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भारत और अमेरिका मिलकर करेगा वैश्विक चुनौतियों से सामनाः बाइडन

वाशिंगटन । भारत को जी 20 की अध्यक्षता मिलने पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुशी जताते हुए भारत को अमेरिका का मजबूत साझीदार बताया है। उन्होंने कहा कि जी 20 देशों की अध्यक्षता के दौर में वह अपने मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा समर्थन करेंगे।राष्ट्रपति बाइडन ने एक ट्वीट में कहा कि वह भारत के साथ बेहतर होते संबंधों में भी विकास का क्रम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों वाले क्षेत्र-पर्यावरण, ऊर्जा और खाद्य समस्या पर कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।

दरअसल, गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि जी 20 की अध्यक्षता मिलने के अवसर को वह नई संभावनाओं के द्वार खुलने के तौर पर देख रहे हैं। भारत एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की अवधारणा लेकर सबके साथ मिलकर कार्य करने का इच्छुक है।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के लिए भारत को दुनिया के 20 के सबसे ज्यादा संपन्न और औद्योगिक देशों के संगठन जी 20 की अध्यक्षता मिली है और गुरुवार को भारत औपचारिक रूप से जी 20 का अध्यक्ष देश बन गया।

वक्त के साथ और मजबूत हुए हैं भारत-बांग्लादेश संबंध: बांग्लादेश के शिक्षा मंत्री

बांग्लादेश की शिक्षा मंत्री दीपू मोनी ने कहा है कि वक्त के साथ भारत-बांग्लादेश संबंध और मजबूत हुए हैं। शिक्षा मंत्री दीपू मोनी शुक्रवार को कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर में आयोजित आठवें बांग्लादेश पुस्तक मेले के उद्घाटन के बाद संबोधित कर रहे थे।बांग्लादेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए हुए मुक्ति संग्राम के दौरान हमारे लोगों द्वारा दिए गए बलिदान और भारत से हमें मिले समर्थन से रिश्ते मजबूत हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस रिश्ते को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। हमारे पास गरीबी, आतंकवाद, अशिक्षा जैसे दुश्मन हैं और हमें इनसे एक साथ लड़ना है। मोदी और शेख हसीना इस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के एजेंडे को आगे बढ़ाने में जी-20 में रचनात्मक भूमिका निभाएंगी।

उल्लेखनीय है कि कोलकाता में बांग्लादेश पुस्तक मेले का आयोजन वर्ष 2011 से शुरू हुआ था। पिछले दो साल वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से इसका आयोजन नहीं हो सका था। 2014 के बाद से कार्यक्रम को केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रखा गया बल्कि सांस्कृतिक आयोजन भी हो रहे हैं। यह पुस्तक मेला 11 दिसंबर तक चलेगा।

इजरायल-भारत स्वाभाविक सहयोगीः राष्ट्रपति हरजोग

इजरायल के राष्ट्रपति आइजैक हरजोग ने कहा है कि भारत और इजरायल स्वाभाविक सहयोगी हैं। दोनों लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता से बंधे हैं। राष्ट्रपति हरजोग ने यह टिप्पणी यहां गुरुवार शाम एक प्रदर्शनी में की। इसमें भारतीय देवी- देवताओं की मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं।हरजोग ने इजरायल संग्रहालय में ‘बॉडी ऑफ फेथ: स्कल्पचर फ्रॉम द नेशनल म्यूजियम ऑफ इंडिया’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रदर्शनी को दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती का प्रतिफल बताया। उन्होंने कहा-‘यह शाम भारतीय लोगों के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देते हुए हमारी साझा मानवता के दृष्टिकोण को सामने लाती है। यह दोनों देशों की कला और संस्कृति का प्रतिबिंब है।’

