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स्कूल जाना चाहती हूं, आप मेरा एडमिशन करा दीजिए…

तीन महीने की समस्या, सीएम योगी ने तीन घंटे के अंदर सुलझाई .सोमवार को 'जनता दर्शन' में एडमिशन के लिए मुख्यमंत्री से मिली थी नन्ही बच्ची .पिता रैपिडो चलाकर करते हैं घर का भरण-पोषण.लखनऊ स्टेशन पर ही थे माता-पिता, तभी मिली खुशखबरी .माता-पिता ने सीएम योगी के प्रति जताया आभार, बोले- शब्द भी कम पड़ गए .

  • सोमवार को ‘जनता दर्शन’ में नन्ही बच्ची के अंदाज को देख मुस्कुरा उठे सीएम योगी
  • मुरादाबाद से आई वाची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलीं
  • बच्ची से मुख्यमंत्री के संवाद को देख सभी ने योगी के बालमन की तारीफ की तो बच्ची की हाजिर जवाबी पर मुस्कुरा उठे

लखनऊ : गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में संत की भूमिका, मुख्यमंत्री के रूप में सख्त प्रशासक का दायित्व, लेकिन इन सबसे इतर प्रकृति से लगाव और बच्चों से घुलने-मिलने की प्रवृत्ति के कारण योगी आदित्यनाथ की छवि हर दिल में बसी है। यूं तो हर दौरे, निरीक्षण, कार्यक्रम में बच्चों को देख योगी आदित्यनाथ उनसे मिलते, हालचाल जानते, पढ़ाई के बारे में पूछते, फिर चॉकलेट देते, लेकिन सोमवार को एक अलग ही वाकया हुआ। बच्ची से मुख्यमंत्री के संवाद को देख सभी ने योगी के बालमन की तारीफ की तो बच्ची की हाजिर जवाबी पर मुस्कुरा उठे।

सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ‘जनता दर्शन’ किया। इस दौरान मुरादाबाद से वाची नाम की नन्ही बच्ची अपनी बात लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंची। हर एक फरियादी के पास पहुंच रहे मुख्यमंत्री जब इस बच्ची के पास पहुंचे तो उसे देख सबसे पहले हालचाल पूछा, फिर उसका भी प्रार्थना पत्र लिया और पढ़ा।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाची से पूछा कि तू, स्कूल नहीं जाना चाहती है। इस पर बच्ची बोली-नहीं, मैं स्कूल जाना चाहती हूं। मैं यह कह रही थी कि आप स्कूल में मेरा एडमिशन करा दो। मुख्यमंत्री ने पूछा, किस क्लास में। 10वीं या 11वीं में, बच्ची ने तपाक से उत्तर दिया-अरे, मुझे नाम नहीं पता। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद को प्रार्थना पत्र सौंपा और कहा कि इस बच्ची का एडमिशन हर हर हाल में कराओ। मुख्यमंत्री का यह रूप देख ‘जनता दर्शन’ में आए फरियादी भी एक मिनट के लिए अपनी पीड़ा भूल मुस्कुरा उठे।

योगी जी ने मुझे बिस्कुट और चॉकलेट भी दी

मुरादाबाद से आई वाची से पूछा गया कि किससे मिलकर आई हैं, उन्होंने कहा कि मैं योगी जी से मिलकर आई। मैंने उनसे कहा कि मेरा स्कूल में एडमिशन करवा दें। जिस पर उन्होंने कहा कि मैं करवा दूंगा। मुख्यमंत्री से मिलकर प्रफुल्लित वाची ने बताया कि योगी जी ने मुझे बिस्कुट और चॉकलेट भी दी।

सुबह लगाई गुहार, दोपहर में एडमिशन पाकर पूरी हुई मुराद

लखनऊ : मुरादाबाद के अमित कुमार अपनी बेटी वाची के एडमिशन को लेकर पिछले तीन महीने से परेशान थे और लगातार चक्कर लगा रहे थे। अंततः सोमवार को ‘जनता दर्शन’ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्होंने गुहार लगाई। जिस समस्या को लेकर वे तीन महीने से परेशान थे, सीएम योगी से मिलने के बाद तीन घंटे के अंदर ही उसका समाधान हो गया। आरटीई के अंतर्गत सोमवार की दोपहर ही उसका एडमिशन मुरादाबाद के सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में हो गया। विद्यालय प्रशासन ने तत्काल इसकी जानकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी दे दी।

मुरादाबाद की वाची (5 वर्ष) सीएल गुप्ता वर्ल्ड स्कूल में नर्सरी में एडमिशन कराने की गुहार लगाने के लिए पिता अमित कुमार, मां प्राची व छोटी बहन आची के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचीं। यहां वाची ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और गुहार लगाई कि मेरा एडमिशन इस स्कूल में करा दें। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल बच्ची का एडमिशन कराने का आदेश दिया। इस पर स्कूल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री के आदेश का तत्काल पालन करते हुए बच्ची को प्रवेश दे दिया।

ट्रेन से पहले जीवन की पटरी पर आई खुशी

मुरादाबाद के अमित कुमार परिवार के साथ सुबह मुख्यमंत्री से निकले। फिर बच्चों को नाश्ता-पानी, भोजन कराने के उपरांत मुरादाबाद की ट्रेन पकड़ने लखनऊ रेलवे स्टेशन पहुंचे। दोपहर तीन बजे वे स्टेशन पर ही थे, तभी उन्हें यह सूचना मिली। सूचना पाकर प्रफुल्लित अमित कुमार व उनकी पत्नी प्राची ने मुक्तकंठ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की।

शब्द भी छोटे पड़ गए, भाव ही सब कुछ कह गए

अमित कुमार मुरादाबाद में रैपिडो चलाते हैं। परिवार में उनकी पत्नी प्राची व दो बेटियां (वाची और आची) हैं। वाची 11 जून को पांच वर्ष की हुई हैं, जबकि छोटी बेटी आची अभी तीन वर्ष की हैं। अमित ने बताया कि वे तीन महीने से परेशान थे, लेकिन सीएम से मिलते ही तत्काल समस्या का समाधान हो गया। अमित व प्राची ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए कहा कि मेरे पास शब्द नहीं हैं। अभिभावक स्वरूप उनके इस व्यवहार का मैं कायल हूं। हमारी फरियाद तत्काल सुनकर उसे पूरा कराकर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि वे पूरे यूपी के अभिभावक हैं। उनके शासन में बेटियां सर्वदा सम्मान से सिर उठाकर बढ़ती रहेंगी।

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