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राष्ट्रगान अपमान:राज्यपाल रवि ने विधानसभा में अभिभाषण का किया बहिष्कार

चेन्नई : संविधान और राष्ट्रगान के अपमान के कारण तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने सोमवार को तमिलनाडु विधानसभा में अपने पारंपरिक नववर्ष अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया।राज्यपाल को सदन में लाने के लिए अध्यक्ष एम अप्पावु की ओर से पारंपरिक स्वागत के लिए पहुंचे, लेकिन तमिल थाई वाझथु के पाठ के तीन मिनट बाद ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार की ओर से तैयार अपना अभिभाषण दिए बिना चले गए, जिसके साथ उनका कई मुद्दों पर मतभेद था।

राजभवन ने ‘एक्स’ पर सोमवार को कहा,“संविधान और राष्ट्रगान का आज तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर अपमान किया गया। राष्ट्रगान का सम्मान करना, हमारे संविधान में निहित प्रथम मौलिक कर्तव्यों में से एक है। इसे सभी राज्य विधानसभाओं में राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत और अंत में गाया जाता है। आज राज्यपाल के सदन में आगमन पर केवल तमिल थाई वाझथु गाया गया।

”श्री रवि के सोमवार को विधानसभा में अपना पारंपरिक नववर्ष संबोधन न करना सत्ताधारी दल द्रमुक और राजभवन के बीच जारी तकरार को भी पूरीतरह सार्वजनिक कर दिया।पारंपरिक तमिल थाई वाज़थु प्रार्थना गीत के पाठ के बाद तमिल मातृ देवता का आशीर्वाद लेते हुए, राज्यपाल सदन में सरकार की ओर से तैयार किए गए अपने पारंपरिक नए साल के संबोधन को संबोधित किये बिना ही सदन से चले गए। यह लगातार तीसरा साल है जब सदन में राज्य सरकार के साथ राज्यपाल का विवाद जारी रहा।पिछले साल, राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के कृत्य के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।

राज्यपाल इस साल भी वे आए लेकिन अपना अभिभाषण दिए बिना ही चले गए। बाद में, राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल ने राष्ट्रगान न गाए जाने के कारण हुए अपमान के कारण अभिभाषण नहीं दिया।गौरतलब है कि राजभवन और सत्तारूढ़ द्रमुक के बीच कई मुद्दों पर मतभेद जारी है।

पहले भी विधानसभा सत्र के दौरान हो चुका है विवाद

गौरतलब है कि बीते दो साल से विधानसभा सत्र में राज्यपाल के संबोधन के दौरान खासा विवाद देखने को मिला है। पिछली बार राज्यपाल ने संबोधन के दौरान सरकार के बयान की कुछ लाइनें पढ़ने से इनकार कर दिया था। जिस पर खूब विवाद हुआ था। इस साल भी विधानसभा सत्र के दौरान हंगामे की उम्मीद है क्योंकि तमिलनाडु में अन्ना विश्वविद्यालय में छात्रा से दुष्कर्म का मामला गरमाया हुआ है और विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर हमलावर हैं। अब राज्यपाल की नाराजगी से हंगामा और बढ़ने की आशंका है।

अन्ना विश्वविद्यालय मुद्दे पर सदन में हंगामा

राज्यपाल के इस तरह सदन छोड़कर जाने पर सत्ताधारी डीएमके और कांग्रेस के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने कहा, ‘राज्यपाल तमिलनाडु के लोगों और पुलिस के खिलाफ हैं। वह विधानसभा से कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते।’ राज्यपाल के जाने के तुरंत बाद अन्ना विश्वविद्यालय की छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ एआईएडीएमके ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्पीकर ने मार्शलों को प्रदर्शनकारी विधायकों को बाहर निकालने का आदेश दिया। पीएमके और भाजपा ने भी अन्ना विश्वविद्यालय मुद्दे पर वॉकआउट किया।(वार्ता)

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