इजराइल संग्रहालय के प्रवक्ता के मुताबिक प्रदर्शनी में चौथी और तेरहवीं शताब्दी के बीच निर्मित 14 भारतीय प्रतिमाएं प्रदर्शित की गई हैं। इनमें से कुछ नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय से मंगवाई गई हैं। उधार में ली गई इन प्रतिमाओं को वापस भी किया जाएगा। छह महीने तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में अकादमिक वार्ता और भारत के चयनित कलाकारों के विशेष व्याख्यान भी होंगे।इजरायल के राष्ट्रपति ने कहा-‘यह कितने सम्मान और खुशी की बात है। मुझे प्रदर्शनी देखने का सौभाग्य मिला और यह अविश्वसनीय है। इस सहयोग से लोगों को उत्कृष्ट मूर्तियों के अवलोकन के साथ ही हिंदू संस्कृति के बारे में बेहतर जानकारी मिल सकेगी। ये उत्कृष्ट कृतियां भारतीय इतिहास में तीन अलग-अलग अवधि की हैं।’ हरजोग ने उद्घाटन समारोह को ‘संस्कृति, इतिहास और मित्रता की अद्भुत शाम’ बताया। इस मौके पर इजरायल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला भी मौजूद रहे।

यूक्रेन संकट पर नई दिल्ली निष्क्रिय नहीं, दोनों पक्षों से हो रही है वार्ताः रुचिरा कंबोज

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत दोनों पक्षों से बात कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई दिल्ली इस युद्ध को लेकर ‘निष्क्रिय’ नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की दिसंबर महीने के लिए अध्यक्ष रुचिरा ने कहा कि भारत ने शांति का पक्ष लिया है और कूटनीति एवं संवाद के जरिये तनाव कम करने का समर्थन किया है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक-एक महीने के लिए क्रमवार मिलने वाली अध्यक्षता के तहत दिसंबर माह में इस पद की जिम्मेदारी भारत ने गुरुवार को संभाली। 15 सदस्यीय इस निकाय की अध्यक्षता करने के दौरान भारत आतंकवाद की रोकथाम और बहुपक्षीय सुधार को लेकर कई प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा। भारत की इस अध्यक्षता के साथ ही उसकी सुरक्षा परिषद की दो साल की सदस्यता की अवधि भी समाप्त हो जाएगी, क्योंकि परिषद में अस्थायी सदस्यों का केवल दो साल का कार्यकाल होता है।

कंबोज ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में जोर देकर कहा कि भारत और रूस महत्वपूर्ण संबंधों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा- ‘भारत बहुत बड़ा देश है। वह अपने पैरों पर खड़ा है और उसे स्वयं पर गर्व है। जहां तक यूक्रेन संघर्ष का सवाल है, तो हम शुरू से ही अपने रुख को लेकर स्पष्ट हैं। हमने एक स्वर में शांति की बात की। हमने शांति का पक्ष लिया और समाधान के लिए कूटनीति और संवाद का समर्थन किया।’रुचिरा कंबोज ने यह टिप्पणी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर की। लावरोव ने कहा था कि नाटो भारत को रूस विरोधी और चीन विरोधी गठबंधन में खींचना चाहता है। उन्होंने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं।’

कंबोज ने कहा-‘हम उन कुछ देशों में हैं जो दोनों पक्षों से बातचीत करने की हिम्मत रखते हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘ यह युद्ध का युग नहीं है’। इस टिप्पणी को वैश्विक मान्यता मिली है औरहाल में इंडोनेशिया के बाली में अंगीकार किए गए जी-20 घोषणापत्र में भी इसे जगह दी गई है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत को मानवीय स्थिति की जानकारी है और उसने चिकित्सा मदद की 12 खेप यूक्रेन भेजी है और वहां शिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए वित्तीय मदद की है। उन्होंने कहा- ‘साथ ही हमारे रूस के साथ भी अच्छे संबंध हैं। जहां तक अमेरिका से संबंधों का सवाल है तो वह वृहद रणनीतिक साझेदारी है जो पहले कभी इतनी करीबी और मजबूत नहीं थी जैसी आज है।’ सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर यूक्रेन संकट से निपटने में भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-‘हम सभी पक्षों से संपर्क जारी रखेंगे।'(हि.स.)।

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