का समय तकनीक का समय है और कि सानों का भला पुराने ढर्रे पर चलने से नहीं होगा।
”उन्होंने कहा कि आज किसान को अन्नदाता, ऊर्जादाता, बिटुमिन दाता और हाईड्रोजन दाता बनने का समय है। आज गन्ने के ज्यूस, सीरा, मक्के, ज्वारी, बाजरा और सभी चीजों से एथेनॉल बनता है। इस दिशा में किसानों को सोचने की जरूरत है। अभी दस दिन पहले टोयोटा की एक कार इनोवा लॉंच करने के अवसर पर उन्हें बुलाया गया था। ये सभी कारें एथेनॉल वाले ईंधन से चलने वाली कारें होंगी। चावल की परली से भी एथेनॉल बनाने का काम चल रहा है। किसान तभी आत्मनिर्भर बनेगा जब इस तरह के आधुनिक पहल में साझीदार होगा।श्री गडकरी ने कहा कि इसलिए राजस्थान में विकास चाहते हैं तो परिवर्तन लाइए और विकास में सहयोग कीजीए।उन्होंने कहा “मैं भी किसान हूं और किसान का बेटा हूं। मैं उस क्षेत्र से आता हूं जहां किसान आत्महत्या के सारे रिकॉर्ड टूट गए, महाराष्ट्र के विदर्भ में दस हजार से ज्यादा किसानों ने पानी की कमी के चलते आत्महत्या कर ली। मैने मेरे राजनीतिक जीवन में पूरा समय देकर विदर्भ में किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए काम किया है। आज किसान की सबसे बडी समस्या है खेत को पानी मिलना। राजस्थान में भी पानी की कमी है।
उन्होंने कहा “किसान के कुएं और बोर में पानी होगा तो ही वह दोगुनी फसल पैदा करेगा और उसकी समृद्धि होगी। अभी तो हमारे यहां केन्द्र सरकार की योजना में तीन कुंए हैं और उनमें साढे सात हॉर्स पावर के तीन पंप मैने लगवाए हैं। इनमें सुबह आठ से शाम छह बजे तक पानी ही पानी होता है। जैसे आपके श्री सतीश पूनिया को पीएचडी मिली हैं। एैसे ही मुझे भी 06 डी-लिट की उपाधि मिल चुकी हैं। जिसमें से 04 एग्रीकल्चर साइंस में मिली हैं। इसलिए आपको एक मंत्र देना चाहूंगा कि दौडने वाले पानी को चलने में लगाओं, चलने वाले पानी को रूकने के लिए और रूकने वाले पानी को जमीन को पीने के लिए। गांव का पानी गांव में , खेत का पानी खेत में और घर का पानी घर में काम में लोगे तो कुएं में चौबीस घंटे पानी आएगा।श्री गडकरी ने कहा “वसुंधरा राजे सरकार के समय श्रीमती वसुंधरा राजे ने उनसे मांग की थी कि यमुना लिंक का पानी झुंझुनूं और चुरू को मिलना चाहिए इसके लिए भी हमने डीपीआर बनवाई थी। अभी श्री गजेन्द्र शेखावत इस विभाग के मंत्री है मुझे उम्मीद है कि राजस्थान को लाभ मिलेगा।
”उन्होंने कहा “चुरू के सांसद राहुल कस्वां और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने तीन आरओबी रक्षासेतु बंधन योजना में मुझसे मांगे हैं जिसमें नौहर, गोगामेडी और भादरा शामिल हैं। इन तीनों को मैं मंजूरी देता हूं। चुरू रिंग रोड की मांग की भी मंजूरी और डीपीआर पर आज से ही काम शुरू करने को बोलूंगा।” (वार्ता)