संयुक्त राष्ट्र में भारत की अपील, कूटनीति और वार्ता के रास्ते पर लौटें रूस व यूक्रेन
न्यूयॉर्क । यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध लगातार जारी रहने से संयुक्त राष्ट्र संघ भी चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने रूस एवं यूक्रेन से कूटनीति और वार्ता के रास्ते पर लौटने की अपील की है।
यूक्रेन के नागरिकों की सुरक्षा और बच्चों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने लगातार शत्रुता और हिंसा को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया है। भारत ने दोनों पक्षों से वापस बातचीत पर लौटने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि भारत ने कूटनीति और संवाद का मार्ग प्रशस्त किया और संघर्ष को समाप्त करने के सभी राजनयिक प्रयासों के लिए अपना समर्थन भी व्यक्त किया है। भारत का मानना है कि निर्दोष जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं आ सकता है। भारतीय प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात की है और भारत की स्थिति को दोहराया है। भारत शांति स्थापना के उद्देश्य से ऐसे सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
कंबोज ने यूक्रेन की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत देश के हालात को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई। विशेषकर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग निशाने पर आए, लाखों लोग बेघर हो गए और पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए। हाल के सप्ताहों में नागरिकों और असैन्य बुनियादी ढांचे पर हमलों की रिपोर्टें बेहद चिंताजनक हैं। यूक्रेन और अन्य कम आय वाले देशों को मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत के प्रयासों को याद करते हुए कंबोज ने कहा कि हम यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान कर रहे हैं और अपने कुछ पड़ोसियों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि कम आय वाले देशों को मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों की कमी से लड़ने में मदद करने के लिए भारत ने अफगानिस्तान, म्यांमार, सूडान और यमन सहित जरूरतमंद देशों को 18 लाख टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का असर सिर्फ यूरोप तक ही सीमित नहीं है। संघर्ष विशेष रूप से विकासशील देशों में भोजन, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर चिंता को बढ़ा रहा है।
रूस ने लगाया यूक्रेन को भड़काने का आरोप, अमेरिका ने किया इनकार
यूक्रेन द्वारा रूस के अंदर घुस कर वायुसेना अड्डे को तबाह किए जाने सहित लगातार हमले किये जाने पर रूस की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई है। रूस ने अमेरिका पर यूक्रेन को भड़काने का आरोप लगाया है। अमेरिका ने सफाई देते हुए इन आरोपों से साफ इनकार किया है।
यूक्रेन ने रूस के भीतर घुसकर हमला किया है। एक रूसी वायुसेना अड्डे की तबाही के बाद वहां से आग की लपटें उठने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। इसके बाद रूस ने इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। रूस का कहना है कि अमेरिका न सिर्फ यूक्रेन को हमले के लिए भड़का रहा है, बल्कि यूक्रेन को सैन्य मदद भी भेज रहा है। रूस के इन आरोपों को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने खारिज कर दिया है। अमेरिका के ऊपर लग रहे आरोपों को बिल्कुल निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को हमले के लिए नहीं उकसाया है।
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन द्वारा रूस पर किये जा रहे ड्रोन हमलों को देखते हुए रूसी सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में रूस की सुरक्षा में सेंध लगाने को लेकर हुई चर्चा के दौरान सैन्य अधिकारियों ने अमेरिका को इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उनका तर्क था कि अमेरिका ने अब तक इस हमले की निंदा नहीं की। साथ ही इस बार यूक्रेन भी हमले को सीधे तौर पर स्वीकार करने से बच रहा है। रूस के कड़े तेवरों के बाद अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने से इनकार कर दिया है। अमेरिका को डर है कि इससे रूसी सेना के साथ अमेरिकी व नाटो सेनाओं का सीधा टकराव हो सकता है। (हि.स.)।