BusinessUP Live

नई खाद्य प्रसंस्करण नीति से ग्रामीण विकास को मिलेगी नई दिशा, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 70 इकाइयों को मिला 85 करोड़ रुपये का अनुदान

  • महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को मिलेगी विशेष सुविधाएं
  • नीति के तहत अब तक 1.50 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए ठोस एवं प्रभावी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की संख्या बढ़ाने, पुरानी इकाइयों को उच्चीकृत करने और उन्हें बेहतर संचालन की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नई नीति के तहत अनुदान और सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को इस नीति की जानकारी दें और उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए प्रेरित करें।

प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने से किसानों की आय में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही, इन उद्योगों से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लगभग 65,000 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित हैं, जिनमें करीब 2.55 लाख लोगों को रोजगार मिला है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत प्रदेश में अब तक 15,000 से अधिक इकाइयों को अनुदान स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे 1.50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं।

खाद्य प्रसंस्करण नीति से निवेश और रोजगार को मिल रही है नई गति

योगी सरकार की “उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023” के तहत 4000 करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को और अधिक सशक्त किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 70 इकाइयों को 85 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। इस नीति के तहत उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस नीति के कारण प्रदेश प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा, पिछले महीने परियोजना प्रस्ताव स्वीकृति में 98 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है, जो कि प्रदेश सरकार की इस दिशा में मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को भी मिलेगा लाभ

योगी सरकार की इस नीति का लाभ महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को भी मिलेगा। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रधानमंत्री एफएमई योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन (डीआरपी) का चयन किया जाएगा, जो योजना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहयोग करेंगे। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सफल बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण और हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी, जिससे उद्यमियों की क्षमता में वृद्धि होगी। इस नीति को सफलतापूर्वक लागू करने और अधिक से अधिक उद्यमियों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए मुख्य विकास अधिकारियों और बैंकर्स के साथ जल्द ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में न केवल अनुदान वितरण प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने पर विचार किया जाएगा, बल्कि उद्यमियों को कम ब्याज दरों पर ऋण सुविधा दिलाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विस्तार से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। यह उद्योग न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे, बल्कि कृषि उत्पादों का सही मूल्य दिलाकर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से प्रदेश के छोटे और मध्यम उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे, जिससे आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को गति मिलेगी। प्रदेश सरकार की यह योजना उद्योग जगत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी, जिससे उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े खाद्य प्रसंस्करण हब के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।

महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ के पार

सशक्त हो रही ग्रामीण महिलाएं, 90 फीसदी से ज्यादा घरों पर महिलाओं का स्वामित्व

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button