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हब स्पोक मॉडल पर केजीएमयू, आरएमएल और एसजीपीजीआई की टेलीमेडिसिन सेवा से सभी मेडिकल कॉलेज जोड़ें: मुख्यमंत्री

जनपदीय दौरों पर जाएं स्वास्थ्य विभाग के शासन विभाग के अधिकारी, व्यवस्थाओं की करें पड़ताल: मुख्यमंत्री.टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में सभी की भूमिका टीबी मरीजों के गोद लेने आगे बढ़ें जनप्रतिनिधियों: मुख्यमंत्री.प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत जारी परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित कराएं.एम्बुलेंस सेवा को और बेहतर बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर.

  • मुख्यमंत्री का निर्देश, आरएमएल, लखनऊ में बढ़ाएं रैन बसेरों की संख्या
  • ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सेवा सुविधा को और बढ़ाने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, अस्पतालों में फायर सेफ्टी के हों पुख्ता इंतजाम
  • आयुष्मान भारत के पंजीकृत अस्पतालों को 30 दिन में हो जाये भुगतान: मुख्यमंत्री
  • पीएचसी/सीएचसी/जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायें: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, दवाओं की कमी न हो, सस्ती और पर्याप्त दवाओं की सभी जिलों में बनी रहे उपलब्धता

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को को स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने टेलीमेडिसिन, अस्पतालों में फायर सेफ्टी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, आयुष्मान भारत योजना और एंबुलेंस सेवाओं सहित विभिन्न विषयों पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हब स्पोक मॉडल के तहत केजीएमयू, आरएमएल और एसजीपीजीआई की टेलीमेडिसिन सेवा से सभी मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जाए, जिससे मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय आसानी से मिल सके। उन्होंने आरएमएल, लखनऊ में मरीजों और उनके तीमारदारों की सुविधा हेतु रैन बसेरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) सेवाओं को और सुलभ बनाया जाए, ताकि जरूरतमंद मरीजों को समय पर इसका लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से जिलों का भ्रमण कर अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जांच करें और सुधार सुनिश्चित करें। अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा (फायर सेफ्टी) के मानकों का कड़ाई से पालन कराये जाएं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों को 30 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए, जिससे मरीजों को सुविधाएं निर्बाध रूप से मिलती रहें।

बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, ताकि मरीजों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में सभी की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके उपचार और पुनर्वास में योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सस्ती और पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। साथ ही एंबुलेंस सेवाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए रिस्पॉन्स टाइम को और बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय पर मरीजों को उपचार मिले, इसमें एम्बुलेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया।

बैठक में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग से जुड़े अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं, उपलब्धियों एवं आगामी रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की।

बीते 08 वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में हुए व्यापक सुधार एवं विस्तार पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 की तुलना में 2024 में डेंगू मृत्यु दर में 93% की कमी आई। इसी तरह, जापानी इंसेफेलाइटिस और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामलों में क्रमशः 87% और 76% की कमी आई, जबकि इनसे होने वाली मौतों में 97% और 98% की गिरावट दर्ज की गई। यह सुखद परिणाम टीमवर्क और सही नियोजन का ही परिणाम है। आज 5.21 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। अन्य पात्र जनों को भी इससे लाभान्वित कराया जाए।

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