International

एनएबी ने इमरान को भ्रष्टाचार मामले में आठ दिन की हिरासत में भेजा

नौ मई पाकिस्तान के इतिहास का ‘काला अध्याय’ : सेना

इस्लामाबाद : इस्लामाबाद की एक जवाबदेही अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की आठ दिन की हिरासत में भेज दिया है।जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने पीटीआई प्रमुख श्री इमरान के खिलाफ संदर्भ को सुना था और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।श्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था और आज इस्लामाबाद में पुलिस लाइन मुख्यालय में जवाबदेही अदालत में पेश किया गया।

पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ख्वाजा हारिस, फैसल चौधरी, अली गोहर और अली बुखारी अदालत में पेश हुए। जवाबदेही ब्यूरो पुलिस लाइन में पूर्व प्रधानमंत्री से पूछताछ करेगा। एनएबी ने श्री इमरान खान की 14 दिन की हिरासत की मांग की थी।हिरासत की मांग पर इमरान के वकीलों ने तर्क दिया कि एनएबी के पास मामले में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी संस्था ने भी जांच रिपोर्ट साझा नहीं की।उन्होंने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई श्री इमरान खान का मौलिक अधिकार है। उनके वकील ने अदालत से आग्रह किया, इमरान खान का मुकदमा खुली अदालत में होना चाहिए।

एनएबी के अभियोजक सरदार मुजफ्फर ने अदालत को बताया कि हिरासत के समय श्री इमरान खान को गिरफ्तारी वारंट दिखाया गया था। उन्होंने उनकी परिषद को आश्वासन दिया कि आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे।उन्होंने कहा कि यह एक भ्रष्टाचार का मामला है जिसकी ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने जांच की है। उन्होंने कहा कि प्राप्त धन पाकिस्तान सरकार को स्थानांतरित करने के लिए था , इसके बजाय धन को बहरिया टाउन में स्थानांतरित कर दिया गया था।एनएबी के अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद बशीर को बताया कि गिरफ्तारी के समय श्री इमरान को वारंट दिखाया गया था।

हालांकि, पीटीआई प्रमुख ने दावे का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने एनएबी कार्यालय पहुंचने के बाद गिरफ्तारी वारंट देखा।न्यायाधीश ने ब्रेक की अनुमति तब दी जब श्री इमरान ने शिकायत की कि अधिकारियों ने सुनवाई से पहले उनके वकीलों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी।सुनवाई के दौरान, श्री इमरान खान ने अदालत को बताया कि वह 24 घंटे तक शौचालय नहीं गए थे, और अपने निजी चिकित्सक डॉ फैसल को बुलाने के लिए कहा।श्री इमरान के वकील ख्वाजा हारिस ने अदालत को बताया कि अल-कादिर ट्रस्ट की जमीन पर एक इमारत का निर्माण किया गया था जहां लोग मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे थे।

इस बीच, एनएबी को सौंपी गई एक मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि श्री खान को फिट घोषित कर दिया गया है और उन्होंने डॉक्टरों से किसी दर्द की शिकायत नहीं की।इस बीच पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के लिए कहा।श्री कुरैशी ने इस्लामाबाद में पुलिस लाइंस गेस्ट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए प्रदर्शनकारियों से कहा,“शांतिपूर्ण विरोध आपका संवैधानिक अधिकार है, इसे जारी रखें। लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें।” उन्होंने कहा कि अधिकारी उनके खिलाफ फर्जी मामले दर्ज करना चाहते हैं, उन्हें मौका न दें।

गौरतलब है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार रात अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी को कानूनी करार दिया।आईएचसी ने अदालत की अवमानना ​​को लेकर इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक और आंतरिक सचिव को भी नोटिस जारी किया।मुख्य न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को गिरफ्तारी की परिस्थितियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया, जिसमें पास में मौजूद वकीलों के साथ मारपीट और अदालत की इमारत को नुकसान पहुंचाना शामिल था।

उन्होंने रजिस्ट्रार को जांच कर 16 मई तक रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया।सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस लाइन के आसपास 1500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।उल्लेखनीय है कि एनएबी ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार किया। यह मामला अल-कादिर विश्वविद्यालय के लिए भूमि के अवैध अधिग्रहण और निर्माण से संबंधित है।उन्होंने कहा कि पूछताछ एवं जांच की प्रक्रिया के दौरान, ट्रस्ट मामले में श्री इमरान खान और उनकी पत्नी को कई नोटिस जारी किए गए। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री या उनकी पत्नी द्वारा किसी भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया था।

नौ मई पाकिस्तान के इतिहास का ‘काला अध्याय’ : सेना

पाकिस्तान की सेना ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर सेना की संपत्ति और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाये जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि नौ मई के विरोध प्रदर्शनों को इतिहास में एक ‘काले अध्याय’ के रूप में याद किया जाएगा।इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने आज यहां जारी एक बयान में कहा, “हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे।”(वार्ता)

पाकिस्तान में हिंसा के मद्देनजर फेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब पर रोक

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार

VARANASI TRAVEL
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Back to top button
%d bloggers like this: