
लौह पुरुष सरदार पटेल का स्मरण किया गया 145 वीं जयंती पर
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राज्यपाल द्वारा सरदार पटेल की प्रतिमा का ऑनलाइन अनावरण
जौनपुर। जिले में शनिवार को 145 वीं जयंती पर अखंड भारत के शिल्पकार एवं भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में लौह पुरुष के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा हुई तथा रियासतों का भारत संघ विलय करवा कर एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान के लिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई। जिले के शिक्षा संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित हुए।
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सरदार पटेल की मूर्ति का ऑनलाइन अनावरण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि सरदार पटेल का व्यक्तित्व और कृतित्व न केवल विद्यार्थियों के लिए अपितु समस्त युवा पीढ़ी, प्रबुद्धजन एवं राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति श्रद्धा रखने वाले समस्त भारतवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि आज के दिन विश्वविद्यालय में सरदार पटेल की प्नतिमा का अनावरण वास्तव में देश और प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक जो हम अखंड भारत देख रहे हैं वह सरदार पटेल की ही देन है।उन्होंने नई शिक्षा नीति- 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति भारत को नई दिशा देने के साथ-साथ युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी। उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव और महर्षि वाल्मीकि जयंती और इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें भी नमन किया। प्रतिमा अनावरण समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सरदार पटेल दृढ़ इच्छाशक्ति नेतृत्व, कौशल और अदम्य साहस के कारण पूरे देश में याद किए जाते हैं। हम सौभाग्यशाली कि हमें ऐसे महापुरुष की प्रतिमा को विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित कर अपने विद्यार्थियों, शिक्षकों और समाज के सभी वर्गों को राष्ट्रीय एकता का संदेश देने का अवसर मिला।
जिला मुख्यालय पर सरदार सेना के जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल के नेतृत्व में विकास भवन स्थित लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे भारत देश की एकता के सूत्रधार थे। ऐसे महापुरुष को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है। गृह मंत्री बनने के बाद भारतीय रियासतों के विलय की जिम्मेदारी उनको ही सौंपी गई थी। उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करते हुए छोटी-बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराया। भारत के राजनीतिक इतिहास में सरदार पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरदार पटेल नवीन भारत के निर्माता थे, राष्ट्रीय एकता के बेजोड़ शिल्पी थे। देश के विकास में सरदार पटेल के महत्व को सदैव याद रखा जाएगा। देश की आजादी के संघर्ष में उन्होंने जितना योगदान दिया उससे ज्यादा योगदान उन्होंने स्वतंत्र भारत को एक करने में दिया। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देकर सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया था। वास्तव में वे आधुनिक भारत के शिल्पी थे। उनके कठोर व्यक्तित्व में संगठन कुशलता, राजनीतिक दूरदर्शिता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अटूट निष्ठा थी। स्वतंत्र भारत के पहले तीन वर्ष सरदार पटेल देश के उप प्रधानमंत्री,गृह मंत्री,सूचना प्रसार मंत्री रहे इससे भी बढ़कर उनकी ख्याति भारत के राजवाड़ों को शांतिपूर्ण तरीके से भारतीय संघ में शामिल करने को लेकर है। आज देश को फिर सरदार पटेल जैसे नेता की आवश्यकता है। कहा कि वर्तमान राजनेताओं को सरदार पटेल से सीख लेनी चाहिए इस कार्यक्रम के दौरान राजकुमार सिंह,वृजेन्द्र पटेल,मुन्ना लाल, श्याम सुंदर,आशू यादव,विपिन पटेल,लवकुश पटेल,राजेश यादव, मोहम्मद राजेंद्र प्रसाद,सूर्यमणि सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।