वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम चतुर्थ) रामचन्द्र की अदालत ने हत्या के मामले में सलारपुरा निवासी अभियुक्त वसीम अहमद उर्फ बाबू व मुहम्मद इमरान को दोषी पाने पर आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। एडीजीसी विनय कुमार सिंह के अनुसार जैतपुरा थाना क्षेत्र के सलारपुरा निवासी सिराजुद्दीन ने जैतपुरा थाने में 10 जून 2011 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसका 20 वर्षीय पुत्र रेयाज उर्फ जुम्मन कपड़ा बुनाई का कार्य करता था। उसके साथ ही उसके रिश्ते का साला वसीम उर्फ बाबू भी बनाई का काम करता था। उसके पुत्र ने जुम्मन को 50 हजार का कपड़ा तैयार कर बेचने के लिए दिया, जिसे बेचकर उसने सिर्फ 15 हज़ार रुपये उसके पुत्र को दिया। इसको लेकर जब उसके पुत्र ने बकाया पैसों की मांग किया तो जुम्मन ने मुहम्मद इमरान के साथ मिलकर चार जून 2011 को बाबू को घर से बियर पिलाने के बहाने बुलाकर नक्खीघाट के निकट तीन तड़वा घाट पर ले जाकर उसे वरुणा नदी में डुबोकर उसकी हत्या कर दी और वहां से फरार हो गए।
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