
माइक्रोसॉफ्ट की मदद से खेती में नई तकनीक को मिलेगा बढ़ावा, कृषि मंत्रालय व माइक्रोसॉफ्ट के बीच समझौता
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देते हुए सरकार देश के किसानों को भी कृषि के अलग-अलग क्षेत्रों में जोड़ने की पहल शुरू कर दी है। कोरोना काल में हुए लॉकडाउन में इसकी बानगी भी देखने को मिली, जब किसान ई-नाम और किसान रथ ऐप और पोर्टल का प्रयोग कर अपने उत्पाद को बाजार तक भेज रहे थे।
कृषि मंत्रालय व माइक्रोसॉफ्ट के बीच एमओयू
किसानों की खेती-किसानी में आधुनिक तकनीक के उपयोग की दिशा में भी काफी काम किया जा रहा है, ताकि इसके माध्यम से किसानों को सुविधा हो और उनकी आमदनी बढ़ सके। इसी के तहत कृषि मंत्रालय व माइक्रोसॉफ्ट के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस समझौते के तहत फसलों की कटाई के बाद के प्रबंधन और वितरण सहित उन्नत तथा सुव्यवस्थित खेती-बाड़ी के लिए माइक्रोसॉफ्ट किसान इंटरफेस विकसित करेगा।
6 राज्यों के 100 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत होगा काम
इस परियोजना को 6 राज्यों के 100 गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लॉन्च किया जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। चुने गए गांव में किसानों की बेहतरी के लिए विभिन्न कार्य किए जाएंगे, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। इससे ने केवल किसानों के लागत मूल्यों में कमी आएगी बल्कि खेती-बाड़ी भी आसान होगी। साथ ही साथ फसलों का बेहतर दाम भी मिल सकेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए माइक्रोसॉफ्ट अपने स्थानीय भागीदार, क्रॉपडेटा के साथ शामिल हुआ है। प्रोजेक्ट एक वर्ष के लिए है व एमओयू करने वाले दोनों पक्षकार अपनी स्वयं की लागत से इसका वहन करेंगे।
डिजिटल एग्रीकल्चर को बढ़ावा
इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना अब मूर्त रूप ले रही है। टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों के लिए खेती मुनाफे का सौदा बनेगी, साथ ही नई पीढ़ी भी कृषि की ओर आकर्षित होगी। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था हमारे देश की रीढ़ की तरह है। कृषि क्षेत्र ने कोरोना महामारी जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दिया है।
कई योजनाओं पर सरकार कर रही है काम
बता दें, सरकार का उद्देश्य असंगत सूचना की समस्या दूर करके किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से कई नई पहल शुरू की गई हैं। इस संबंध में एक प्रमुख पहल राष्ट्रीय कृषक डेटाबेस पर आधारित कृषि-कोष बनाना है। सरकार देशभर से किसानों के भू-रिकार्डों को जोड़कर किसान डेटाबेस तैयार कर रही है। पीएम किसान, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित सरकार के पास उपलब्ध आंकड़े समेकित कर लिए गए हैं व अन्य आंकड़ों को जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। कृषि मंत्रालय की सभी योजनाओं में जो भी परिसंपत्तियां निर्मित होगी, उसके जियो टैगिंग के लिए भी कृषि मंत्री तोमर ने निर्देश जारी किए हैं।