जल्द भारत लाया जायेगा नीरव मोदी, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
हीरा कारोबारी और पीएनबी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी को भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। भारत द्वारा प्रत्यर्पण की मांग किये जाने पर ब्रिटेन की गृह मंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए भारत को इसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि बीते शुक्रवार को ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी है। लंदन की अदालत ने नीरव मोदी की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसका भारत की जेल में ख्याल रखा जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी का आरोप है।
CBI: United Kingdom's Home Minister approves the extradition of Nirav Modi
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— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) April 16, 2021
पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक के लोन धोखाधड़ी का आरोप है। यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई। इन सभी पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं। इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी नीरव मोदी का नाम शामिल है। गौरतलब हो, सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था।
2018 में दर्ज हुआ था केस
पीएनबी बैंक घोटाला दरअसल बैंक के फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने को लेकर हुआ था। इसके आधार पर नीरव और मेहुल को बैंकों से बेरोकटोक नकद धनराशि मिल जाती थी, जिसे बाद में वे वापस नहीं करते थे। इसी के चलते 13 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। सीबीआइ ने इस मामले में पहला आरोप पत्र 14 मई, 2018 को अदालत में दाखिल किया था, जिसमें 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था। घोटाले से सम्बंधित बैंक ने इस मामले में कहा था कि भारतीय बैंकों के विदेशी ब्रांचों से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स की मदद से पैसे निकाले गये। ये पैसे उन भारतीय बैंकों के हवाले से निकाले गये, जिनका संबंध नीरव मोदी और गीतांजली ग्रुप से था।
नीरव मोदी प्रकरण में क्या-क्या हुआ
1) 29 जनवरी, 2018 को पंजाब नेशनल बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और अन्य आरोपियों के खिलाफ 281 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने को लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराया।
2) 2 जून, 2018 में इंटरपोल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया।
3) 25 जून, 2018 में ईडी मुंबई की विशेष अदालत में पहुंची और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग की।
4) मार्च 2019 में नीरव मोदी को लंदन से गिरफ्तार किया गया था।
5) 18 मार्च, 2019 में ब्रिटेन के गृह विभाग द्वारा भारत सरकार का अनुरोध अदालत में भेजे जाने के बाद लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया।
6) 6 नवंबर, 2019 में ब्रिटेन की अदालत ने मोदी की नई जमानत याचिका खारिज कर दी।
7) 11 मई, 2020 को पीएनबी मामले में पांच दिनों के लिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई ब्रिटेन में शुरू हुई।
8) 7 सितंबर 2020 को ब्रिटेन की अदालत को मुंबई की आर्थर रोड जेल से संबंधित वीडियो मुहैया कराया गया।
9) 8 जनवरी 2021 को ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की।
10) 25 फरवरी 2021 को ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी को धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।